उत्तराखंडः प्राइमरी के कई सहायक अध्यापकों को लगा झटका, पढ़ें क्या है पूरा मामला..

0
nainital-high-court-uttarakhand-today

nainital-high-court-uttarakhand-today

हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक बेसिक के पदों पर हो रही भर्ती में स्नातक स्तर पर 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता की शर्त को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इससे अंतरिम आदेश के आधार पर नियुक्त हुए कई सहायक अध्यापकों को झटका लगा है। साथ ही जिन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग होनी थी उनका भविष्य भी अधर में लटक गया है। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई। इस मामले मे नीतू पाठक सहित कई अन्य ने हाईकोर्ट मे याचिका दायर की थी। 2019 में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान किया था जिसके आधार पर कई अभ्यर्थी सहायक अध्यापक प्राइमरी के पद पर नियुक्त भी हो गए थे। कुछ पदों पर काउंसलिंग अभी होनी थी।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड का सीमांत गांव पिनस्वाड, जहां प्रकृति के हैं सबसे सुंदर दृश्य। यहां अब तक कोई नहीं पा सका सरकारी नौकरी..

वहीं कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने देवेश शर्मा बनाम भारत संघ में यह घोषित कर दिया था कि सहायक अध्यापक प्राइमरी के पद के लिए सिर्फ बीएड की योग्यता को आधार नहीं बनाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन का इस संबंध में जारी नोटिफिकेशन भी निरस्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर याचिकाकर्ताओं के मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि जब बीएड की अर्हता को ही सहायक अध्यापक की एकमात्र व अनिवार्य योग्यता से सुप्रीम कोर्ट में हटा दिया है ऐसे में स्नातक में 50 प्रतिशत अंक होना या न होना इस शर्त पर विचार करने का अब कोई महत्व नहीं रहेगा। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दीं।

यह भी पढ़ेंः 16 दिसंबर से देहरादून में “वैली ऑफ वर्ड्स इंटरनेशनल लिटरेचर एंड आर्ट फेस्टिवल”का होगा आयोजन..

5/5 - (1 vote)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X