ध्यान दें: कुत्ता पालने का है शौक तो पड़ोसी से लेनी होगी NOC, ये नियम भी करने होंगे अब फॉलो..
कुत्ता पालना लोगों का पुराना शौक रहा है। कई लोग घर की सुरक्षा के लिहाज से कुत्तों को पालते हैं तो कई लोग शौक या स्टेटस की वजह से कुत्तों को पालना पसंद करते हैं। अभी तक कुत्ते पालने के लिए लोगों को कोई औपचारिकता नहीं करनी पड़ती थी। बस कहीं से भी पपी या कुत्ता लें और बिना किसी दिक्कत के पाल लो लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला। अब कुत्ता पालने लिए नए नियम फॉलो करने होंगे। कुत्ता पालने के लिए पड़ोसी की एनओसी लेना अनिवार्य होने के साथ ही कई अन्य नियमों का भी ध्यान रखना होगा। कुत्ता पालने में अगर पड़ोसियों ने आपत्ति जताई तो डॉग लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। कुत्तों के पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आपत्ति किए गए पड़ोसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा। वरना कुत्तों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा और निगम की ओर से स्वामी पर निर्धारित जुर्माना लगाया जाएगा। यह नियम जल्द ही पूरे प्रदेश में भी जल्द लागू किया जा सकता है।
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आपको बता दें कि देशभर की सरकारें कुत्ता काटने और पड़ोसियों के बीच होने वाले झगड़ों पर लगाम लगाने के लिए नए-नए नियम बना रही हैं। अब कई ऊधमसिंह नगर नगर निगम ने भी पेट लवर्स के लिए दिलचस्प नियम बनाने का ऐलान किया है। इस नए नियम के मुताबिक अब आपको घर में कुत्ता पालने के लिए निगम से तो अनुमति लेनी ही होगी। साथ ही अपने पड़ोसी से भी लिखित एनओसी लेनी होगी। अगर आपके पड़ोसी यह एनओसी देने से इनकार करेंगे तो आप कुत्ता नहीं पाल सकेंगे। शहर में 4000 पालतू कुत्ते होने के बाद भी नगर निगम में सिर्फ 37 के ही पंजीकरण हैं। चार माह पहले हुई नगर निगम बोर्ड बैठक में नियमावली का प्रस्ताव पास होने के बाद भी निगम की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है। निगम अधिकारियों व कर्मचारियों की सुस्त गति होने के चलते कुत्तों के लाइसेंस शुल्क अधिनियम 2022 की नगर निगम की ओर से नियमावली लागू करने में काफी समय लग रहा है।
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ऐसे में शहर में पालतू कुत्तों को लोग खुले स्थान में शौच करा रहे हैं। इससे सड़कों, पार्क, खेल मैदान आदि में गंदगी फैल रही है। नगर निगम की ओर से नियमावली बनाई गई है कि कुत्तों को खुले स्थान में शौच नहीं कराया जाएगा। इसका उल्लंघन करने में निगम के कर्मचारियों की ओर से 500 रुपये का दंड लगाया जाएगा। कुत्ते पालने के लिए घर के चारों और दीवारें बनाया जाना आवश्यक है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हर्ष पाल सिंह चंडोक का कहना है कि डॉग लाइसेंस की नियमावली की प्रक्रिया अभी गतिमान है। नियमावली लागू होने के बाद डॉग लाइसेंस बनाने के लिए शहर की कॉलोनी व सोसाइटी को नोटिस भेजे जाएंगे।
निगम की ओर से यह बनाए जा रहे कड़े नियम
1- डॉग लाइसेंस बनाने पर 500 रुपये करने होंगे खर्च।
2- हर साल कराना होगा नवीनीकरण, अगर ऐसा नहीं किया तो प्रति तीन माह के अंतराल में 100 रुपये विलंब शुल्क लगेगा।
3- तीन माह से अधिक की आयु के कुत्तों का अगर छह माह तक पंजीकरण नहीं कराया तो 700 रुपये का देना होगा दंड।
4- कुत्तों के गले में लटका रहेगा टोकन, अगर टोकन नहीं हुआ तो निगम कुत्तों को कर लेगा जब्त।
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