अंकिता भंडारी को एक साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ, आज भी न्याय की आस में भटक रहे माता-पिता…

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Ankita Murder Case. Hillvani News

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अंकित भंडारी हत्याकांड को आज 1 साल पूरा हो चुका है 18 सितंबर 2022 को ही उत्तराखंड की बेटी अंकित भंडारी की बेरहमी से हत्या की गई थी। 1 साल बीत जाने के बाद भी अंकित भंडारी के परिजनों को न्याय नहीं मिला। आज भी उसके माता-पिता न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। अंकित भंडारी के माता-पिता को जब अंकिता की याद आती है तो उनकी आंखें नम हो जाती है वह उस दिन को याद करके रोने लगते हैं लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार अंकित भंडारी को न्याय क्यों नहीं मिल पाया? क्यों साल भर बाद भी अंकित के माता-पिता न्याय के लिए भटक रहे हैं? हालांकि इस मामले पर सरकार के आदेश पर फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई हुई है। पुलिस ने चार्ज सीट में 97 गवाह बनाए हैं इनमें से अब तक 19 का गवाहों की कोर्ट में गवाही हो चुकी है लेकिन अभी अंकिता के परिजनों को न्याय की दरकार है।

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सवाल वही.. आखिर कौन था वह वीआईपी?
18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी की वंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दोस्तों ने हत्या कर दी थी। हत्या के बाद मामले को खूब दबाने की कोशिश भी की गई लेकिन मामला खुलने के बाद पुलकित आर्य और उसके दो साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर दिया था। पुलकित आर्य भाजपा के नेता विनोद आर्य का बेटा है इसलिए इस मामले को राजनीतिक तौर पर दबाने की कोशिश की जा रही थी। वहीं मामला शुरुआत में राजस्व पुलिस के हाथ में था जिसको शुरू से खूब दबाने की कोशिश की गई लेकिन जैसे ही मामला रेगुलर पुलिस के हाथ में आया उसके तुरंत बाद पुलकित आर्य और उसके दोनों साथियों सौरभ और अंकित की गिरफ्तारी कर ली गई थी। वहीं इस मामले में किसी बड़े वीआईपी का नाम भी सामने आता रहा लेकिन आज तक उस नाम का खुलासा नहीं हो पाया है।

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श्रीकोट नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी के नाम – सीएम
उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी जनपद के डोभ श्रीकोट राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। अपने जन्म दिन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर इस बार का एलान करते किया था कि सरकार ने राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम दिवंगत अंकिता भंडारी के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि हम बेटी अंकिता के परिजनों के साथ खड़े हैं और प्रदेश की हर बेटी का सम्मान और उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है। वही अंकित भंडारी के पिता ने कहा कि इसके लिए सरकार से मांग की थी की डोभ श्रीकोर्ट में स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकित के नाम पर रखा जाए।

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विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
मामले पर कांग्रेस ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार वीआईपी के नाम का अभी तक खुलासा नहीं कर पाई है, ना ही दिवंगत अंकित भंडारी के हत्यारों को फांसी की सजा दी गई है। सिर्फ स्कूल कॉलेजों का नाम बदल कर वाह वाही लूट कर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। कांग्रेस का साफ आरोप है कि सरकार अंकित भंडारी मामले में गंभीरता से काम नहीं कर रही है इसलिए आज तक वीआईपी का नाम नहीं पता लग पाया। वहीं जो आरोपी हैं उनको सजा तक नहीं मिल पाई। कांग्रेस ने कहा कि जब तक अंकित भंडारी को न्याय नहीं मिल जाता तब तक वह इसी तरह से आंदोलन करते रहेंगे इसलिए अंकित भंडारी की बरसी पर पूरे प्रदेश भर में कैंडल मार्च निकालकर न्याय की मांग की गई है।

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