हाईकोर्ट के जजों को मारने की धमकी देने वाला गिरफ्तार..
हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट के जजों द्वारा फैसला सुनाने के बाद जाजों को जान से मारने की धमकी दी गई थी। जिसके बाद प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया था। धमकी के बाद हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले तीनों जजों की सुरक्षा के लिए प्रशासन के ओर से उन्हें सुरक्षा दी गई थी। वहीं धमकी देने वाले आरोपियों की खोज में पुलिस लगातार जुटी हुई थी। जिसके बाद पुलिस से उन अपराधियों को गिराफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया। मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक पुलिस ने आरोपी को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। बता दे की इस व्यक्ति ने कर्नाटक के हिजाब विवाद में फैसला सुनाने वाले तीनों जजों को जान से मारने की धमकी दी थी। धमकी मिलने के बाद तीनों जजों को कर्नाटक पुलिस की ओर से सुरक्षा दी गई थी। आपको बता दे कि गिरफ्तार आरोपी का नाम रहमथुल्ला है। गिरफ्तार व्यक्ति को 8 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
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1 जनवरी से शुरू हुआ था हिजाब विवाद
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद 1 जनवरी को शुरू हुआ था। यहां उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लास रूम में बैठने से रोक दिया गया था। कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया था। इसके बाद इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। लड़कियों का तर्क है कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के आर्टिकल 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है।
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हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेज में हिजाब पर बैन को बरकरार रखा था
15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब के समर्थन में मुस्लिम लड़कियों समेत दूसरे लोगों की तरफ से लगाई गईं सभी 8 याचिकाएं खारिज कर दी थीं। चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित और जस्टिस खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की तीन मेंबर वाली बेंच ने राज्य सरकार के 5 फरवरी को दिए गए आदेश को भी निरस्त करने से इनकार कर दिया था, जिसमें स्कूल यूनिफॉर्म को जरूरी बताया गया था। कोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रैक्टिस नहीं है।
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जजों को मिली थी Y कैटेगरी की सुरक्षा
धमकी के बाद सभी जजों को Y कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। इनमें हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी भी शामिल हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट के वकील उमापति को सोशल मीडिया पर एक वीडियो मिला था। इसमें कहा गया था- हम जानते हैं कि चीफ जस्टिस मॉर्निंग वॉक के लिए कहां जाते हैं। वकील ने रजिस्ट्रार को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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