उत्तराखंडः नौनिहालों और महिलाओं की सेहत से खिलवाड़! पोषण योजना के नाम पर भेजे एक्सपायरी अंडे..

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Hillvani-egg-Uttarakhand

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चंपावतः उत्तराखंड के सुदूरवर्ती जनपदों में पोष्टिक आहार बांटने के नाम पर जिस तरह नौनिहालों और महिलाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका ताजा उदाहरण चंपावत जनपद में सामने आया है, जहां आंगनवाड़ी केन्द्रों को बच्चों के लिए हजारों अंडे वितरित करने के लिए दिए गए, लेकिन अंडे के खराब होने की कई शिकायतें सामने आई, जिनमें से कुछ अंडो में कालिख लगे हुए तो कुछ टूटे हुए मिले। कुल मिलाकर यहां कहा जाए की विभाग ने एक्सपायरी अंडे भेजे दिए। अब मामला सामने आने पर अधिकारी निदेशालय को इसकी रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रहे हैं और अपने क्षेत्र में खराब अंडों को बांटने से मना कर रहे हैं। लेकिन आगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर दबाव बनाने की भी बातें भी सामने आई हैं।

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जानकारी के मुताबिक बाल पोषण योजना के तहत चंपावत जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को हजारों अंडे वितरित करने के लिए मिले हैं। यह अंडे तीन से छह वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्रिक माताओं के पौष्टिक वृद्धि के लिए बांटे जाने थे। इससे पहले सरकार की ओर से टेक होम राशन दिया जा रहा था। मगर इस बार पौष्टिक आहार के तौर पर निदेशालय से अंडे बांटे जाने थे, मगर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आए अधिकतर अंडे खराब और कालिख लगे हैं जो एक्सपायर हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपने क्षेत्र में खराब अंडों को बांटने से मना कर चुकी हैं।

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लेकिन आगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर अंडों को जबरदस्ती बांटने का दबाव बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिले के टनकपुर बनबसा में आंगनबाड़ी केंद्रों में ही अंडे रखे हुए हैं जिनमें सैकड़ों अंडों पर कालिख लगी हुई है और कुछ टूटे हुए हैं। हालांकि अब अधिकारी इसकी निदेशालय को रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। राजेंद्र बिष्ट, डीपीओ, चंपावत का कहना है कि, बाल पोषण योजना के तहत निदेशालय से अंडे मिले हैं। जिसमें अंडों के खराब होने की सूचना मिली है। हम इसकी रिपोर्ट तैयार करके निदेशालय को भेज रहे हैं। बच्चों के सेहत के प्रति विभाग सतर्क है।

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