उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी कर सकते हैं बड़ा ऐलान, जल्द यह बोर्ड हो सकता है रद्द..
देहरादून: उत्तराखंड में तीर्थ पुरोहितों चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिए विरोध लगातार करते आ रहे हैं। यह प्रदेश के सबसे बड़े ज्वलंत मुद्दों में से एक है। इस मामले में चारों धामों में तीर्थ पुरोहित आंदोलन कर रहे हैं। अब खबर आ रही है कि सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को वापस लेने का मन बना लिया है। बुधवार शाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस संबंध में स्पष्ट संकेत दिए हैं। मदन कौशिक ने कहा जल्द ही सरकार देवस्थानम बोर्ड को लेकर बड़ा ऐलान करने वाली है। उन्होंने कहा राज्य सरकार भावनाओं के अनुरुप ही देवस्थानम बोर्ड पर फैसला लेगी। देवस्थानम बोर्ड को लेकर अब धामी सरकार नरम पड़ती दिखाई दे रही है। लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे तीर्थ पुरोहितों के आक्रोश के आगे धामी सरकार देवस्थानम बोर्ड पर बड़ा फैसला ले सकती है।
यह भी पढ़ें: क्राइम: 21 वर्षीय युवक की मिली सिर और एक हाथ कटी लाश, क्षेत्र में फैली सनसनी..
बताया जा रहा है कि सरकार देवस्थानम एक्ट को वापस ले सकती है। इसका ऐलान अगले एक-दो दिन में हो सकता है। बता दें भाजपा की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अगुवाई में प्रदेश के चारों धाम मंदिर के साथ-साथ 51 अन्य मंदिरों को सम्मिलित करते हुए देवस्थानम बोर्ड बनाया गया था। जिसके बनने के बाद से ही लगातार इसका विरोध हो रहा है। ये विरोध इतना बढ़ा कि इसकी आंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे पर भी आने को तैयार थी। लगातार तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते अब उत्तराखंड सरकार ने देवस्थान में एक्ट को वापस लेने का मन बना लिया है। इसको लेकर कभी भी ऐलान हो सकता है।
यह भी पढ़ें: विवादों के चैंपियन प्रणव का ऑडियो वायरल, अब नितिन गडकरी को दी गाली। सुने ऑडियो..
क्यों हैं तीर्थ पुरोहित आंदोलित?
चार धाम समेत राज्य के प्रमुख करीब 51 मंदिरों के प्रशासन के लिए बनाए गए देवस्थानम बोर्ड को लेकर लंबे समय से पुरोहित व पंडा समुदाय विरोध दर्ज करवा रहे हैं. उनका कहना है कि यह बोर्ड एक्ट परंपराओं के खिलाफ है। अब सरकार आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सरकार इस मुद्दे को जितना हो सके, टालना चाह रही है।
यह भी पढ़ें: क्राइम: सगी बहनें नशे की तस्करी में गिरफ्तार, कोरियर की आड़ में चलती थी नशे का कारोबार..
आखिर क्यों बन गया है यह बड़ा मुद्दा?
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, देवप्रयाग, श्रीनगर समेत गढ़वाल अंचल की कम से कम नौ विधानसभा सीटों पर पुरोहित समुदाय का अच्छा खासा प्रभाव है इसलिए सत्तारूढ़ भाजपा पुरोहितों की नाराज़गी मोल लेकर 2022 विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने का जोखिम उठाना नहीं चाहेगी। ये बड़ा कारण है इसलिए मुख्यमंत्री धामी समेत कई नेता पुरोहितों को मनाने में लगे हुए थे। प्रदेश में भाजपा के नेताओं से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक पुरोहित समाज से मुलाकात कर चुके हैं।
यह भी पढ़ें: मौका: कुमाऊं विवि में निकली इन पदों पर भर्तियां, आज से आवेदन भरने की प्रक्रिया शुरू..