सख्त निर्देश: प्लास्टिक और कूड़ा खुले में जलाया तो लगेगा पांच हजार का जुर्माना..

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देहरादून: प्लास्टिक या कचरा जलाना पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, इस बात को हम सभी लोग भलि-भांति जानते है, लेकिन यह जानते हुए भी कुछ लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं और सरेआम प्लास्टिक का कचरा जला रहे हैं। इससे न केवल फेफड़ों से संबंधित बीमारियां जन्म ले रही हैं बल्कि पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ रहा है, लेकिन अब खुले में प्लास्टिक या कूड़ा जलाना आपको काफी महंगा पड़ सकता है। जी हां, यदि आप देहरादून ऋषिकेश के निवासी हैं तो ये खबर आपके लिए है। देहरादून प्रशासन ने खुले में प्लास्टिक या कूड़ा जलाने पर 5,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान रखा है। देहरादून के डीएम आर राजेश कुमार ने कहा कि खुले में प्लास्टिक या कचरा जलाने वालों से 5,000 रुपए जुर्माने के तौर पर वसूले जाएंगे। डीएम ने नगर निगम व संबंधित विभागों को खुले में कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ चालान करने का निर्देश दिया है। 

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इस संबंध में देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने आदेश जारी कर दिए हैं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में देहरादून और ऋषिकेश में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत वायु गुणवत्ता सुधार कार्य-योजना को लेकर समीक्षा बैठक की गई। जिसमें जिलाधिकारी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, परिवहन विभाग, नगर निगम, एमडीडीए, यातायात पुलिस, वन विभाग, स्मार्ट सिटी, लोक निर्माण विभाग, खाद्य सुरक्षा, राजस्व विभाग और खाद्य आपूर्ति समेत सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए। जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने देहरादून और ऋषिकेश शहर में प्रदूषण रोकथाम विशेषकर पीएम 10 व पीएम 2.5 पार्टीकल की रोकथाम के लिए अपने-अपने विभागीय स्तर पर तथा सामूहिक रूप से गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए।

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वहीं जिलाधिकारी ने मानक के अनुसार प्रदूषण में कमी करने के लिए एंफोर्समेंट की कार्रवाई करने, प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए विभागीय स्तर पर माइक्रो प्लान साझा करने तथा उसी के मुताबिक तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को विभिन्न संबंधित विभागों से बेहतर समन्वय, सूचनाओं के अपडेटेशन और उनका सटीक आदान-प्रदान करने के साथ ही विभिन्न निकायों व संस्थाओं द्वारा किए जाने वाले पर्यावरणीय उल्लंघन की रोकथाम के लिए सख्ती से कार्रवाई करने के लिए कहा। डॉ. आर राजेश कुमार ने बैठक में प्रदूषण के विभिन्न हाॅट-स्पाॅट की पहचान करते हुए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के साथ ही अन्य तकनीकी एजेंसियों के सहयोग से तकनीक का बेहतर उपयोग करके प्रदूषण पर रोकथाम लगाने के निर्देश दिए। 

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15 साल पूरे कर चुके डीजल वाहनों को हटाने के निर्देश
जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को वाहनों की फिटनेस, पंद्रह साल पूरे कर चुके डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने, व्यक्तिगत वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन वाहनों को बढ़ावा देने, यातायात में प्रदूषण जांच केंद्रों की कार्यप्रणाली में सुधार करने और यातायात में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के उपायों को अमल में लाने के निर्देश दिए। बैठक में जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधीकरण, अन्य निर्माणकारी विभागों व एजेंसियों को भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के निर्माण कार्य करते समय रेता-बजरी के ढुलान ढककर हों और धूल-मिट्टी कम-से-कम उड़े। शहर में पेड़ों और झाड़ियों की बेहतर तरीके से नियमित लाॅपिंग करने के संबंध में जिलाधिकारी ने एमडीडीए, वन विभाग, नगर निगम आदि विभागों से मिलकर एक समिति गठित करने में निर्देश दिए।

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