रंग लाई विनीता की मुहिम, प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी। क्षेत्र में खुशी की लहर..

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उत्तरकाशी: सुप्रीम कोर्ट ने चारधाम सड़क परियोजना के तहत सड़कों को चौड़ा करने के रास्ते को साफ कर दिया है। मंगलवार को अदालत की ओर से केंद्र सरकार को चारधाम रोड प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है। कोर्ट ने उत्तराखंड में परियोजना के लिए तीन हाईवे को डबल-लेन हाईवे बनाने की मंजूरी दे दी है। कोर्ट सरकार के इस तर्क से सहमत है कि क्षेत्र में व्यापक सड़कें रणनीतिक महत्व की थीं। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सुुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चारधाम सड़क परियोजना के तहत भारत-चीन सीमा पर सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने की अनुमति दे दी है।

कोर्ट के इस निर्णय से उत्तरकाशी जनपद मेें भी सड़कों में सुधार होने की उम्मीद जगी है। यमुनोत्री व गंगोत्री हाईवे का बड़ा हिस्सा भी इसकी जद में है। वहीं स्थानीय निवासियों के साथ ही होटल व्यवसायियों ने भी इस निर्णय पर खुशी जताई है। चारधाम सड़क चौड़ीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भटवाड़ी प्रमुख विनीता रावत और जगमोहन रावत ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार का आभार प्रकट किया है। इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भटवाड़ी प्रमुख विनीता रावत ने मुलाकात भी की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि इस बॉर्डर सड़क पर स्थानीयों के साथ ही सेना के बड़े वाहनों को भी आसानी से आ जा सकेंगे साथ ही तीर्थाटन और पर्यटन से भी स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, सबसे बड़ी बात पलायन भी रुकेगा जो प्रदेश की जरूरत है।

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भटवाड़ी ब्लॉक प्रमुख विनिता रावत ने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से स्थानीय होटल कारोबारी व स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों में खुशी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर करने का निर्देश दिया है। इससे सामरिक दृष्टि से चीन से मुकाबला तो होगा ही, साथ ही पर्यटन पर भी इसका अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। वर्षभर पर्यटन गतिविधियों को मजबूती मिलने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

मजबूत हो सकेंगी रक्षा तैयारियां
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद चीन बॉर्डर पर रक्षा तैयारियों को मजबूत किया जा सकेगा। कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को अनुमति दे दी है कि ऋषिकेश से गंगोत्री तक सड़क को 10 मीटर तक चौड़ा किया जा सकता है। चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से सितंबर 2020 आदेश को संशोधित करने का आग्रह किया था। तब सड़क की चौड़ाई को 5.5 मीटर तक ही सीमित रखने का आदेश दिया गया था और इसकी वजह पर्यावरण संबंधी चिंताएं थीं।

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टैंक जैसे हथियार भी आसानी से पहुंचेंगे बॉर्डर
इस पर रक्षा मंत्रालय ने तर्क दिया था कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। सरकार का तर्क है कि सड़क को इतना चौड़ा किए जाने की जरूरत है जिससे टैंक जैसे भारी भरकम हथियारों को आसानी से बॉर्डर के करीब ले जाया जा सके। 12 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली करीब 900 किमी वाली चारधाम परियोजना पर्यावरण एवं अन्य कारणों से अदालत में लंबित थी। इस मामले में रक्षा मंत्रालय ने हलफनामा भी दायर किया था। ऑल वेदर चारधाम परियोजना ऋषिकेश को गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ से जोड़ेगी। इनमें से एक हिस्से पर सड़क की चौड़ाई के बारे में उच्चतम न्यायालय में मामला था, जिसके कारण ये आगे नहीं बढ़ पा रही थी।

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