ध्यान दें: क्यों होता है पैरालिसिस? जानें लकवे के कारण और लक्षण..

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लकवा यानी पक्षघात आपके शरीर के कुछ या पूरे शरीर को हिलाने की क्षमता का नुकसान है। इसके कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ गंभीर भी हो सकते हैं। कारण के आधार पर यह अस्थायी या स्थायी हो सकता है। यह ज्यादातर रीढ़ की हड्डी को नुकसान का परिणाम है जो शरीर के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। एक व्यक्ति कई कारणों से लकवे से पीड़ित हो सकता है।
जिसमें शामिल हैं- सदमा (trauma), पोलियो (polio), नर्व डैमेज (nerve damage), मल्टीपल स्केलेरोसिस (multiple sclerosis), स्ट्रोक (stroke), सेरेब्रल पाल्सी (cerebral palsy) और साथ ही अन्य चिकित्सा मुद्दे।

लकवा के कारण
– स्ट्रोक (आघात)
– सिर में चोट लगना
– मल्टीपल स्क्लेरोसिस
– रीढ़ की हड्डी तंत्रिका तंत्र का एक बंडल है जो रीढ़ से जुड़ी होती है और शरीर की मांसपेशियों को नियंत्रित करने में मदद करती है।
– सेरेब्रल पाल्सी और गुलियन बेरी सिंड्रोम।

लकवा के लक्षण
अगर आपको लगता है कि जो व्यक्ति आपके सामने है उसके साथ इस तरह की कोई स्थिति हुई है और आपको शंका है कि कहीं उसे लकवा तो नहीं आया है तो उस परिस्थिति में आप ये निम्नलिखित 3 चीजे जांच लें, इससे आपको स्पष्ट हो जाएगा।
1. चेहरे का एक तरफ टेड़ा होना या आँखों का लटकना।
2. हाथों को ऊपर ना उठा पाना।
3. स्पष्ट रूप से ना बोल पाना या शब्दों को साफ़ ना समझा पाना।
आपको बता दें की अगर मरीज में ये लक्षण दिखते हैं तो इसके 85 प्रतिशत अवसर हैं कि उसे लकवा हुआ है, ऐसी अवस्था में उसे तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराएं व न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाएं।

लकवा का घरेलू उपचार
1- दो चम्मच सरसों का तेल लें और प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह बहुत कारगर होगा। अगर सरसों का तेल उपलब्ध नहीं है तो आप घी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, यह करने से मांसपेशियों को सेंक मिलती है व ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
2- 250 मिलीलीटर सरसों के तेल में 50 ग्राम काली मिर्च डालकर पकाएं व इस हलके गरम तेल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे आपको कुछ ही समय में राहत मिल जाएगी।
3- लकवे से राहत पाने के लिए अपनी रिंग फिंगर को शरीर के ऊपरी हिस्से पर दबाएं। यदि आपका शरीर बाईं ओर लकवाग्रस्त है, तो बाईं हाथ की रिंग फिंगर यानी “अनामिका” को उस क्षेत्र पर दबाएं।

4- लहसुन के 5-6 टुकड़े पीसकर उसमें 2 बड़े चम्मच शहद मिलाएं। 2 महीने तक रोजाना मिश्रण का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इस अवधि में आपको लकवे से राहत मिलेगी। आप 5-6 लहसुन के टुकड़ों को दूध में उबालकर भी नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं। इससे आपको अपने प्रभावित हिस्से को जीवित करने में मदद मिलेगी और आपका ब्लड प्रेशर भी सामान्य हो पाएगा।
5- अनुलोम विलोम पूर्ण या आशिंक स्तिथि के लकवे को ठीक करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। आपको इसे नियमित रूप से कम से कम 1 घंटे तक करना चाहिए। इसका बहुत ही सकारात्मक परिणाम होता है और यदि आप इसे 2 सप्ताह तक रोजाना करते हैं, तो आपको परिणाम दिखाई देने लगेंगे। आप अनुलोम विलोम प्राणायाम के साथ कपालभाति और प्राणायाम भी कर सकते हैं।
6- जीवन जीने का तरीका बदले जैसे – धूम्रपान रोकना, नियमित व्यायाम करना और बेहतर आहार लेना।

Disclaimer: HillVani लेख में जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों व दावों की भी पुष्टि नहीं करता है। इनको केवल सुझाव के रूप में लें। इस तरह के किसी भी उपचार / दवा / डाइट पर अमल करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।


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