आखिर क्यों? ग्रामीणों ने किया क्रमिक अनशन को आमरण अनशन में तब्दील..
ऊखीमठ। लक्ष्मण नेगीः मदमहेश्वर घाटी में 15 मेगावाट मधु गंगा जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य कर रहे उत्तराखंड जल विद्युत निगम के खिलाफ चुन्नी गांव के ग्रामीणों ने एक सूत्रीय मांग को लेकर चल रहे क्रमिक अनशन आमरण अनशन में तब्दील कर दिया है। आमरण अनशन के पहले दिन चार ग्रामीणों ने अनशन शुरू करते हुए उत्तराखंड जल विद्युत निगम के खिलाफ गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। आमरण अनशन के प्रथम दिन दर्जनों ग्रामीणों ने आमरण अनशन को अपना समर्थन दिया। आमरण अनशन पर बैठे नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा ने कहा कि जब तक एक सूत्रीय मांग पर अमल नहीं होता तब तक आन्दोलन जारी रहेगा तथा यदि समय रहते ग्रामीणों ने हक में फैसला नहीं हुआ तो आन्दोलन और अधिक उग्र किया जायेगा।
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पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद रावत ने कहा कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम चुन्नी गांव के ग्रामीणों के साथ वादाखिलाफी करने के कारण ग्रामीणों को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ा। पूर्व प्रधान अंजना रावत ने कहा कि ग्रामीण किसी भी विकास कार्य में बाधक तो नहीं है मगर उत्तराखंड जल विद्युत निगम की अनदेखी के कारण ग्रामीणों को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है। राजकुमार तिवारी ने कहा कि फोरवे टैंक से दो इंच सिचाई लाइन निर्माण के बाद ही आन्दोलन समाप्त किया जायेगा तथा यदि ग्रामीणों के हक में फैसला नहीं होता है तो ग्रामीण आत्मदाह करने के लिए भी बाध्य हो जायेंगे। इस मौके पर सभासद प्रदीप धर्म्वाण, बीरेंद्र रावत, अनसोया प्रसाद तिवारी, पार्वती देवी, नारायण देई देवी, अनसोया देवी, ललिता देवी, शशि देवी, रेखा देवी, कल्पेश्वरी देवी, उर्मिला देवी, गुड्डी देवी, योगिता देवी, विजया देवी, पिंकी देवी, सुरेशी देवी, बिछना देवी सहित कई दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।
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