तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में तीसरे चरण की यात्रा चढ़ी परवान, घाटी में लौटी रौनक..

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Number of pilgrims increased in Tungnath Valley. Hillvani News

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ऊखीमठः पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ धाम में तीसरे चरण की यात्रा परवान चढ़ने के साथ ही तुंगनाथ धाम सहित तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्रियों व सैलानियों की आवाजाही होने से बरसात के समय वीरान पडी़ तुंगनाथ घाटी में रौनक लौटने लगी है। चोपता-तुंगनाथ पैदल मार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्री हर-हर महादेव, जय भोले बाबा के उदघोषों के साथ पैदल सफर तय कर भगवान तुंगनाथ के दर पर पहुँच कर धन्य महसूस कर रहे है। पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात तुंगनाथ धाम मिनी स्विट्जरलैण्ड चोपता हिल स्टेशन से लगभग चार किमी की दूरी पर तथा चन्द्र शिला की तलहटी में बसा है। तुंगनाथ धाम में भगवान शंकर के भुजाओं की पूजा होती है। तुंगनाथ धाम में अभी तक 20 हजार से अधिक तीर्थ यात्री पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना कर चुके है। तुंगनाथ घाटी को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है इसलिए तुंगनाथ घाटी में वर्ष भर प्रकृति प्रेमियों की आवाजाही निरन्तर जारी रहती है। तुंगनाथ घाटी में वर्ष भर सैलानियों की आवाजाही से जहाँ स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होता है वहीं तुंगनाथ यात्रा पर निर्भर रहने वाले व्यापारियों को वर्ष भर रोजगार मिल जाता है।

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तुंगनाथ धाम में तीसरे चरण की यात्रा परवान चढ़ने से तुंगनाथ घाटी में रौनक लौटने लगी है। हापुड़ से तुंगनाथ घाटी की वादियों से रूबरू होने के लिए तुंगनाथ पहुंचे कुशावाह कहते है कि तुंगनाथ घाटी को प्रकृति ने नव नवेली दुल्हन की तरह सजाया व संवारा है इसलिए तुंगनाथ घाटी के प्राकृतिक सौन्दर्य से बार-बार रूबरू होने की लालसा बनी रहती है। पानीपत निवासी रमेश का कहना है कि तुंगनाथ का अपार वन सम्पदा से आच्छादित भूभाग की अति निकट से दृष्टिगोचर होने का सौभाग्य नसीब वालो को मिलता है। चोपता व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ धाम सहित तुंगनाथ घाटी में तीसरे चरण की यात्रा परवान चढ़ने से सभी यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है तथा हमारा तुंगनाथ धाम आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा मुहैया कराने का भरसक प्रयास रहता है। उन्होंने कहा कि तुंगनाथ घाटी की सुन्दरता को जीवित रखने के लिए सामूहिक पहल की जा रही है! तुंगनाथ घाटी के व्यापारी सतीश मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में वर्ष भर सैलानियों की आवाजाही निरन्तर जारी रहती है तथा दिसम्बर व जनवरी में बर्फबारी का आनन्द लेने के लिए भारी संख्या में सैलानी तुंगनाथ घाटी पहुंचता है।

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