उत्तराखंडः रहस्यों को समेटे मिली सबसे बड़ी गुफा, चट्टानों पर उभरे हैं शिवलिंग व पौराणिक चित्र, देखें तस्वीरें…
पिथौरागढ़ः ऋषि-मुनियों की तपोस्थली देवभूमि उत्तराखंड में अब तक कई गुफाओं अस्तित्व सामने आ चुका है। वहीं अब पिथौरागढ़ जिले के शैल पर्वत क्षेत्र की गुफाओं वाली घाटी गंगोलीहाट में प्रसिद्ध सिद्धपीठ हाटकालिका मंदिर से करीब एक किमी दूर आठ तल वाली विशाल गुफा मिली है। गुफा के भीतर चट्टानों में विभिन्न पौराणिक चित्र उभरे हैं, जाे अपने भीतर तमाम रहस्य समेटे हैं। गुफाओं के क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध गंगोलीहाट में प्रसिद्ध सिद्धपीठ हाटकालिका मंदिर के पास चार स्थानीय युवाओं ने किसी आठवें अजूबे की तरह आठ तल वाली प्राचीन विशाल गुफा रविवार को खोज निकाली है। गुफा के भीतर चट्टानों में विभिन्न पौराणिक चित्र उभरे होने की बात कही जा रही है।
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इस गुफा में मौजूद शिवलिंग पर प्राकृतिक तरीके से जलाभिषेक भी हो रहा है। गुफा को खोजने वाले युवकों ने ही इसे महाकालेश्वर नाम दिया है। माना जा रहा है कि यह गुफा 150 मीटर गहरी प्रसिद्ध पाताल भुवनेश्वर गुफा से भी बड़ी 200 मीटर से अधिक बड़ी हो सकती है, क्षेत्र में धार्मिक, ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन को नए पंख लगा सकती है। जानकारी के अनुसार करीब एक साल पूर्व गंगोलीहाट के युवा दीपक रावल को इस गुफा की जानकारी मिली थी। वह इस गुफा के संकरे प्रवेश द्वार से अंदर गए, परंतु संसाधन नहीं होने से प्रयास सफल नहीं हो सका। लेकिन इधर रविवार को गंगावली वंडर्स ग्रुप के टीम प्रभारी सुरेंद्र बिष्ट, ऋषभ टावल, भूपेश पंत और पप्पू रावल ने गुफा में प्रवेश किया।
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गुफा में प्रवेश करने वाले ग्रुप का कहना है कि यह गुफा विशाल आकार की है। वह गुफा में करीब दो सौ मीटर भीतर तक पहुंचे। गुफा में प्रवेश करते ही पहले करीब 35 फीट गहराई में उतरने का मार्ग है। फिर प्राकृतिक रूप से बनी करीब आठ फीट की सीढियां हैं। इससे आगे बढ़ने पर इसी तरह आठ तल तक सीढ़ी और समतल भाग मिलता है। आगे नौवां तल भी नजर आ रहा था और उससे आगे भी कुछ हो सकता है, लेकिन चारों खोजी युवक उपलब्ध संसाधनों से आठवें तल तक ही पहुंच पाए। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की अन्य गुफाओं की तरह इस गुफा की चट्टानों पर भी शिव लिंग व शिव जटाओं जैसी पौराणिक आकृतियां उभरी हैं। एक शिवलिंग की आकृति पर चट्टान से पानी जैसे लगातार जलाभिषेक करते हुए टपक रहा है।
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इस गुफा में शिललिंग के अलावा शेषनाग व अन्य पौराणिक देवी देवताओं के चित्र भी उभरे हुए नजर आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मानस खंड में गंगावली क्षेत्र में 21 गुफाओं का जिक्र है। इनमें से 10 गुफाओं-पाताल भुवनेश्वर, कोटेश्वर, भोलेश्वर, महेश्वर, लाटेश्वर, मुक्तेश्वर, सप्तेश्वर, डाणेश्वर, सप्तेश्वर, भुगतुंग का पता अब तक चल चुका है। रविवार को मिली गुफा के आसपास तीन अन्य गुफा होने के संकेत भी मिल चुके हैं। टीम के सदस्यों का कहना है कि यदि उन्हें आधुनिक उपकरण मिलें तो वे क्षेत्र की तीन अन्य गुफाओं की जानकारी भी सामने ला सकते हैं।
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देखें गुफा की खिंची गई कुछ फोटों….