Dengue Dangerous: क्यों खतरनाक है डेंगू, जानिए संक्रमण से बचाव के तरीके..

0
Hillvani-Dangu-Uttarakhand

Hillvani-Dangu-Uttarakhand

देशभर में डेंगू कहर बरपा रहा है। इस बीमारी के बारे में सभी जानते हैं कि यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है। इस रोग की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनियाभर में लगभग 40 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। भारत में हड्डी तोड़ बुखार के रूप में मशहूर डेंगू एक वायरसजनित बीमारी है, जो एडीज मच्छर के काटने से व्यक्ति के शरीर में पहुंचता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें तो हर साल लगभग 5,00,000 लोग डेंगू का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती होते हैं। इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं। इसके मरीज का 2 से 7 दिवस तक तेज बुखार चढ़ता है।

Also Read- Health Tips: पेट की बीमारियां के कारण, करें ये घरेलू उपचार…

डेंगू लक्षणों में अचानक तेज बुखार, सिर में आगे की और तेज दर्द, आंखों के पीछे दर्द और आंखों के हिलने से दर्द में और तेजी, मांसपेशियों (बदन) व जोड़ों में दर्द, छाती और ऊपरी अंगों पर खसरे जैसे दाने, चक्‍कर आना, जी घबराना उल्‍टी आना, शरीर पर खून के चकते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी। बच्‍चों में डेंगू बुखार के लक्षण बडों की तुलना में हल्‍के होते हैं। डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है अपने आसपास सफाई बनाकर रखें। डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें। त्वचा को खुला न छोड़ें।

Also Read- Health Tips: मधुमेह के मरीज करें इन 5 मसलों का सेवन, कंट्रोल में रहेगा ब्‍लड शुगर..

एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है। पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें। अन्‍य सालों के मुकाबले इस बार बच्‍चों में डेंगू के केस सबसे अधिक सामने आए है। विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू बच्‍चों के लिए इसलिए खतरनाक है क्‍योंकि बच्‍चों का इम्‍यूनिटी वयस्‍कों के मुकाबले कमजोर होती है। ऐसे में बच्‍चे डेंगू की चपेट में जल्‍दी आते हैं। वहीं देखा जाए तो लॉकडाउन खुलने के बाद से बच्‍चे बाहर का अधिक खाने लगे हैं। बारिश में बाहर का खाना कभी नहीं खाना चाहिए।

Also Read- Health Tips: ये हैं Vitamin D की कमी के संकेत, न करें नजरअंदाज। इन 5 चीजों का करें सेवन..

डेंगू से बचाव के उपचार 
1- घर में पानी या नमी नहीं होना चाहिए। 
2- नीम के तेल का छिड़काव करें। 
3- फूल स्‍लीव ड्रेस पहनाएं। 
4- बच्‍चों को मच्‍छरदानी के अंदर सुलाए। 
5- लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें। 
6- मच्‍छर नहीं काटे इसके लिए बाजार में उपलब्‍ध क्रीम लगा सकते हैं।

डेंगू के प्रभावी होने के बाद इसका उपचार करने के बजाए, इससे बचाव के तरीके अपनाना अधिक बेहतर है। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी घरेलू चीजों के बारे में, जो डेंगू से आपको बचाने में सहायक होती हैं। आइए जानें इन चीजें के बारे में हैं..

1- विटामिन सी: खाने में जितना हो सके विटामिन सी से युक्त पदार्थों का सेवन करें। विटामिन-सी आपको स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा यह किसी भी प्रकार के संक्रमण को फैलने से भी रोकता है। 
2- हल्दी का प्रयोग: किसी भी रूप में खान-पान में हल्दी का सेवन करें। सामान्यत: सब्जी या दाल में हल्दी का प्रयोग तो होता ही है, इसके अलावा आप चाहें तो हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीबायोटिक तत्व आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर बीमारियों से आपकी रक्षा करते हैं।

Also Read- Health Tips: इन 20 तरीकों को अपनाकर पूरे दिन रहें एक्टिव, पढ़ें पूरी जानकारी..

3- तुलसी और शहद: तुलसी और शहद का प्रयोग करने से भी डेंगू से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए तुलसी को पानी में उबालकर, इसमें शहद डालकर पिया जा सकता है। इसके अलावा आप काढ़ा या चाय में तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण बीमारियों से बचाव में सहायक है।
4- पपीते के पत्ते: डेंगू के इलाज में पपीते की पत्त‍ियां बेहतर इलाज के रूप में जानी जाती हैं। पपीते के पत्ते का रस निकालकर दिन में दो बार लगभग 2-3 चम्मच की मात्रा में लेने से डेंगू से बचाव किया जा सकता है। इसमें प्रोटीन से भरपूर पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो पाचन शक्ति को ठीक करता है इसके अलावा लाल रक्त कणों में भी वृद्धि करता है। 

5- अनार: डेंगू बुखार में शरीर में होने वाली रक्त की कमी और कमजोरी को दूर करने के लिए, अनार का सेवन फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद विटामिन ई, सी, ए और फोलिक एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट बेहद लाभप्रद साबित होते हैं। यह लाल रक्त कणों के निर्माण में भी महत्वूर्ण भूमिका निभाता है, जो खून की कमी को पूरा करने में सहायक है।
6- मेथी: मेथी की हरी पत्तियों का सेवन डेंगू से बचाव में मददगार होते हैं। इसके प्रयोग से शरीर से सभी हानिकारक और विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा शारीरिक दर्द और अनिद्रा की समस्या में भी यह लाभकारी होती है। इसकी सब्जी या इसे पानी में उबालकर प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा मेथीदाने का प्रयोग भी किया जा सकता है।

Also Read- Health Tips: कैल्शियम की है कमी तो डाइट में शामिल करें ये 10 चीजें..

7- गि‍लोय: गि‍लोय हर तरह की बीमारी में अमृत के समान होती है। इसके प्रयोग से लाल रक्त कणि‍काओं का निर्माण होता है और प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। तुलसी के साथ इसका काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है। इसके अलावा गिलोय का जूस या इसकी गोलियां खाना भी फायदेमंद हो सकता है। दि‍न में दो से तीन बार किसी भी रूप में गिलोय का प्रयोग करना, डेंगू से बचने के लिए रामबाण उपाय है।
8- बकरी का दूध: डेंगू बुखार होने पर बकरी के दूध का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसके लिए बकरी का कच्चा दूध दिन में दो से तीन बार थोड़ी मात्रा में पीने लाभकारी होता है। इसके अलावा यह खून की कमी को दूर कर, प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है और शरीर व जोड़ों के दर्द में लाभकारी होता है। 

9 -जवारे का रस: जवारे यानि गेहूं की घास का रस पीने से भी रक्त में प्लेटलेट्स का निर्माण तेजी से होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। प्रतिदिन दो बार इसका प्रयोग करने से डेंगू का खतरा कम होता है। 
10- सूप: सामान्य भोजन के अलावा सूप का प्रयोग भी जरूर करें। यह आपके स्वाद को बरकरार रखेगा और भूख न लगने की शि‍कायत दूर करेगा। इसके अलावा दलिया का प्रयोग करना भी बेहतर होगा, यह आपको उर्जा देने के साथ ही पाचन को दुरूस्त करेगा। 
11- हर्बल टी: हर्बल टी का प्रयोग करने से शरीर के हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। दिन में दो से तीन बार हर्बल टी का प्रयोग जरूर करें। 

Also Read- Health Tips: कोरोना काल में अपनाएं ये 5 आदतें। स्वस्थ रहेंगे, बीमारियां भी रहेंगी दूर..

Disclaimer: HillVani लेख में जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों व दावों की भी पुष्टि नहीं करता है। इनको केवल सुझाव के रूप में लें। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X