क्यों होता है कमर के निचले हिस्से में दर्द? नजरअंदाज न करें। जानिए कब डॉक्टर को दिखाना है जरूरी…

Why does lower back pain happen hillvani news
अगर कुर्सी से अचानक उठते हुए या झुकते समय आपको भी कमर के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है, तो आपको ये जान लेना जरूरी है कि ये दर्द किस वजह से है और कितना गंभीर है। घंटो लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम करते रहने के चलते ये दर्द अक्सर बढ़ भी जाता है। नतीजा ये है कि कम उम्र में ही लोअर बैक पेन लोगों को जकड़ लेता है। ये समझना जरूरी है कि कमर दर्द समस्या जरूर है लेकिन कोई बीमारी नहीं है। ये तब ज्यादा गंभीर बन जाता है जब इसे नजरअंदाज किया जाता है। कमर के निचले हिस्से में हो रहे दर्द से निपटने का सबसे सटीक तरीका है उसके कारणों को समझना और फिर उस अनुसार उसका ट्रीटमेंट करना ताकि जल्द राहत मिल सके।
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बारिश और तेज हवाएं का पूर्वानुमान, पहाड़ से लेकर मैदान तक बदलेगा मौसम..
कमर दर्द से जुड़ी जरूरी बातें
1- ये दर्द वैसे तो 35 से 55 साल की उम्र में बढ़ता है, लेकिन गलत पॉश्चर की वजह से कम उम्र में भी इसका शिकार हो सकते हैं।
2- लोअर बैक पेन ज्यादा दिन चलने पर एंजाइटी और स्ट्रेस का कारण भी बन सकता है।
3- इस दर्द से दूर रहने के लिए फिजिकली एक्टिव रहने की जरूरत है। एक ही जगह बैठे रहने या सीडेंट्री लाइफस्टाइल की वजह से ये तकलीफ बढ़ सकती है।
4- सिकाई या मालिश करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अक्सर गर्म या ठंडी सिकाई का कंफ्यूजन तकलीफ को ज्यादा बढ़ा देता है।
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड: फिर बढ़ेंगी बिजली की दरें। प्रदेशवासियों को लगेगा महंगाई का करंट..
5- कम से कम दर्द में ही अगर वर्कआउट शुरू कर देंगे तो दर्द असहनीय नहीं होगा।
6- लोअर बैक पेन होते ही सर्जरी के बारे में ना सोचें। डाइट में थोड़े से बदलाव और वर्कआउट से इस पर काबू पाया जा सकता है।
8- सर्जरी की सलाह उसी वक्त मिलती है जब दर्द ज्यादा गंभीर हो। उसे गंभीर होने से रोकना ही सबसे बड़ी चुनौती है।
यह भी पढ़ेंः जल्द लगने वाला है चंद्र ग्रहण, आपके लिए शुभ रहेगा या अशुभ। जानें राशि के अनुसार..
डॉक्टर को दिखाना कब है जरूरी
1- अगर आपको कमर में बहुत ज्यादा दर्द है तो वर्कआउट से और भी ज्यादा नुकसान होगा। हल्के-फुल्के घरेलू उपचार से दर्द ठीक ना हो तो बेहतर है कि डॉक्टर को दिखाएं।
2- कमर दर्द के साथ अगर पैरों में भी तकलीफ हो, जैसे खिंचाव या दर्द तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
3- दवाई के बाद भी दर्द में कमी ना आए तो घरेलू और खुद के इलाज रोक कर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड के शराबियों ने बनाया रिकॉर्ड, NFHS में हुआ खुलासा। यहां के पुरुष शराब पीने में सबसे आगे..