दर्दनाक दुर्घटना: कार खाई में गिरी, 2 भाईयों की मौत, 1 लापता। हादसे को लेकर बना है असमंजस..
पिथौरागढ: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद से एक दर्दनाक हादसे की खबर आ रही है। जिसमें दो चचेरे भाईयों की इस दर्दनाक हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। हल्द्वानी से पिथौरागढ़ आ रही स्विफ्ट कार गुरना के निकट गहरी खाई में जा गिर गई जिसमें पिथौरागढ़ के दो चचेरे व्यापारी भाईयों की मौके पर ही मौत हो गई। कार में एक अन्य व्यक्ति भी सवार था जो लापता बताया जा रहा है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व कर्मियों सहित स्वयं जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे। करीब 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शव खाई से निकाले गए। लापता व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
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जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय से 10 किमी. दूर स्थित बीसाबजेड़ गांव निवासी दो व्यापारियों को हल्द्वानी से पिथौरागढ़ लौटना था। मार्ग से उनकी बातचीत परिजनों से हुई थी। ढाई घंटे के भीतर उन्हें पिथौरागढ़ पहुंच जाना था, लेकिन वे पिथौरागढ़ नहीं पहुंचे। परिजनों ने फोन लगाए दोनों के ही फोन नहीं लगे। परिजनों ने गूगल से लोकेशन पता की तो गुरना के आस-पास लोकेशन मिली। आशंकित परिजनों ने एक बजे के आस-पास इसकी सूचना प्रशासन को दी और स्वयं मौके पर पहुंचकर खोजबीन शुरू की। दुर्घटना की आशंका को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया। एसडीआरएफ, पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई।
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कार सवारों की फोन लोकेशन के आधार पर गहरी खाई में खोजबीन शुरू हुई तो व्यापारी नीरज सौन (38) और उनके चचेरे भाई धीरज सौन (25) के शव गहरी खाई में पड़े मिले। परिजनों ने बताया कि कार में उनके साथ उनका भांजा सुरेश (27) निवासी घिंघरानी भी था। देर रात तक खोजबीन के बाद भी सुरेश का पता नहीं लगा। पांच घंटे की मशक्कत के बाद गहरी खाई में कार दिखाई दी। लापता सुरेश की तलाश की जा रही है। अब कार दुर्घटना के समय को लेकर असमंजस बना हुआ है। मार्ग से परिजनों से उनकी बातचीत हुई थी। काफी देर तक उनके पिथौरागढ़ नहीं पहुंचने पर खोजबीन शुरू हुई। घाट चौकी से वाहन ने जिले में कब प्रवेश किया। इसका विवरण भी नहीं मिल पाया।
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दुर्घटना के समय को लेकर अंदाज लगाया जा रहा है कि व्यापारी रात में हल्द्वानी से निकले और मार्ग में ही उन्होंने कुछ देर विश्राम किया और सुबह अंधेरे में ही वह पिथौरागढ़ के लिए रवाना हो गए। अंधेरे में ही वह गुरना के आस-पास पहुंचे। जिसके चलते किसी ने वाहन को खाई में गिरते नहीं देखा। दुर्घटना के वक्त वाहन कौन चला रहा था इसका भी पता नहीं लग सका है। बताया जा रहा है कि नीरज सौन और सुरेश अपनी दुकानें चलाते हैं जबकि होटल मैनजमेंट कर चुका धीरज किसी होटल में तैनात था। दुर्घटना के कारणों का भी अब तक पता नहीं चला है। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही बीसाबजेड़ और जिला मुख्यालय में शोक की लहर दौड़ गई। तमाम व्यापारियों ने घटना पर गहरा दुख जताया है।
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