उत्तराखंड का सीमांत गांव पिनस्वाड, जहां प्रकृति के हैं सबसे सुंदर दृश्य। यहां अब तक कोई नहीं पा सका सरकारी नौकरी..

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Pinswad a frontier village of Uttarakhand. Hillvani News

Pinswad a frontier village of Uttarakhand. Hillvani News

Pinswad, a frontier village of Uttarakhand: टिहरी जनपद के सीमांत क्षेत्र में बसा गांव पिनस्वाड़ को प्रकृति ने खूबसूरत सौन्दर्य से नवाजा है। गांव के सामने खूबसूरत पहाड़ हैं तो वहीं चारों तरफ हरे भरे जंगल हैं। उच्च पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां मौसम हमेशा काफी सुहावना रहता है। जब आप पिनस्वाड गांव के लिए सड़क मार्ग से निकलते हैं तो सड़क मार्ग से गुजरते हुए आपको प्रकृति के काफी मनमोहक दृश्य दिखाई देते हैं। समुद्र तल से पिनस्वाड गाँव की ऊँचाई करीब 2400 मी. है। यहाँ से कई पैदल ट्रैक है। कुश कल्याण बुग्याल, महासर ताल सहित करीब आधा दर्जन छोटे बड़े बुग्याल और तालो के ट्रैक रूट यहाँ से जाते है। यहां आपको उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाने वाली कई प्रकार की वनस्पति दिखाई देंगी, साथ ही कई वन्यजीव और पक्षियों के दिदार भी होंगे।

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कृषि और पशुपालन है मुख्य व्यवसाय। Pinswad, a frontier village of Uttarakhand
पिनस्वाड गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन है यहां के लोग काफी ज्यादा मात्रा में खेतीबाड़ी करते हैं। यहां पहाड़ी दाले जिसमें मुख्य रूप राजमा की खेती की जाती है साथ ही गैंहू, कोदा, झंगौरा चौलाई की खेती भी की जाती हैं। साथ ही यहां के लोग आलू की खेती भी करते हैं। वहीं यहां के लोग पशुपालन में गाय भैंस का पालन करते हैं तो वहीं भेंड बकरी का पालन करते हैं। यहां के भेड़ बकरी पालक दूर दूर क्षेत्रों में अपनी भेड़ बकरी को लेकर जाते हैं। पिनस्वाड़ गांव के लोगों की कई जगह छानियां भी है जहां मौसम व फसल के मुताबिक यहां के ग्रामीण अपने मवेशियों को लेकर जाते हैं। और वहां पशुओं के रखकर खेतीबाड़ी भी करते हैं।

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प्रकृति के सबसे सुंदर दृश्य। Pinswad, a frontier village of Uttarakhand
सर्दियों के मौसम में पिनस्वाड गांव में काफी मात्रा में बर्फ भी गिरती है। जब हम इस गांव में पहुंचे तो अगली सुबह गांव के उच्च क्षेत्रों में काफी मात्रा में बर्फ गिरी। जो गांव से देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती हैं। इस गांव को प्रकृति नें मनमौहक दृश्यों से नवाजा है जो आपको यहां सूकून प्रदान करता है। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से यहां पहुंचने के बाद स्वर्ग से अनुभूति होती है। मन यहीं रहने व बसने का करता है। यहां गांव से आपको पहाड़ियों में खूबसूरत बुग्याल के दृश्य भी दिखाई देते हैं जो गांव से बहुत खुबसूरत दिखते हैं। पक्षियों की चहचहाट आपको शांति प्रदान करती है।

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आज भी दुनिया से दूर है यह गांव। Pinswad, a frontier village of Uttarakhand
यहां के लोग खूबसूरत वादियों में रहते हैं परंतु कई समस्याएं इस गांव में अभी भी हैं। यह गांव सड़क मार्ग से तो जुड़ चुका है लेकिन अभी तक यह गांव संचार सुविधाओं से वंचित है। बिजली भी इस गांव में पहुंच चुकी है लेकिन कई बार लाइन खराब होने के चलते कई दिनों तक बिजली नहीं आती। जिस कारण यहां के लोगों को कई समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। वहीं संचार सुविधाओं के न होने से यहां के लोग जो गांव में ही निवास करते हैं बहारी समाज से नहीं जुड़ पाए हैं। अन्य क्षेत्रों में क्या हो रहा है इन जानकारियों से भी वंचित हैं। वहीं यहां के लोगों का कहना है कि कभी आपातकालीन परिस्थिति में हम लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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शिक्षा का स्तर निम्न, कोई नहीं सरकारी कर्मचारी। Pinswad, a frontier village of Uttarakhand
अगर पिनस्वाड़ गांव में शिक्षा की बात करें तो यहां का शिक्षा का स्तर काफी निम्न है। यहां स्कूल तो हैं पर सुविधाएं न के बराबर हैं। यहां हाईस्कूल तक की कक्षाएं चलती है लेकिन बिल्डिंग न होने के कारण बच्चों को बैठने तक की व्यवस्था नहीं है कक्षा 6 से लेकर 10वीं तक के बच्चे जैसे कैसे एक पुरानी बिल्डिंग जो जर्जर हालात में है उसी भवन में बैठकर अपना पठनपाठन करते हैं। वहीं यही स्थिति यहां के आंगनबाड़ी केंद्र की भी है। आपको यह जानकर हैरानी होगी की इस गांव में अभी तक एक भी व्यक्ति सरकारी विभाग में नौकरी नहीं करता है साथ हीं आजतक फौज में भी यहां एक भी युवा भर्ती नहीं हुआ है। इससे आप आंदाजा लगा सकते हैं कि इस गांव में शिक्षा का क्या स्तर होगा।

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गांव में होते हैं कई धार्मिक कार्य। Pinswad, a frontier village of Uttarakhand
वहीं इस गांव में देवकार्यों की बात करें तो यहां के लोग अपने कुलदेवता व क्षेत्र देवताओं के देवकार्य भी करते रहते हैं। यहां पांडव नृत्य का भी आयोजन किया जाता है, ग्राम देवताओं के थलु भी आयोजित किए जाते हैं। रामलीलाओं का भी मंचन किया जाता है। आपको बता दें कि इस क्षेत्र में लोग नाग देवता को पूजते हैं। वहीं इस गांव से एक देव जात भी निकलती है जो सहस्त्रताल जाती है जिसमें पिनस्वाड गांव सहित आसपास के कई गांव इस देव जात में शामिल होते हैं। यह देव जात इस गांव के लिए काफी मान्यों में खास होती है।

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पर्यटन की हैं इस गांव में अपार संभावनाएं। Pinswad, a frontier village of Uttarakhand
अगर इस पिनस्वाड़ गांव में पर्यटन के लिहाज से बात करें तो यहां पर्यटन की काफी ज्यादा संभावनाएं हैं। यहां के कुशकल्याण बुग्याल के लिए भी ट्रेक निकता है। कुशकल्याण बुग्याल के लिए सबसे नजदीक ट्रेक इस गांव से ही निकला है। साथ ही इस ट्रेक में आगे बढ़े तो कुश कल्याण होते हुए सहस्त्रताल भी पहुंचा जा सकता है। इस ट्रेक में कई ताल भी मिलते हैं जिसमें परी ताल, नरसिंग ताल सहित कई छोटे बड़े ताल हैं। अगर पिनस्वाड़ गांव से इस ट्रेक को विस्तृत तोर पर बताए तो पिनस्वाड़ होते हुए आप कुशकल्याण बुग्याल-क्यारी बुग्याल-परी ताल-नरसिंग ताल होते हुए सहस्त्रताल पहुंच सकते हैं। अगर इस गांव के ग्रामीण गांव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगे आए तो पिनस्वाड गांव इस ट्रेक का आधार शिविर बन सकता है। वहीं अब इस गांव में भी लोग होमस्टे बना रहे है।

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कैसे पहुंचे सीमांत पिनस्वाड गांव। Pinswad, a frontier village of Uttarakhand
अगर आप पिनस्वाड गांव घुमना आना चाहते हैं तो आपको ऋषिकेश से चंबा और टिहरी झील के सूंदर दृश्यों को निहारते हुए आप घनसाली पहुंचेंगे। घनसाली से आप चमियाल कस्बे से होते हुए बुढ़ाकेदार पहुंचेगे। बुढ़ाकेदार में शिवालय के दर्शन करते हुए आप पिनस्वाड गांव पहुंच सकते हैं। वहीं आपके लिए हमने एक सर्किट भी तैयार किया जिसमें आप इस क्षेत्र के खूबसूरत गांव सहित कई कस्बों में समय बिता सकते हैं। अगर आप इस क्षेत्रों के गांव में घुमना चाहते हैं तो आप घनसाली से सबसे पहले घूत्तू जाएं जो एक भिंलगना घाटी पर बसा खूबसूरत कस्बा है वहां से आप आगे गंगी गांव जा सकते हैं। गंगी से आपको वापस घनसाली आना होगा फिर आपको पिनस्वाड़ गांव की तरफ बढ़ना हो जहां से आपको चमियाला, बुढ़ाकेदार होते हुए पिनस्वाड़ पहुंच सकते हैं।

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