उत्तराखंड में भीषण गर्मी का रेड अलर्ट, 18 साल बाद पारे के प्रचंड तेवर। बचकर रहें एडवाइजरी जारी…

0
Hillvani-scorching-heat-Uttarakhand

Hillvani-scorching-heat-Uttarakhand

उत्तराखंडः प्रदेश के कई इलाकों में जंगलों में लगी आग से वातावरण में बढ़ी गर्मी के कारण बर्फ पिघलने और हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है। इस बीच मौसम विभाग ने चार दिनों तक पर्वतीय जिलों में तापमान के सामान्य से बहुत अधिक रहने की आशंका जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। बढ़ते पारे की वजह से फसलों और सब्जियों को भी भारी नुकसान हो सकता है। विभाग की ओर एडवाइजरी भी जारी की गई है। मौसम विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि फसल को झुलसने से बचाने के लिए नियमित तौर पर सिंचाई करते रहें।

यह भी पढ़ेंः किस विटामिन की कमी से कौन सा रोग होता है? कौन से अंग होते हैं कमजोर। देखें पूरी लिस्ट..

अधिकतम तापमान रहने का अनुमान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तराखंड  में बढ़ते तापमान को लेकर मौसम विभाग के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक बिक्रम सिंह ने बताया कि 9 अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल तक उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत में सामान्य से बहुत ज्यादा तापमान रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि इन जिलों के जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने की आशंका जताई गई है।

यह भी पढ़ेंः 26 साल बाद DNA टेस्ट से बेटे को पता चला अपने बाप का नाम, जानें क्या हैं पूरा मामला..

रेड अलर्ट हुआ जारी
मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा कि उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में गर्मी बढ़ने से 3500 मीटर से ज्यादा के हिमालयी क्षेत्रों के इलाकों में बर्फ पिघलने से हिमस्खलन होने का भी खतरा बढ़ गया है। प्रचंड गर्मी से चौतरफा नुकसान के हालात बनते हुए नज़र आ रहे हैं, तो वहीं मौसम विभाग का यह भी दावा ​है कि गर्मी के ये तेवर 18 साल बाद दिख रहे हैं, जबकि तेज़ गर्मी के दो महीने अभी शेष हैं।

यह भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री ने किया भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड एप- 1064 का शुभारम्भ

उत्तराखंड में गर्मी से सतर्क रहने की ज़रूरत
पारे की चालः इन दिनों तापमान 6 से 8 डिग्री तक हाई जा रहा है इसलिए इस बार पीक सीज़न में पहाड़ में ज़बरदस्त गर्मी के आसार बन रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि 2004 के बाद 2022 में मार्च का महीना ऐसा सूखा गुज़रा है इसलिए अभी गर्मी और बढ़ेगी।

पेयजल समस्या- बढ़ती गर्मी से राज्य भर में सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की खड़ी हो गई है। प्रचंड गर्मी में पानी की समस्या से जूझने के लिए जल संस्थान ने ग्रीष्मकालीन प्लान बनाया है। प्रदेश में हर दिन 833.77 मिलियन लीटर पानी की ज़रूरत है जबकि सप्लाई 649.86 मिलियन लीटर की हो पा रही है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में 808 जगहें चिन्हित की गई हैं, जहां हर साल पानी की किल्लत होती है।

  • जल आपूर्ति के लिए 71 विभागीय टैंकरों की व्यवस्था कर रहा है।
  • किराये के 208 टैंकर लिये जाएंगे।
  • 114 जनरेटर की ज़रूरत पड़ सकती है इसलिए ये भी प्लान में शामिल।
  • 56 जगहों पर नये हैंडपंप लगाए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः अब बिना कार्ड के सभी बैंकों के एटीएम से निकलेगा पैसा, RBI ने लगाई मुहर..

जंगलों में आग से खतरा- पहाड़ों में चौतरफा जंगलों में लगी आग से वातावरण में गर्मी बढ़ रही है, जिससे बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। बर्फ पिघलने और हिमस्खलन के खतरे को लेकर विशेषज्ञ सचेत कर रहे हैं। वन विभाग गर्मी के कारण वनों की आग के साथ ही जलसंकट के खिलाफ भी जूझ रहा है।

फसलें होंगी चौपट- बढ़ते पारे की वजह से फसलों और सब्ज़ियों को नुकसान की आशंका भी जताई जा रही है। पहाड़ों में सब्ज़ियों आदि की सप्लाई पूरी तरह तराई के क्षेत्र से निर्भर है इसलिए यहां महंगाई भी गर्मी के साथ पीक की तरफ जा रही है। दूसरी तरफ, गर्मी तेज़ होने से सब्ज़ियों के संरक्षण की व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। गौरतलब है कि उत्तराखंड के पहाड़ों में अब भी बर्फ और ठंडक है और मैदानों में गर्मी की झुलसन से राहत के लिए पर्यटक यहां पहुंच भी रहे हैं. लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि पहाड़ों में पहले की तुलना में इस बार तापमान में बढ़ोत्तरी और तेज़ी देखी जा रही है।

यह भी पढ़ेंः वायरल वीडियोंः महंत की दादागिरी, महिलाओं को घर से उठाकर रेप करने की दी धमकी। FIR दर्ज..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X