बड़ी खबर: गुरुकुल काँगड़ी विवि के कुलपति की जन्मतिथि पर विवाद, जयहिंद फाउंडेशन ने उठाए सवाल..

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हरिद्वार: गुरुकुल काँगड़ी (समविश्वविद्यालय), हरिद्वार के कुलपति डॉ. रूप किशोर शास्त्री के शैक्षिक प्रमाण पत्र (हाईस्कूल) में जन्मतिथि में हेरा-फेरी एवं बिना ग्यारहवीं कक्षा उत्तीर्ण किए बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने का फर्जीवाड़ा सामने आया है। उन्होंने वास्तविक तथ्यों के साथ गम्भीर हेरा-फेरी की है। जिसके कारण इनके शैक्षिक प्रमाण पत्र संदिग्ध हो गए हैं। डॉ.रूप किशोर शास्त्री के हाईस्कूल के प्रमाण पत्र के दो प्रमाण-पत्रों में दो अलग-अलग जन्मतिथि का उल्लेख किया गया है। जिससे स्पष्ट होता है कि प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने अपने शैक्षिक प्रमाण-पत्र में जालसाजी एवं धोखाधड़ी की है।

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डॉ. रूप किशोर शास्त्री ने हाई स्कूल के समकक्ष पूर्व मध्यमा की परीक्षा सन 1976 में श्री सर्वदानन्द सं.म.वि., साधु आश्रम,अलीगढ़ सम्बद्ध श्री सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से उत्तीर्ण की। डॉ. रूप किशोर शास्त्री ने इन्टरमीडिएट (कक्षा-12) सन 1977 में यू.पी. बोर्ड, इलाहाबाद से उत्तीर्ण की है। इस परीक्षा विवरण से यह स्पष्ट है कि डॉ. रूप किशोर शास्त्री ने पूर्व मध्यमा (हाई स्कूल) परीक्षा सन 1976 में उत्तीर्ण करने के पश्चात 1 वर्ष के अन्तराल में ही कक्षा 11 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना ही सन 1977 में कक्षा-12 (इन्टरमीडिएट) परीक्षा यू.पी. बोर्ड इलाहाबाद से कैसे उत्तीर्ण कर ली? यह जाँच का विषय है।

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जय हिन्द फाउंडेशन के प्रकाश में आया है कि डॉ. रूप किशोर शास्त्री ने सन 1972 में हाई स्कूल परीक्षा यू.पी. बोर्ड, इलाहबाद से उत्तीर्ण की थी, लेकिन इस परीक्षा को अपने गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार में प्रोफेसर पद हेतु स्वहस्तलिखित बायोडाटा में छिपाया गया है और इसके स्थान पर पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल) सन 1976 श्री सर्वदानन्द संस्कृत महाविद्यालय,साधु आश्रम, अलीगढ़ सम्बद्ध श्री सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी को दर्शाया गया है। हाईस्कूल परीक्षा यू.पी. बोर्ड के प्रमाण पत्र (सन 1972) जिसमें जन्मतिथि दी हुई होती है को डॉ. रूप किशोर शास्त्री द्वारा  छिपाना किसी गम्भीर हेरा-फेरी को दर्शाता है। ऐसी हेराफेरी एक आपराधिक कृत्य है।

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जय हिन्द फाउंडेशन को ज्ञात हुआ है कि उक्त प्रकरण में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली में शिकायत की गयी थी। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली को निर्देशित किया था। तदोपरांत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा कुलसचिव, गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार को डॉ. रूप किशोर शास्त्री की शैक्षिक योयताओं की वैधता के सम्बन्ध में जाँच कर यूजीसी , नई दिल्ली को सूचित करने के लिए निर्देशित किया गया था।  उक्त सन्दर्भ में निष्पक्ष जाँच नहीं की गई है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली को तथ्यों को छिपाकर चालाकीपूर्ण तरीके से गोलमोल जवाब देकर गुमराह किया गया गया है।

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जय हिन्द फाउंडेशन का मानना है कि आर्य जगत की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था गुरुकुल काँगड़ी (समविश्वविद्यालय) , हरिद्वार के कुलपति पद पर ऐसे धोखाधड़ी वाले व्यक्ति का होना समस्त शैक्षणिक जगत के लिए एक शर्मिंदगी का विषय है। अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द जी की तपो भूमि का नेतृत्व ऐसे जालसाज व्यक्ति के हाथ में होना अत्यंत चिंता का विषय है। जय हिन्द फाउंडेशन की मांग है कि ऐसे जालसाज व्यक्ति को तुरन्त पदच्युत कर इस प्रकरण की निष्पक्ष जाँच करायी जाए ताकि गुरुकुल काँगड़ी (समविश्वविद्यालय) की प्रतिष्ठा को धूमिल होने से बचाया जा सके। शीघ्र ही जय हिन्द फाउंडेशन की एक प्रतिनिधि मंडल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री (भारत सरकार) से मिलेगा और इनकी कारगुजारियों की गहनता से जाँच किए जाने का अनुरोध करेगा ताकि विश्वविद्यालय में जो भय, भ्रष्टाचार का माहौल है उससे विश्वविद्यालय को निजात मिल सके।

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