श्रद्धांजलि: शहीद विपिन को सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, मुख्यमंत्री धामी ने पुष्पचक्र किए अर्पित..

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पौड़ी गढ़वाल: देवभूमि उत्तराखंड के लिए सियाचिन से एक दुःखभरी खबर आई थी। जिसमें सियाचिन में देवभूमि के एक लाल ने देश की सेवा करते हुए वतन के लिए अपने प्राण का बलिदान दिया था। देश गवाह है कि उत्तराखंड के जांबाज युवा देश की अलग-अलग अग्रिम पोस्टों पर तैनाती और किसी भी मौसम की फिक्र किए बिना देश की रक्षा में अपनी ड्यूटी निभाते हैं। ऐसे वीर जवानों को हम शत शत नमन करते हैं। वहीं पौड़ी निवासी वीर जवान ने महज 24 साल की उम्र में देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। सियाचिन में शहीद हुए पौड़ी जिले के पाबौ विकासखंड के धारकोट निवासी विपिन सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव पहुंच गया है।

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इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गांव पहुंचकर शहीद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। पैतृक घाट पर उनको अंतिम सलामी दी जाएगी। मुख्यमंत्री सिंह धामी ने शहीद के परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जाएगी। कहा कि शहीद विपिन सिंह एक परिवार का ही नहीं बल्कि देश का बेटा है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि शहीद के गांव को जाने वाली सड़क का नाम और इंटर कॉलेज का नाम शहीद विपिन सिंह के नाम पर किया जाएगा। इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ. विजय जोगदण्डे, एसएसपी पी रेणुका देवी भी शामिल रहे।

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शहीद विपिन सिंह 57 बंगला इंजीनियरिंग में थे और इन दिनों सियाचिन में तैनात थे। विपिन सिंह (24) करीब 4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। सियाचिन में पैर फिसलने से वह ग्लेशियर की चपेट में आ गए और शहीद हो गए थे। रविवार दोपहर को विपिन सिंह के परिजनों को सैन्य अधिकारियों ने फोन पर बताया गया था कि विपिन सिंह सियाचिन में शहीद हो गए हैं। शहीद के माता और पिता गांव में रहते हैं। पिता भी सेना से रिटायर्ड है। बड़ा भाई भी सेना में है और बड़े भाई का परिवार कोटद्वार में रहता है।

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