मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर डेंगू रोगियों के उपचार व उचित देखभाल के लिए जारी हुई गाइडलाइन..

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Health department issued guidelines. Hillvani News

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राज्य में डेंगू रोग संक्रमण रोकने लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठकों के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने आज माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देष पर डेंगू रोगियों के बेहत्तर इलाज व देखभाल के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। मुख्यमंत्री के आदेश पर राज्य सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा सभी जिलों के साथ डेंगू नियंत्रण हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। वर्चुअल बैठक में जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, निदेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोश सयाना सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने डेंगू उन्मूलन अपने विचार व्यक्त किये। बैठक में मुख्य रूप से अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेषक डॉ. विनीता शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ. संजय जैन, निदेशक राज्य संचरण परिषद डॉ. अजय नगरकर, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ. पंकज सिंह मौजूद थे। समीक्षा बैठक में पहुंचे सभी विशेषज्ञों ने डेंगू की रोकथाम के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में मिले सुझावों के बाद जिला क्षय रोग अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी रक्तकोश नामित किया गया। वहीं इस महत्वपूर्ण बैठक में डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी।

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1- डेंगू रोग के संक्रमण काल के दृश्टिगत जनपदों के समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों हेतु 30 डेंगू आईसोलेशन बेड आरक्षित रखे जायें जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ायें जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
2- रा. दून मेडिकल कॉलेज के डेंगू विषेशज्ञों के परामर्श के अनुसार 90 रागियों में डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं एवं कुछ ही रोगियों को चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। यदि रोगी के लक्षण जैसे Persistant High grade fever (38.5°C and above), Bleeding, Convulsions, Difficulty in Breathing or palpitation or Breathlessness, Persistant Vomiting 3 times a day हों तो रोगी द्वारा अविलम्ब चिकित्सकिय परामर्श लिया जाये।
3- डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग की जाए ताकि प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉगिंग एवं स्वच्छता अभियान किया जाये।

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4- डेंगू रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्षन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।
5- शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण समबन्धित कार्यवाही की जाये। जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।
6- आमजन में डेंगू रोग के प्रति भ्रान्तियों के समाधान हेतु जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाना सुनिश्चित करें।
7- आम जन में ब्लड डोनेशन हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाये।

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