Diwali 2021: आज दीपावली पर 2 घंटे ही है गणेश-लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, जानें कब..

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दिवाली वाले दिन धन की देवी महालक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, बुद्धि के देवता भगवान गणेश का पूजन विशेष तौर पर किया जाता है। इसी के साथ इस दिन माता सरस्वती और महाकाली की भी अराधना की जाती है। कहते हैं जो व्यक्ति पूरे विधि विधान से दिवाली पूजन करता है उसके घर परिवार में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। दिवाली पर गणेश-लक्ष्मी पूजन को शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्त में किए गए पूजा-पाठ का फल गई गुना बढ़ जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दीपावली पर इस साल पूजा का शुभ मुहूर्त 2 घंटे का बन रहा है। पिछले साल यह मुहूर्त 1 घंटे 37 मिनट का था।

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दीपावली पर शुभ मुहूर्त: दीपावली पर गणेश-लक्ष्मी पूजन के तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। इन शुभ मुहूर्त को प्रदोष काल, निशीथ काल और महानिशीथ काल कहा जाता है। 4 नवंबर को अमावस्या तिथि सुबह 06 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर 05 नवंबर को सुबह 02 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। 
गणेश-लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त: दिवाली के दिन गणेश-लक्ष्मी का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 9 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक है। प्रदोष काल 5 बजकर 34 मिनट से 7 बजकर 10 मिनट तक और वृषभ काल 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 6 मिनट तक शुभ मुहूर्त है।
दिवाली पूजा की आवश्यक साम्रगी: दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दिए आदि वस्तुएं पूजा के लिए एकत्र कर लेना चाहिए।

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दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व: दिवाली वाले दिन शाम और रात के समय पूजा का विधान है। पुराणों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी स्वयं धरती पर आती हैं और प्रत्येक घर में विचरण करती हैं। इस दौरान जो घर साफ-सुथरा और प्रकाशवान होता है वहां देवी लक्ष्मी ठहर जाती हैं। इसलिए दिवाली से पहले ही घरों की साफ-सफाई का काम शुरू हो जाता है। जिससे देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सके। दिवाली वाले दिन कुबेर देवता की पूजा भी होती है।
दिवाली पूजा मंत्र
मां लक्ष्मी मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
कुबेर मंत्र-ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।

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दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि
1- दिवाली वाले दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, गणेश जी, माता सरस्वती की पूजा का विझान है।
2- दिवाली वाले दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की अच्छे से सफाई कर लेनी चाहिए।
3- इस दिन धन के देवता कुबेर की भी पूजा होती है।
4- माता लक्ष्मी की पूजा के लिए एक चौकी लें। उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। अब इस चौकी पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
5- चौकी के पास एक जल से भरा कलश भी रख लें।
6- मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक लगाएं और घी का दीपक जलाएं।

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7- भोग स्वरूप उनके समक्ष फल, खील-बताशे और मिठाई रखें।
8- माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, देवी सरस्वती, मां काली, कुबेर देवता और भगवान विष्णु की विधि विधान पूजा करें।
9- देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।
10- मां लक्ष्मी की स्तुति करें।
11- तिजोरी और बहीखाते की पूजा करें।
12- देवी लक्ष्मी की आरती उतारकर पूजा संपन्न करें।
13- प्रसाद सभी में बांट दें और जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान जरूर करें।

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