चारधाम यात्रा: शीतकाल के लिए कल बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट, देखें मनमोहक दृश्य..

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Hillvani-Badrinath-Uttarakhand

चमोली: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए कल शनिवार शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बंद हो जाएंगे। मंदिर के कपाट बंद होने के उत्सव को यादगार बनाने के लिए देवस्थानम बोर्ड तैयारियों में जुटा है। 20 क्विंटल रंग बिरंगे फूलों से मंदिर को सजाया गया है। कपाट बंद होने के बाद उद्धव जी, कुबेर जी व शंकराचार्य जी की गद्दी डोली बदरीनाथ में ही रात्रि प्रवास कर 21 नवंबर को पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी। रविवार को बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के नेतृत्व में आदि गुरु शंकराचार्य की डोली, कुबेर जी और उद्घव जी की उत्सव डोली पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी। 16 नवंबर से भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।

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बदरीनाथ कपाट बंद होने को लेकर दिनभर कार्यक्रम

1-प्रात:4.30 मंदिर खुलेगा।

2-पांच बजे बजे अभिषेक।

3-आठ बजे बाल भोग।
4-11.30 दिन का भोग।

शाम 6:30 बजे उद्धव जी, कुबेर जी गर्भ गृह से मंदिर परिसर में आएगें। इसके बाद बदरीनाथ के रावल द्वारा माता लक्ष्मी को गर्भ गृह में विराजमान करेंगे। शाम 6:45 बजे शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।

21नवंबर को प्रात: 9.30 श्री उद्धव जी, कुबेर जी की डोली रावल के साथ आदि गुरु शंकराचार्य जी की डोली के साथ पांडुकेश्वर आगमन करेगी। श्री उद्धव जी, कुबेर जी की डोली शीतकाल के लिए पांडुकेश्वर में विराजमान होगी।

22 नवंबर को श्री रावल जी के साथ आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ आगमन, आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी जोशीमठ आगमन के साथ ही योग बदरी पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह बदरी जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू होंगी।

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शीतकाल को लेकर मान्यता
मान्यता है कि कपाट बंद होने के बाद भी कोई शक्ति बद्रीनाथ धाम पहुंचकर नारायण पूजा करती है। इस शक्ति के पैरों के निशान मिलने के दावे भी किए जाते हैं। बता दें कि चार धामों में से बद्रीनाथ एक ऐसा धाम है, जहां शीतकाल के लिए कपाट बंद होने की प्रक्रिया पांच दिन चलती है। भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया का साक्षी बनने के लिए दूर-दूर से तीर्थयात्री यहां पहुंच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होने के बाद धाम में किसी को रहने की अनुमति नहीं होती। मंदिर परिसर के आसपास केवल साधु संत ही तपस्या करते हैं और वो सुरक्षा के लिए बद्रीनाथ धाम में रहते हैं। उन्हें भी मंदिर परिसर से दूर रहने की अनुमति दी जाती है।

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इस साल चारधाम पहुंचे लाखों तीर्थयात्री
आज शुक्रवार को 2768 तीर्थ यात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन किए है। आज तक श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन को 1,91,106 तीर्थयात्री पहुंचे हैं। कपाट बंद होने के अवसर पर दिनभर मंदिर में यात्री दर्शन कर सकेंगें। मंदिर को बंद करने के उत्सव को यादगार बनाने के लिए बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश ने श्री बदरीनाथ मंदिर को 20 क्विंटल गेंदा गुलाब, कमल आदि फूलों और पत्तियों से सजाया है। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड ने बताया कि इस बार चारधामों में पांच लाख रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं। जिनमें से बदरीनाथ धाम में 1,91,106, केदारनाथ धाम में 2,42,712, गंगोत्री में 33,166 और यमुनोत्री 33, 306 तीर्थयात्री पहुंचे हैं। चार धाम पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या अब तक 5,00,290 है।

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