उत्तराखंड में कितने दलबदलू चुनाव से पहले हुए इधर से उधर..
उत्तराखंडः प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद से ही सरगर्मी बढ़ गई है। विधानसभा चुनाव से पहले निष्ठा बदलकर दूसरे दल में शामिल होने का सिलसिला कुछ महीने पहले उत्तराखंड में शुरू हो चुका है। वैसे उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दल बदलने की राजनीति नई है। अपनी मांगों को लेकर अक्सर ही नेता पार्टी पर दबाव बनाते दिखे हैं और जब बात नहीं बनी तो उन्होंने दल बदलने में बिलकुल भी देर नहीं करते। विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले भी यही देखने को मिल रहा है। कई दिग्गज दल बदल चुके हैं तो कुछ इस बारे में सोच रहे हैं। आईए आपको बताते हैं की बाईस के बैटल से पहले किन किन नेताओं ने पार्टी की निष्ठा तो दरकिनार कर दलबदलू बने…
आर्य पिता-पुत्र ने की कांग्रेस में की घर वापसी
विधानसभा चुनाव 2022 से पहले दल बदलने की शुरुआत हुई पिता पुत्र की जोड़ी यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के साथ। आर्य पिता पुत्र नें बीते साल अक्टूबर 2021 में भाजपा छोड़ कांग्रेस के हाथ से हाथ मिलाया। यशपाल आर्य भाजपा सरकार में समाज कल्याण मंत्री और बाजपुर से विधायक थे, जबकि उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल विधानसभा सीट से विधायक थे। दोनों पिता पुत्र ने 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था। तब भाजपा ने दोनों को प्रत्याशी भी बनाया था और उन्हें जीत भी मिली। इसके बाद भाजपा सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया। लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले ही भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए।
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कांग्रेस विधायक राजकुमार ने भी बदला दल
उत्तरकाशी जिले की पुरोला विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक राजकुमार बीते साल सितंबर में भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने दिल्ली पार्टी मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। आपको बता दें कि राजकुमार पहले भारतीय जनता पार्टी में ही थे। वे भाजपा से विधायक रह चुके हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी न बनाए जाने पर वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक मालचंद
उत्तरकाशी जिले की पुरोला विधानसभा सीट से ही भाजपा के पूर्व विधायक मालचंद ने भी चुनाव से ठीक पहले दल बदला है। उन्होंने बीती तीन जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्हें ठीकठाक जनाधार वाला नेता माना जाता है। उनके कांग्रेस में चले जाने से भाजपा को उत्तरकाशी जिले में बड़ा झटका लगा है।
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हेम आर्य की भी हुई फिर घर वापसी
हेम आर्य ने कांग्रेस छोड़कर फिर बीजेपी का दामन थाम लिया। 2017 में बीजेपी से टिकट न मिलने पर हेम आर्या ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। चुनाव हारने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अब विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले वह एक बार फिर से बीजेपी में वापस लौट गए हैं। साल 2012 में हेम आर्य ने बीजेपी के टिकट पर नैनीताल सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि वह 5 हजार वोटों से सरिता आर्या से हार गए थे। हेम आर्या ने जनवरी में कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। हेम पहले भाजपा में ही थी। 2017 में भाजपा से टिकट न मिलने पर वे कांग्रेस में आए थे।
भाजपा की हुईं सरिता आर्या
इन बड़े नामों में सरिता आर्य भी एक बड़ा नाम है। प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सरिता ने आज ही कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा है। कांग्रेस से टिकट कटने से नाराज सरिता कई दिन पहले भी इस बात को साफ कर चुकी थी कि अगर भाजपा से उन्हें टिकट मिलता है तो वो पार्टी छोड़ने में कोई गुरेज नहीं करेंगी। आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने सरिता आर्य को भाजपा की सदस्यता दिलाई। आपको बता दें कि सरिता आर्य नैनीताल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थी और इस बाबत कांग्रेस आलाकमान से टिकट भी मांग रही थी। क्योंकि सरिता पिछले 5 सालों से इस विधानसभा सीट से तैयारी कर रही हैं। लेकिन कुछ महीने पहले ही पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के कांग्रेस में घर वापसी के बाद सरिता आर्य के टिकट कटने की चर्चाएं जोरों शोरों पर थी।
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अब हरक की बारी, क्या कर पाएंगे दल बदल?
उत्तराखंड के दिग्गज नेताओं में शुमार हरक सिंह रावत भी कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। बीते रोज भाजपा ने उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। साथ ही मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त किया है। ऐसे में उनकी कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। बता दें कि बीजेपी से निकाले गए हरक सिंह रावत दिल्ली में हैं और चर्चा है कि वापसी को लेकर उनकी कांग्रेस नेताओं से बातचीत भी हुई है। लेकिन, इसी बीच हरदा ने हरक सिंह की वापसी पर अड़ंगा लगा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, हरीश रावत ने सीधे तौर पर कांग्रेस आलाकमान को कह दिया है कि हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल कराना कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ना जैसा होगा। रावत ने सोमवार को अपनी बात दोहराते कहा कि अगर हरक सिंह कांग्रेस पार्टी छोड़ने की अपनी गलती स्वीकार करेंगे, तो हम उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।