चारधाम यात्रा की राह में नया डेंजर जोन, हाईवे पर कल से 12 अप्रैल तक आवाजाही रहेगी बंद..
उत्तरकाशीः चारधाम यात्रा के पहले धाम कहे जाने वाले यमुनोत्री को जोड़ने वाली सड़क पर बने डेंजर जोन और धूल के गुब्बार इस बार भी यात्रियों की परीक्षा लेंगे। प्रशासन के सामने भी सड़क सुरक्षा को लेकर सबसे अधिक चुनौती यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही है। यहां पुराने डेंजर जोन और आलवेदर के कारण बने नए डेंजर जोन हल्की बारिश में भी नासूर बन सकते हैं। दरअसल ऑलवेदर सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। हाईवे पर चौड़ीकरण कार्य में मानकों को ताक पर रखकर अनियंत्रित पहाड़ कटान किया जा रहा है। जिसके कारण चारधाम यात्रा की राह में कई परेशानियां खड़ी हो रही हैं। पहले यहां कई जगहों पर डेंजर जोन नासूर बने हुए थे, वहीं अब यहां एक और नया डेंजर जोन विकसित होने की आशंका जताई जा रही है। जिसके चलते यमुनोत्री हाईवे पर पहाड़ कटान से बढ़े खतरे के चलते यमुनोत्री हाईवे पर 2 अप्रैल से 12 अप्रैल तक आवाजाही बंद कर दी गई है।
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आपकों बता दें कि यमुनोत्री हाईवे पर पौलगाँव से पालीगाड़ तक ऑलवेदर सड़क परियोजना के तहत चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। यमुनोत्री हाईवे पर चौड़ीकरण कार्य मानकों को ताक में रखकर अनियंत्रित पहाड़ कटान किया जा रहा है। चारधाम यात्रा के लिए किसाला खनेडा गांव की तलहटी पर डेंजर जोन विकसित होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं जिसके कारण यमुनोत्री हाईवे पर किसाला व खनेडा गांव की तलहटी पर अनियंत्रित पहाड़ कटान से हाईवे के ऊपरी हिस्से में चटटान खिसकने से खतरा बढ़ गया है। एसडीएम शालिनी नेगी ने राज्यहित जनहित में अधिकार का प्रयोग करते हुए एनएच व निर्माण एजेंसी को तेजी लाने को भी आदेशित किया है। विगत दिनों यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने भी चारधाम यात्रा के लिए चुनौती बन रहे किसाला खनेडा गांव की तलहटी पर हो रहे चौड़ीकरण के कार्य व उसमें हो रही लापरवाही पर नाराजगी जताई थी। अब खतरें को देखते हुए यमुनोत्री हाईवे पर 2 अप्रैल से 12 अप्रैल तक आवाजाही बंद कर दी गई है।
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यमुनोत्री हाईवे पर नए पुराने डेंजर जोन बनेंगे बड़ी चुनौती
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरांसू से शुरू होता है। जो बड़कोट दोबाटा होते हुए यमुनोत्री धाम के अंतिम सड़क पड़ाव जानकी चट्टी को जोड़ता है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर फेड़ी, सिलक्यारा और किसाला से कुथनौर के बीच आलवेदर रोड निर्माण के दौरान डेंजर जोन बने हैं। किसाला से कुथनौर तक तीन सौ मीटर लंबा डेंजर जोन है। इस क्षेत्र में अभी सड़क का डामरीकरण भी नहीं हुआ है। इसके अलावा फेड़ी और सिलक्यारा के पास के डेंजर जोन हल्की बारिश में ही सक्रिय हो सकते हैं। जबकि ओजरी से लेकर जानकी चट्टी के बीच चार डेंजर जोन हैं। इस क्षेत्र में अभी आलवेदर का निर्माण भी शुरू नहीं हुआ है। इन डेंजर जोन में तीन सौ मीटर लंबा डाबरकोट भूस्खलन जोन, असनौल गाड़, झंजर गाड़, फूलचट्टी बैंड शामिल है। इस क्षेत्र में सड़क की स्थिति बेहद ही बदहाल है। भले ही इन चुनौतियों के बीच प्रशासन भी अपनी तैयारियों में लगा हुआ है। किसाला और कुथनौर के बीच यात्रा शुरू होने से पहले तेजी से काम हो सके। इसके लिए प्रशासन ने प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के जवानों को तैनात किया है। इसके अलावा डेंजर जोन के निकट जरूरी मशीनें तैनात करने के भी निर्देश राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बड़कोट खंड को दिए गए हैं।
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