12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू का आयोजन, नेवी ने दिखाई अपनी समुद्री ताकत…
विशाखापत्तनम: भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे देश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में राष्ट्रपति के बेड़े की समीक्षा का 12वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है। 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू के कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरकत की। राष्ट्रपति के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद हैं। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
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इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नौसेना के स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा पर सवार हुए। इसे खासतौर पर ‘राष्ट्रपति याट’ के रूप में नामित किया गया है। इसके बाद ईस्टर्न नेवल कमांड ने राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू के 12वें संस्करण के दौरान 21 तोपों की सलामी दी। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं। इसके बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 60 से अधिक जहाज और पनडुब्बियों समेत 55 विमानों वाले भारतीय नौसेना बेड़े की समीक्षा की। इनमें आईएनएस तरंगिनी, आईएनएस ज्योति, आईएनएस सुदर्शनी, INLCU 51, आईएनएस कुलिश, सागर अन्वेषिका, आईएनएस जमुना, ICGS वरद, ICGS शौनक, आईएनएस सुतलेज, आईएनएस सर्वेक्षक, आईएनएस कमरोटा शामिल हैं।
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इसके अलावा राष्ट्रपति कई हेलीकाप्टरों और फिक्स्ड विंग विमानों द्वारा शानदार फ्लाई-पास्ट के प्रदर्शन में भारतीय नौसेना वायु शाखा की भी समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही समुद्र में परेड, खोज और बचाव का प्रदर्शन, हाक एयरक्राफ्ट द्वारा एरोबेटिक्स और एलीट मरीन कमांडो (MARCOS) द्वारा वाटर पैरा जंप का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रपति कई हेलीकाप्टरों और फिक्स्ड विंग विमानों द्वारा शानदार फ्लाई-पास्ट के प्रदर्शन में भारतीय नौसेना वायु शाखा की भी समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही समुद्र में परेड, खोज और बचाव का प्रदर्शन, हाक एयरक्राफ्ट द्वारा एरोबेटिक्स और एलीट मरीन कमांडो (MARCOS) द्वारा वाटर पैरा जंप का प्रदर्शन करेंगे.
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समीक्षा के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संचार राज्य मंत्री देवुसिंह जे चौहान की उपस्थिति में माननीय राष्ट्रपति द्वारा एक विशेष फर्स्ट डे कवर और एक स्मारक डाक टिकट जारी किया जाएगा। लंगरगाह में जहाजों को दिन के दौरान पूरे राजसी अंदाज में विभिन्न नौसैनिक झंडों के साथ औपचारिक रूप से तैयार किया जाएगा। 19 और 20 फरवरी 22 को सूर्यास्त से मध्यरात्रि तक उन्हें रोशन किया जाएगा, जिसे विशाखापत्तनम के नागरिक समुद्र तट के सामने से देख सकते हैं। आपको बता दें कि, ये दूसरी बार है जब विशाखापत्तनम पीएफआर की मेजबानी करेगा। पहली बार 2006 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने विशाखापत्तनम में नौसैनिक बेड़े की समीक्षा की थी।