कोविड जांच की धीमी रफ्तार के लिए, उत्तराखंड समेत नौ राज्यों को केंद्र ने लिखा पत्र..
देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र ने नौ राज्यों को पत्र लिखकर कोरोना जांच की सुस्त रफ्तार पर चिंता जाहिर की है। केंद्र की ओर से यह पत्र उत्तराखंड, तमिलनाडु, पंजाब, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और बिहार सरकार को लिखा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि वह अपने-अपने प्रदेश में कोविड-19 जांच को बढ़ाएं, जिससे संक्रमित व्यक्ति को चिह्नित कर उसे पृथक किया जा सके। इस पत्र में राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोविड प्रबंधन के लिए पर्याप्त स्टाफ, डॉक्टर, बुनियादी ढांचा, बिस्तरों की निगरानी आदि सुविधाओं के साथ जिला और उप जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिला और उप-जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाने, कोरोना संक्रमितों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करने और बेड की बुकिंग के लिए कंट्रोल रूम के जरिए हरसंभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि इन कंट्रोल रूम में डॉक्टरों, काउंसलर और वॉलंटियर्स की पूरी तैनाती हो। इसके अलावा एक हेल्पलाइन भी बनाई जाए, जहां लोग आसानी से संपर्क कर सकें और हमसंभव मदद दी जा सके। केंद्र सरकार ने सलाह दी है कि इन कंट्रोल रूम में कंप्यूटर होने चाहिए। यहां ब्रॉडबैंड सर्विस होनी चाहिए। कोरोना के मामलों के मुताबिक इन कंट्रोल रूम को हर वक्त सक्रिय रखा जाए। इससे लोगों को मदद दी जाए। केंद्र ने कहा कि कोरोना की जांच, एंबुलेंस की उपलब्धता का रियल टाइम डेटा इन कंट्रोल रूम में उपलब्ध होना चाहिए। लोगों को एंबुलेंस और अस्पताल की बुकिंग की पूरी प्रक्रिया समझाई जानी चाहिए।
केंद्र ने कुल आठ बिंदुओं में राज्यों को बताया है कि कंट्रोल रूम में एंबुलेंस की सुविधा होनी चाहिए, जिससे लोगों को तत्काल मदद पहुंचाई जा सके। इसके अलावा कंट्रोल रूम पूरे इलाके में खाली बेड के बारे में अपडेट रखे। कंट्रोल रूम उन कोरोना पीड़ितों के संपर्क में रहे, जो होम आइसोलेशन में हैं। कंट्रोल रूम के सदस्यों की ओर से इन लोगों को फोन करके हाल जाना जाएगा। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी कोविड अनरूप व्यवहार अपनाने की अपील की है। उन्होंने गुरुवार को भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली में उन चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों से मुलाकात की, जो कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित पाए गए थे। उन्होंने यहां कहा कि हमारे कई चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मरीजों की सेवा करते हुए कोरोना वायरस से प्रभावित हुए हैं। मंडाविया ने कहा कि मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य की की कामना करता हूं।
टीकाकरण के बाद भी फैल रहा ओमिक्रॉन
केंद्र की ओर से लिखा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा है। कई देशों में टीकाकरण के उच्च स्तर के बावजूद वहां पर कोविड-19 मामलों में अतिरिक्त उछाल देखा गया है। इसलिए कोरोना मामलों में अति गंभीरता की जरूरत है। केंद्र ने कहा कि सभी राज्य जांच में तेजी लाएं और अधिक से अधिक व्यक्तियों की जांच कर संक्रमित को भीड़ के बीच जाने से रोकें, जिससे संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सके।
कोरोना के लाख से ज्यादा मामले आए सामने
देश में पिछले 24 घंटे में 1,17,100 नए मामले सामने आए हैं। पिछले एक हफ्ते में औसत दैनिक केसों में 485 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एक बार फिर कोरोनावायरस के डेली मामलों की संख्या 1 लाख के पार हो गई है। पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोनावायरस के मामले 28.8 फीसदी बढ़ गए हैं। वहीं आज शुक्रवार की सुबह तक देश में ओमिक्रॉन के 377 नए मामले सामने आए हैं, जिनसे कि इस नए वेरिएंट के केसों का आंकड़ा बढ़कर 3,007 हो गया है। वहीं, इससे अब तक 1,199 मरीज़ ठीक हो चुके हैं। गुरुवार तक देश में ओमिक्रॉन के 2,630 मामले थे।
उत्तराखंड में कोरोना के मामलों में हो लगातार वृद्धि
उत्तराखंड में बीते 24 घंटों में प्रदेश के 13 जिलों में 630 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। वहीं तीन मरीजों की मौत हुई है। जिसमें देहरादून जिले में 268 संक्रमित मिले हैं। इन्हें मिलाकर अब तक 347098 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का असर दिखने लगा है। राज्य में लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। अब हेल्थ केयर वर्कर भी कोरोना की चपेट में आने लगे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में दो डॉक्टर सहित पांच लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। वहीं नैनीताल में सात लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।