क्या आप भी देहरादून में मकान बनाने की सोच रहे हैं? तो पहले देख लें नया मास्टर प्लान..

0
building construction. Hillvani News

building construction. Hillvani News

Are you also thinking of building a house in Dehradun? यदि आप दून में जमीन खरीदने की सोच रहे हैं या भवन निर्माण की तैयारी कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम आ सकती है। क्योंकि, अब निकट भविष्य में वर्ष 2041 तक भवन का निर्माण व जमीन के उपयोग का नियम एमडीडीए के नए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान से ही होगा। वर्ष 2041 तक के निर्माण की दशा-दिशा तय करने वाले मास्टर प्लान को लागू करने के लिए अब एमडीडीए गंभीर नजर आ रहा है। एमडीडीए की मांग पर मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक ने प्राप्त आपत्तियों को सूचीबद्ध करते हुए सुनवाई के लिए भेज दिया है। अब एमडीडीए जोनवार तिथि तय करते हुए आपत्तियों पर सुनवाई शुरू करेगा। मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक शशि मोहन श्रीवास्तव के मुताबिक अप्रैल माह में जीआइएस आधारित मास्टर प्लान-2041 के ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया गया था।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः महंगी बिजली के लिए रहें तैयार.. UPCL और सरकार के बीच फंसे उपभोक्ता..

नए मास्टर प्लान 2041 को लागू करने का प्रयास शुरू। Are you also thinking of building a house in Dehradun?
इस पर जनता से आपत्तियां मांगी गई थी। इसके बाद सभी आपत्तियों को एकत्रित किया गया। इस दौरान 800 से अधिक आपत्तियां और सुझाव प्राप्त किए गए। प्राप्त सभी आपत्तियों को उनकी प्रकृति के मुताबिक सूचीबद्ध किया गया है। एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की मांग के बाद सभी आपत्तियों और सुझाव को प्रेषित किया जा चुका है। वहीं, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि दून के सुनियोजित विकास के लिए नए मास्टर प्लान 2041 को लागू करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। एमडीडीए के कुल 09 जोन हैं और आपत्तियों का निस्तारण इसी क्रम में किया जाएगा। इसके लिए तिथि किए जाते ही सभी आपत्तिकर्ताओं को सुनवाई के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

यह भी पढ़ेंः Uttarakhand Domicile and Land Law : उत्तराखंड मूल निवास और भू-कानून के लिए हर जिले एवं ब्लॉक में बनेगी संघर्ष समितियां..

सड़क की चौड़ाई और मिक्स्ड लैंडयूज पर सबसे ज्यादा आपत्ति। Are you also thinking of building a house in Dehradun?
मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक शशि मोहन श्रीवास्तव के मुताबिक मास्टर प्लान 2041 पर सर्वाधिक आपत्तियां सड़क की चौड़ाई और मिक्स्ड लैंडयूज (मिश्रित भू-उपयोग, जिसमें एक भूखंड पर आवास व कमर्शियल निर्माण की अनुमति होगी) को लेकर दाखिल की गई हैं। इनमें संशोधन किए जाने या यथावत रखे जाने का निर्णय मास्टर प्लान की समिति के माध्यम से ही किया जाएगा।
मास्टर प्लान में इस तरह आरक्षित किया गया भू-उपयोग (विकास योग्य)
श्रेणी, प्रतिशत
आवासीय, 58.43
मिश्रित, 9.33
व्यावसायिक, 4.28
औद्योगिक, 1.07
सार्वजनकि/अर्द्ध सार्वजनिक, 9.42
मनोरंजन, 5.98
परिवहन, 11.15
पर्यटन, 0.34

यह भी पढ़ेंः उत्तरकाशी : सिलक्यारा सुरंग के मुहाने के निकट बनेगा बौखनाग देवता मंदिर, कंपनी ने किया भूमि पूजन..

6952 हेक्टेयर क्षेत्र प्रतिबंधित। Are you also thinking of building a house in Dehradun?
वर्ष 2041 के मास्टर प्लान में 6952.21 हेक्टेयर क्षेत्र को प्रतिबंधित किया गया है। इस क्षेत्र को मौजूदा स्वरूप में ही रखने का प्रस्ताव है। इसमें मुख्य रूप में कृषि भूमि, चाय बागान, केंद्रीय संस्थान, आइटी पार्क, जलग्राही क्षेत्र व इकोसेंसेटिव जोन की भूमि शामिल है। इस भूमि का स्वरूप नहीं बदलेगा
श्रेणी, क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)
कृषि, 3801.38
चाय बागान, 928.01
केंद्रीय संस्थान, 741.59
आइटी पार्क, 27.04
जलग्राही क्षेत्र, 1454.19
इको-सेंसेटिव जोन, 785.22
कुल क्षेत्र, 6952.21

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में सुबह सुबह दर्दनाक हादसा.. मलबे में दबकर पांच मजदूरों की मौत, तीन गंभीर घालय..

भूमि की धोखाधड़ी होगी दूर, एक क्लिक पर मिलेगी जानकारी। Are you also thinking of building a house in Dehradun?
दून में अवैध निर्माण के लिए आमजन को मजबूर भी किया जाता रहा है। क्योंकि प्रापर्टी डीलर भोले-भाले नागरिकों को आवासीय से भिन्न कृषि व अन्य उपयोग की भूमि भी बेच देते हैं। इसका पता तब चलता है, जब लोग नक्शा पास कराने पहुंचते हैं। भिन्न भू-उपयोग होने पर नक्शा पास न होने की दशा में लोग अवैध निर्माण को मजबूर रहते हैं। यदि कोई भू-उपयोग पता भी करना चाहे तो आरटीआइ में जानकारी मांगनी पड़ती है। इसके लिए जमीन की खतौनी लगानी पड़ती है और आर्किटेक्ट से की-प्लान भी बनवाना पड़ता है। नए मास्टर प्लान में खसरा नंबर को सेटेलाइट मैप में सुपरइंपोज किया गया है। जिससे एक क्लिक पर खसरा नंबर के माध्यम से भू-उपयोग पता किया जा सकेगा। साथ ही संबंधित भूमि पर खड़े होकर भी भू-उपयोग की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।

यह भी पढ़ेंः दिल्ली-NCR के रिजेक्टेड वाहनों का प्रदेश बना उत्तराखंड… पहाड़ों में फिट यहां की अनफिट गाड़ियां..

जोनल प्लान की खामियों को किया गया दूर। Are you also thinking of building a house in Dehradun?
मुख्य ग्राम एवं नगर नियोजक एसएम श्रीवास्तव जोनल प्लान में तमाम खामियां थीं। मास्टर प्लान में इन खामियों को दूर कर दिया गया है। विशेषकर सड़कों और वन क्षेत्रों का स्पष्ट सीमांकन मौके पर जाकर किया गया है।
नदी आधारित है डिजिटल मास्टर प्लान। Are you also thinking of building a house in Dehradun?
नए मास्टर प्लान में नदी, नालों और नहरों को संरक्षण करने की दिशा में स्पष्ट सीमांकन किया गया है। सभी नदी नालों का उल्लेख मास्टर प्लान में है और इन पर कब्जे रोकने के लिए बफर जोन भी चिह्नित किए गए हैं। इस लिहाज से नए मास्टर प्लान को नदी आधारित मास्टर प्लान भी कहा जा रहा है।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः 3 महिलाओं को मारने वाला आदमखोर पकड़ा गया, पूरी रात चला ऑपरेशन…

दूसरे चरण में मसूरी क्षेत्र का प्लान बन रहा। Are you also thinking of building a house in Dehradun?
प्रथम चरण में अभी देहरादून के 37432.96 हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है। अगले चरण में मसूरी के 17891 हेक्टेयर क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा। इस पर कवायद शुरू की जा चुकी है। धीरे-धीरे डिजिटल मास्टर प्लान को पूर्व के साडा (विकासनगर) व एचआरडीए के ऋषिकेश क्षेत्र में भी लागू कराया जाएगा।
मास्टर प्लान में यह भी होगी खूबी
वेब पोर्टल बनेगा।
सुगम प्रयोग के लिए एप्लिकेशन बनेगी।
समय-समय पर रिव्यू की व्यवस्था रहेगी।

यह भी पढ़ेंः Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में शीतलहर का प्रकोप, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X