Health Tips: घुटनों के दर्द को न करें नजरअंदाज, जानें लक्षण, कारण, बचाव और इलाज..

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स्वास्थ्य सलाह: मानव शरीर का घुटने का जोड़ शरीर में सबसे बड़ा जोड़ होता है और जब हम चलते, दौड़ते या सीढ़ियों पर चलते हैं तो शरीर के वजन का अधिक भार उठाते हैं। इसके चोट और खराब होने का खतरा रहता है। बुजुर्गों में घुटने का दर्द अचानक और तीव्र रूप से प्रकट हो सकता है या यह समय के साथ विकसित हो सकता है। अभी तक घुटनों व जोडों के दर्द की समस्या को बढ़ती उम्र का संकेत समझा जाता था। पर क्‍या हो अगर आपकी उम्र के 30 के दशक में ही आप घुटनों के दर्द से कराहने लगें। ये असल में कई स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं के खिलाफ आपके शरीर की पुकार हो सकती है। शरीर के जोड़ों में सूजन उत्पन्न होने पर गठिया होता है या जोड़ों में उपास्थि (कोमल हड्डी) भंग हो जाती है। शरीर के जोड़ ऐसे स्थल होते हैं जहां दो या दो से अधिक हड्डियाँ एक-दूसरे से मिलती है जैसे कि कूल्हे या घुटने। उपास्थि जोड़ों में गद्दे की तरह होती है जो दबाव से उनकी रक्षा करती है और क्रियाकलाप को सहज बनाती है। जब किसी जोड़ में उपास्थि भंग हो जाती है तो आपकी हड्डियाँ एक-दूसरे के साथ रगड़ खाती हैं, इससे दर्द, सूजन और ऐंठन उत्पन्न होती है और यही घुटनों में दर्द का कारण बन जाता है।

क्या हैं घुटनों व जोडों में दर्द के कारण
घुटनों व जोड़ों के दर्द के पीछे चोट लगना या कोई चिकित्सीय कारण भी हो सकता है। जैसे अति संवेदनशीलता, तनाव या जोड़ो पर सीधा आघात ( जैसे बार-बार घुटने टेकना), फ्रैक्चर्स जिन्हें ठीक तरह से सुधारा न गया हो, एक जोड़ से जुडी हुए टेंडोनिटिस (सूजन और जलन), साथ ही इसके अलावा कोई रोग जिसका उपचार चल रहा हो।
घुटनों में दर्द के लक्षण: घुटनों में दर्द होना तो आम बात होता है लेकिन इसके अलावा और भी लक्षण होते हैं-
1- चलने, खड़े होने, हिलने-डुलने और यहां तक कि आराम करते समय भी दर्द। 2- सूजन और क्रेपिटस। 3- चलते समय जोड़ों का लॉक हो जाना। 4- जोड़ों का कड़ापन, खासकर सुबह में या यह पूरे दिन रह सकता है। 5- मरोड़। 6- वेस्टिंग और फेसिकुलेशन। 7- शरीर में अकड़न। 8- घुटनों और जोड़ों में दर्द होना। 9- पैर चलाने, हाथों को हिलाने और ज्वाइंट्स हिलाने में काफी तकलीफ और दर्द का सामना करना होता है। 10- सुबह-सुबह जोड़ों में अकड़न व चलने, चौकड़ी मार कर बैठने में परेशानी। 11- भारतीय शौचालय में बैठने में परेशानी।

इन गंभीर बीमारियों के हो सकते हैं संकेत
गठिया की समस्या होना: गठिया की समस्या होने पर आपके घुटनों व जोडों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के कारण आपके घुटने और जोड़ों में दर्द, अकड़न की समस्या होती है, साथ ही फुलाव भी आता है। इस समस्या के ज्यादा बढ़ने पर आपको चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होती है।
शरीर में पोषण की कमी होना: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने खानपान पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते। जिसके चलते हमारे शरीर में कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। शरीर में विटामिन-सी, विटामिन डी और कैल्शियम की कमी होना घुटनों और जोडों में दर्द का मुख्य कारण है। समय रहते इस पर ध्यान न देने पर यह समस्या काफी बढ़ सकती है।
जोड़ों के बीच ग्रीस खत्म होना: घुटनों में और जोड़ों में दर्द का एक कारण जोड़ों के बीच ग्रीस का खत्म होना भी है। जोडों के बीच का ग्रीस जोडों की कार्य क्षमता को बनाए रखने का काम करती है। लेकिन जब ये ग्रीस जोडों के बीच से खत्म होने लगती है, तो ऐसे में यह यह जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनती है।

शरीर का वजन बढ़ना: शरीर का वजन बढ़ना भी आपके घुटनों व जोडों के लिए नुकसानदायक है। जब शरीर का वज़न ज़्यादा होता है तो उसका पूरा भार पैरों पर आ जाता है। पैरों पर शरीर का पूरा भार आ जाने की वजह से घुटनों में दर्द की शिकायत होने लगती है। ऐसे में अगर आप मोटापे के शिकार हैं तो आपके शरीर का वज़न आपके घुटनों व जोड़ों का दुश्मन बन सकता है।
संक्रमण से पीड़ित होना: अगर आप टीबी और बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं, तो यह घुटने और जोड़ों के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। यह आपके घुटनों को क्षति पहुंचा सकता है। जिसके कारण आपके घुटनों में असहनीय दर्द, सूजन और अकड़न की समस्या हो सकती है। इससे आपका चलना-फिरना भी काफी मु्श्किल हो सकता है।

घुटनों में दर्द होने के कारण: वात एवं कफ दोष जब अपने चरम स्थिति में होते हैं तब घुटनों एवं जोड़ों में दर्द होता है। घुटनों में दर्द होने के और भी बीमारियों के संकेत होते हैं। जोड़ों का दर्द, गाउट, रूमेटाइड अर्थराइटिस, बर्साइटिस, घुटने का अर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, ऑस्टियोमायइलिटिस, टेन्डीनिस, बेकर्स सिस्ट, घिसा हुआ कार्टिलेज (उपास्थि) (मेनिस्कस टियर), घिसा हुआ लिगमेंट (ए.सी.एल. टियर), झटका लगना अथवा मोच, घुटने की चोट, श्रोणि विकार आदि।

घुटनों के दर्द से छुटकारा पाने का घरेलू इलाज
घुटनों का दर्द दूर करता है हल्दी-चूने का लेप: हल्दी और चुना दर्द को दूर करने में अधिक लाभदायक साबित होते हैं। हल्दी और चुना को मिलाकर सरसों के तेल में थोड़ी देर तक गर्म करे फिर उस लेप को घुटने में लगाकर रखने से दर्द कम हो सकता है।
हल्दी दूध का सेवन घुटनों के दर्द में फायदेमंद: एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी के पाउडर को मिलाकर सुबह-शाम कम से कम दो बार पीने से लाभ मिलता है।
प्राकृतिक उपचार घुटनों के दर्द में फायदेमंद: विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज से उत्पन्न धूप है, जिससे आपको नेचुरल विटामिन-डी मिलती है जो हड्डी के लिए अधिक लाभदायक होता है।
अदरकघुटनों के दर्द में फायदेमंद: : गर्म प्रकृति होने के कारण यह सर्दी जनित दर्द में फायदेमंद है। सर्दी खांसी के कारण दर्द या फिर सांस संबंधी तकलीफ, जोड़ों के दर्द, ऐंठन और सूजन में यह लाभकारी होता है।

एलोवेरा घुटनों के दर्द में फायदेमंद: जोड़ों के दर्द, चोट लगने, सूजन, घाव एवं त्वचा संबंधी समस्याओं से होने वाले दर्द में ऐलोवेरा का गूदा, हल्दी के साथ हल्का गर्म करके बांधने पर लाभ होता है।
सरसों घुटनों के दर्द में फायदेमंद: सरसों का तेल शारीरिक दर्द, घुटनों के दर्द, सर्दी जनित दर्द में बेहद लाभकारी होता है। सिर्फ इसकी मसाज करने से दर्द में आराम होता है और त्वचा में गर्माहट पैदा होती है।
लौंग घुटनों के दर्द में फायदेमंद: दांत व मसूड़ों के दर्द, सूजन आदि में लौंग काफी लाभकारी है। दर्द वाली जगह पर लौंग का पाउडर या लौंग के तेल में भीगा रूई का फोहा रखना बेहद असरकारक होता है।
अश्वगन्धा एवं सोंठ पाउडर घुटनों के दर्द में फायदेमंद: इसके लिये 40 ग्राम नागौरी अश्वगंध पाउडर, 20 ग्राम सोंठ चूर्ण तथा 40 ग्राम की मात्रा में खाण्ड पाउडर लें। तीनों को अच्छी तरह से मिला लें। जोड़ों एवं घुटनों के दर्द में इस चूर्ण को 3-3 ग्राम मात्रा में सुबह शाम गर्म दूध के साथ लेने से जोड़ों के दर्द में और सूजन में बहुत अच्छा आराम मिलता है।

मेथी दाना घुटनों के दर्द में फायदेमंद: मेथी दाना का जोड़ों पर असर दर्द की गोली की तरह ऐनलजेसिक एवं एंटी-इंफ्लामेट्री होता है। इसके लिये दाना मेथी का पाउडर आधा से एक चम्मच सुबह शाम खाने के बाद गर्म पानी से लें। दर्द में आराम मिलता है।
मसाज या सेंक घुटनों के दर्द में फायदेमंद: आयुर्वेद में जड़ी-बुटियों से बने तेल से मालिश करने के बहुत से फायदे बताये गये हैं। इससे जोड़ों में चिकनाई आती है, जकड़ाहट दूर होती है, दर्द व सूजन में आराम मिलता है। इसके लिये 250 ग्राम सरसों के तेल को कढ़ाई में डालकर गर्म करने के लिये गैस पर रखें। इसमें 8-10 कली लहसुन की छील कर डाल दें। गर्म तेल में एक-एक चम्मच अजवायन, दानामेथी, सोंठ पाउडर भी डाल दें। जब सारा मसाला पक जाये तो पकने पर नीचे उतार लें। ठण्डा होने पर किसी काँच की शीशी में डाल कर रख लें। सर्दियों में सुबह-सुबह की गुनगुनी धूप में इस तेल से घुटनों की मालिश करें या जिस भी जोड़ों में दर्द हो वहां मालिश करें।
एक्सरसाइज घुटनों के दर्द में फायदेमंद: फिजियोथेरेपिस्ट की राय से एक्सरसाइज करें या योगा शिक्षक से सीख कर योगा नियमित रूप से करें।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए: अगर दर्द फ्रेक्चर की वजह से है या दर्द के साथ सूजन है, लालिमा है या गर्माहट है या फिर दर्द के साथ बुखार है और वजन कम हो रहा है या रात में तेज दर्द होता है तो फोरन ऑर्थोपीडिक डॉक्टर को दिखाना बेहतर होता है।

घुटनों के दर्द से हैं परेशान तो भूलकर भी न सेवन करें इन चीजों का
आइसक्रीम: आइसक्रीम को गर्मियों में काफी पसंद किया जाता है। वहीं लोगों का मानना है कि आइसक्रीम से कोल्ड हो सकता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आर्थराइटिस के मरीजों को आइसक्रीम काफी नुकसान करती है। यदि आर्थराइटिस के मरीज आइसक्रीम और दूसरी ठंडी चीजों का सेवन करते हैं तो उन्हें इनके कारण भी अधिक दर्द की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं इस समस्या से पीड़ित मरीजों को बहुत ज्यादा ठंडा पानी भी नहीं पीना चाहिए।
फ्रेंच फ्राइज: डीप फ्राइड चीजें और खासतौर पर फ्रैंच फ्राइज के सेवन से आर्थराइटिस के मरीजों को दूर रहना चाहिए क्योंकि ये वेजिटेबल ऑयल में तैयार किए जाते हैं, जिनमें ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है। साथ ही ये कार्बोहाइड्रेट और सोडियम से रिच होते हैं। ये सभी चीजें मिलकर शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करती हैं।
कैफीन: कॉफी और चॉकलेट आपको कितनी भी पसंद क्यों न हो लेकिन आपको इनसे दूरी बना लेनी चाहिए क्योंकि कैफीन आपके घुटनों में दर्द की सबसे बड़ी वजहों में से एक है। खासतौर पर ब्लैक कॉफी आपके लिए बहुत हानिकारक है।
 
वाइट ब्रेड: आर्थराइटिस के कुछ मरीजों में ग्लूटन से एलर्जी होने की समस्या भी देखने को मिलती है। अगर किसी को ऐसी समस्या हो तो उन्हें मैदे की रोटी, ब्रेड जैसी चीजें खाने से बचना चाहिए।
एल्कोहल: जिन लोगों को आर्थराइटिस की समस्या होती है, उन्हें एल्कोहल के सेवन से अधिक दर्द झेलना पड़ सकता है क्योंकि एल्कोहल से उन्हें गाउट की समस्या हो सकती है। यह भी आर्थराइटिस का ही एक प्रकार है, जो सामान्य से अधिक दर्दभरा होता है।
धूम्रपान: धूम्रपान सेहत के लिए खतरनाक होता है। इससे कैंसर तक की बीमारी हो सकती हैं। तो वहीं आर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी धूम्रपान घाटक होता है। धूम्रपान से कई कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं, जिससे ब्लड का संचार रुक जाता है।

Disclaimer: HillVani लेख में जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों व दावों की भी पुष्टि नहीं करता है। इनको केवल सुझाव के रूप में लें। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

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