Health Tips: त्वचा संबंधी रोगों से बचने के लिए इन बातों का रखें विशेष ध्यान, नहीं होगी परेशानी..
स्वास्थ्य सलाह: सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है और इस मौसम में तापमान में गिरावट, नमी और ठंडी हवाओं के चलते चर्म रोगों का खतरा बढ़ जाता है। आपने नोटिस किया होगा कि इस सीजन में अधिकतर लोग दाद, खाज, मुंहासे, फोड़ा, छाजन, फुंसी, फंगल इन्फेक्शन और छाल रोग आदि से पीड़ित रहते हैं। चर्म रोग बेहद गंभीर रोग है जिसमें त्वचा में दाद के काले निशान पड़ जाते हैं। इनमें त्वचा पर खुजली, दर्द और जलन होती रहती है। किसी भी तरह के चर्म रोग होने और उसके उपचार में साफ-सफाई, खानपान और जीवनशैली का अहम रोल है। लापरवाही बरतने पर ये रोग पूरे शरीर में फैलने लगते हैं। साथ ही त्वचा के रोम छिद्रों में गंदगी, बैक्टीरिया, फंगस आदि फस जाने के कारण या किसी ऐसी चीज को खा लेने जिससे आपको एलर्जी है तो चर्म रोग की समस्या हो सकती है। वैसे तो चर्म रोग कई प्रकार के होते हैं। जिससे व्यक्ति की त्वचा तो प्रभावित होती है। साथ ही यह दूसरे लोगों में भी फैलने का भय बना रहता है। इसलिए जरूरी है कि आप इसे समय रहते कंट्रोल कर ले।
हम आपको बता रहे हैं कि आप चर्म रोग संबंधी समस्या से बचने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं। क्योंकि चर्म रोग खाने से लेकर रहन-सहन आदि पर भी निर्भर करता है। अगर आप साफ़, स्वच्छ रहेंगे तो निश्चित ही चर्म रोग भी आप तक नहीं पहुंच पाएगा। चर्म रोग तभी होता है, जब आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए आप अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रांग रखिए, तो इस प्रकार का कोई रोग होगा ही नहीं। फिलहाल संक्रमण का दौर है। आप कहीं भी बाहर जाते हैं या इधर-उधर हाथ लगाते हैं। तो अपने चेहरे पर या अपने शरीर के किसी अन्य अंग पर हाथ ना लगाएं और सबसे पहले साबुन से हाथ धो लें। ताकि आपके हाथ में अगर कोई वायरस भी लगा है तो वही खत्म हो जाए। चर्म रोग से बचने के लिए और अपनी इम्यूनिटी स्ट्रांग बनाने के लिए आप ताजे फल, प्रोटीन, आयरन को अपने आहार में शामिल करें। पानी पर्याप्त मात्रा पीएं ओर लिक्विड डाइट भी लेते रहें। ग्रीन टी, लस्सी, जूस आदि भी लें। ताकि आपका शरीर हाइड्रेट रहे और आपको त्वचा संबंधी रोग नहीं हो।
क्यों होती हैं त्वचा संबंधी परेशानियां?
1- आमतौर पर त्वचा के रोग रोम छिद्रों में गंदगी फंसने से, बैक्टीरिया या फंगस के कारण होते हैं।
2- किसी ऐसी चीज का सेवन कर लेना, जिससे आपको एलर्जी हो या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाने के कारण भी त्वचा संबंधी रोग हो जाते हैं। क्योंकि ज्यादातर स्किन डिजीज एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं।
3- लेकिन ये समस्याएं आपके शरीर पर तभी हावी होती हैं, जब आपकी रोग प्रतिरोधक कमजोर होती है।
चर्म रोगों से बचने के तरीके
1- स्वच्छता का ध्यान रखें। खासतौर पर किसी भी सामान को हाथ लगाने के बाद या अपने चेहरे और शरीर पर हाथ लगाने से पहले हाथों को जरूर साफ करें।
2- परिवार में यदि किसी एक सदस्य को स्किन की समस्या हो जाए तो अन्य लोगों को उस संक्रमण से बचने का प्रयास करना चाहिए। ताकि यह पूरे परिवार में ना फैले।
3- संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए जा रहे बर्तन और कपड़ों का उपयोग तब तक ना करें, जब तक उनका संक्रमण पूरी तरह ठीक ना हो जाए। खासतौर पर उनके उपयोग किए हुए कपड़ों का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें।
4- व्यक्तिगत उपयोग की चीजों को हमेशा साफ और हाइजीनिक बनाए रखें। जैसे आपका रेजर, कंघी, टूथब्रश, इनर वियर्स और आपका बिस्तर।
5- अपने भोजन में ताजे फल और प्रोटीन तथा आयरन युक्त आहार को शामिल करें। जमकर पानी पिएं और लिक्विड डायट जितना हो सके लेते रहें। जैसे, जूस, छांछ, ग्रीन-टी, लस्सी, सूप इत्यादि।
चर्म रोग के घरेलू उपाय
1- खुजली और रैशेज में ठंडक पाने के लिए दिन में 3 से 4 बार त्वचा पर कोल्ड क्रीम लगाएं।
2- त्वचा के इंफेक्शन को दूर करने के लिए आप हल्दी में सरसों तेल मिलाकर तैयार किया गया लेप लगाएं।
3- रूखेपन संबंधी समस्या को दूर करने के लिए आप त्वचा पर एलोवेरा जेल का उपयोग कर सकते हैं।
4- यदि त्वचा पर कोई निशान या दाना नहीं दिख रहा हो लेकिन तेज खुजली हो रही हो तो आप इस खुजली से राहत पाने के लिए त्वचा पर पानी डालकर उसे साबुन से धुल लें। इसके बाद सरसों तेल या एलोवेरा जेल लगा लें। आपको राहत मिलेगी।
5- अनार के पत्तों का पेस्ट बनाकर दाद पर लगाने से भी फायदा होता है।
6- इससे बचने के लिए नीम के कुछ पत्तों को उबालकर उसके पानी से नहायें।
7- नींबू के रस की कुछ बूंदें केले के गूदे में मिलाकर दाद वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है।
8- यदि एक से दो बार घरेलू उपाय अपनाने के बाद आपको थोड़ा भी आराम महसूस ना हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनके द्वारा बताई गई दवाओं का उपयोग करें।
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Disclaimer: HillVani लेख में जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों व दावों की भी पुष्टि नहीं करता है। इनको केवल सुझाव के रूप में लें। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।