Hillvani-Vyang-Uttarakhand

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लेख: कपिल पंवार, असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदीं विभाग, हे.न.ब. गढ़वाल केंद्रीय विवि श्रीनगर।

विधानसभा चुनाव में विधायक के निर्वाचित होते ही एक नए चुनाव की दौड़ शुरू हो जाती है। विधायक जी तो संवैधानिक तरीके से हुए चुनाव में निर्वाचित होते हैं, लेकिन चुनाव परिणाम आते ही एक असंवैधानिक पद की दौड़ भी शुरू हो जाती है। कई दिनों की राजनीतिक दौड़ के बाद विधायक जी का रास्ता जैसे ही विधानसभा जाने के लिए साफ होता है उनके पीछे चमचों की फौज खड़ी हो जाती है। विशेष बात यह है कि हमारे संविधान में विधायक बनने के लिए कई योग्यताओं का उल्लेख किया गया है, जैसे विधायक बनने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना आवश्यक है, विधायक बनने वाले व्यक्ति की आयु 25 वर्ष होनी चाहिए, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के मुताबिक, उम्मीदवार का नाम उस राज्य में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में होना जरूरी है आदि-आदि, लेकिन विधायक का चमचा बनने का उल्लेख संविधान में कहीं भी नही है, जबकि ये पद जनता की उपयोगिता की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।

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संविधान के नीति-नियंता भी भारत के इतने बड़े संविधान में चमचे जैसे महत्वपूर्ण पद की योग्यता और चयन की प्रक्रिया का उल्लेख करना भले कैसे भूल गये, ये समझ नही आता। हमारे देश में चमचे की कई कोटियां होती है,जैसे वरिष्ठ चमचा, कनिष्ठ चमचा, जनपदीय चमचा, स्थानीय चमचा आदि। विभिन्न कोटियां होते हुए भी चमचों का कार्य एक जैसा होता है। चमचे ही होते हैं,जो विधायक और जनता के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। ये न हो तो ‘जनता-चमचा-विधायक’ की कड़ी में चलने वाला संचार समाप्त हो जाये, विधायक खुद को विधायक न समझे, वह जनता का सेवक बन जाये। चमचे ही होते हैं, जो जनता के बीच से चुने गये व्यक्ति को विधायक होने का एहसास दिलाते है। चमचे पद तक पहुंचना कोई आसान बात नही है, इस पद की योग्यताओं और कार्य का विवरण संक्षेप में दिया जा रहा है- चमचे, जनता और विधायक के बीच की वह दीवार होती है, जिसको पार किए बिना विधायक जी के दर्शन नही किए जा सकते हैं! दर्शन तो दूर की बात आधुनिक संचार के युग में फोनवार्ता से लेकर सोशल मीडिया से भी विधायक तक संदेश नहीं पहुंचाया जा सकता है।

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विधायक जी का दिल जीतने में विशेष योग्यता प्राप्त होने पर चमचा, वरिष्ठ चमचा बन जाता है। विधायक का फोन उठाता है और जनता को हमेशा फुस्फुस्हाट स्वर में कुछ इस तरह के जवाब देता है- ‘विधायक जी जरा बैठक में है कोई काम हो तो बताओ’। अरे भाई अगर बैठक में विधायक है तो तू क्यों फुस्फुसा रहा है। वह फोन उठाकर कभी बैठक में होने की बात, कभी मंच पर होने की बात, तो कभी दूसरे फोन पर व्यस्त होने की बात कहता है। फोन करने वाला तंग हो जाये तो चमचा समस्या भी सुन लेता है, लेकिन चमचा अद्भुत संयम और वाकपटुता वाला प्राणी होता है, ये उसकी विशेष योग्यता होती है। यदि फोन पर वार्ता करने वाला विधायक के आसपास हो तो मिलन के खतरे को भांपते हुए चमचा विधायक की लोकेशन भी बदल देता है। सोशल मीडिया के दौर में चमचा अपने नेता जी का सोशल मीडिया प्रचार-प्रसार का विशेष ध्यान रखता है। वह विधायक जी के द्वारा किए कार्य को अतिश्योक्ति के साथ प्रस्तुत करने में सिद्धहस्त होता है, जैसे जनता मिलन की तस्वीर वह ऐसे उद्धरण के साथ पोस्ट करता है- ‘जनता की समस्याओं का निराकरण करते हुए माननीय विधायक जी’।

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जबकि जनता के शिकायती पत्रों को कार्यालय तक न पहुंचने की जिम्मेदारी वह स्वयं ले लेता है। समय-समय पर जनता को यह महसूस हो सके कि विधायक जनता के बीच का आदमी ही तो है, इसके लिए चमचा सोशल मीडिया पर पोस्ट करता है- आज माननीय विधायक जी ने जनता के साथ लाइन में लगकर फलाने-फलाने मन्दिर में दर्शन किए, आज माननीय विधायक जी ने जनता के साथ बैठकर भोजन ग्रहण किया,आज माननीय ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया,आज फलाने के परिवार को सांत्वना दी आदि-आदि। विधायक जी पर अधिक से अधिक प्रभाव स्थापित करने के लिए वह विधायक को अगले चुनाव में जीतने के नुस्खे, चुनाव खर्चा जमा करने के तरीके, विधायक जी के कुटुम्ब-परिवार आदि को लाभ तक पहुंचाने के तरीके बताता है, लेकिन वह कभी खुद के और अपने परिजनों के लाभ की बात कभी नही कहता है इससे उसकी ईमानदारी और समर्पण कुछ ऐसा लगता है जैसे कह रहा हो- ‘‘तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा’’। चमचे की प्रतिस्पर्धा केवल अपने अग्रणी चमचे होती है, क्योंकि चमचे पद को प्राप्त करना जितना असंवैधानिक है, उसमें पदोन्नति भी उतनी ही असंवैधानिक है। कोई निचले दर्जे का चमचा कब वरिष्ठ पद पर काबिज हो जाये कुछ भरोसा नहीं।चमचों की दौड़ में विशिष्ट चमचा बनकर उसपर लम्बे समय तक बने रहना हर चमचे का ख्वाब होता है, क्योंकि वरिष्ठ चमचा अक्सर विधायक जी का राइट हैंड भी कहलाता है। अब विधायक जी का राइट हैंड कौन नही कहलाना चाहेगा तभी तो बेरोजगारी के इस युग में चमचे पद पर चयनित होने के लिए प्रतिस्पर्धा में बढ़ोत्तरी हो रही है।

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