उखीमठः GIC मक्कू में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक ही नहीं तो कैसे होगी बेहतर पढ़ाई, DM को भेजा ज्ञापन..

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GIC Makku does not have teachers for important subjects. Hillvani News

GIC Makku does not have teachers for important subjects. Hillvani News

पंच केदारो में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ के आंचल में विराजमान जीआईसी मक्कू में महत्वपूर्ण विषयों के पद रिक्त होने पर प्रधान विजयपाल नेगी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर विद्यालय में रिक्त पदों की भरपाई की मांग की है। विद्यालय में तैनात तीन प्रवक्ताओं के सेवानिवृत्त होने तथा तीन प्रवक्ताओं का स्थानान्तरण होने से विद्यालय में अध्ययनरत नौनिहालों का पठन – पाठन बाधित होना स्वाभाविक ही है। 165 छात्र – छात्राओं वाले जीआईसी मक्कू को वर्ष 1995 में हाई स्कूल व वर्ष 1998 में इन्टर का दर्जा मिला था।

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जिलाधिकारी को भेजे ज्ञापन का हवाला देते हुए प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि विद्यालय में तैनात हिंदी, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र के प्रवक्ताओं के सेवानिवृत्त होने तथा भौतिक विज्ञान, अंग्रेजी प्रवक्ताओं तथा सहायक अध्यापक व्यायाम का स्थानान्तरण स्थानांतरण होने से नौनिहालों का पठन-पाठन बाधित होना स्वाभाविक ही है। उनका कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार व शिक्षा निदेशालय नौनिहालों को शिक्षा के साथ – साथ खेल- कूदों, योगासन सहित अन्य शारीरिक गतिविधियां अनिवार्य मान रही है तो दूसरी तरफ व्यायाम शिक्षक का भी स्थान्तरण कर नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उनका कहना है कि दुर्गम क्षेत्र में इतने रिक्त पद खाली होना उस विद्यालय में पढ रहे गरीब छात्रों के भविष्य के साथ कुठाराघात है।

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शिक्षा विभाग के अंतर्गत नयीं नयीं तबादला नीतियाँ तो बन जाती हैं मगर दुर्गम से सुगम की ओर तत्काल लागू भी हो जाती है। लेकिन सुगम से दुर्गम की ओर जाना कोई पसंद नहीं करता है। प्रधान विजयपाल नेगी का कहना है कि उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित होता है तो उसमें मैरिट लिस्ट में स्थान पाने वाले छात्रों में दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र ही शामिल होते हैं मगर फिर भी सीमान्त क्षेत्रों के नौनिहालों के भविष्य के साथ शिक्षा विभाग खिलवाड़ कर रहा है। प्रधान पावजगपुडा अरविन्द रावत, पीटीए अध्यक्ष जीतना भण्डारी, हर्षवर्धन मैठाणी का कहना है कि यदि समय रहते विद्यालय में रिक्त पदों पर भरपाई नहीं की गयी तो अभिभावकों व क्षेत्रीय जनता आंदोलित होने के लिए बाध्य होंगी।

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