उत्तराखंड कांग्रेस में हाईकमान के फैसले के बाद बढ़ी सियासी हलचल..
उत्तराखंडः बीते रविवार देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के नियुक्तियों का पत्र जारी किए गए। खास बात यह रही कि कांग्रेस के तीनों ही महत्वपूर्ण पद कुमाऊं की झोली में आ गए हैं। विधानमंडल दल के नेता की कमान जहां वरिष्ठतम विधायक यशपाल आर्य को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खटीमा में शिकस्त देने वाले विधायक भुवन कापड़ी सदन में उप नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई। इसके अलावा हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कुमाऊं की रानीखेत विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे करण माहरा को कमान सौंपी गई है।
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प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने वाले करण माहरा इस बार चुनाव हार गए थे। लेकिन पिछली विधानसभा में वह उप नेता प्रतिपक्ष का दायित्व संभाल चुके हैं। तीनों नियुक्तियों की घोषणा चुनावी नतीजे आने के लगभग एक माह बाद की गई है। वहीं सदन से सड़क तक मोर्चा लेने के लिए युवाओं को तरजीह दी गई है। आप को बता दें कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को अपेक्षित नतीजे न दिला पाने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गणेश गोदियाल ने कांग्रेस आला कमान के निर्देश पर 15 मार्च को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से यह पद खाली चल रहा था। वहीं चकराता से विधायक प्रीतम सिंह पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनके साथ उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी करण माहरा तो दी गई थी।
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उत्तराखंड कांग्रेस में बढ़ी सियासी हलचल
रविवार देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कांग्रेस के कद्दावर नेता और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह के बीच मुलाकात हुई। मुलाकात से ठीक पहले कांग्रेस आला कमान ने प्रदेश अध्यक्ष, नेता और उपनेता प्रति पक्ष के नामों का एलान किया था। मुख्यमंत्री धामी और प्रीतम सिंह की मुलाकात के कई मायने तलाशे जा रहे हैं। राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोग कभी अपनों से तो कभी विरोधियों से मिलते ही रहते हैं। लेकिन कुछ मुलाकातों की टाइमिंग ऐसी होती है जिससे फिजा में तरह-तरह सवाल तैरने लगते हैं और उनके मायने तलाश किए जाने लगते हैं। कांग्रेस आला कमान एक माह से फैसला लेने में टालमटोल कर रहा था, वह सामने आते ही सच साबित हुई। प्रीतम सिंह का खेमा यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, करण माहरा को तवज्जो देने से ही भड़क उठा। कई लोगों के इस्तीफों ने प्रीतम खेमे की नाराजगी पर मुहर भी लगा दी।
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क्या पार्टी में अपनी रुसवाई से क्षुब्ध प्रीतम
इसके ठीक बाद अप्रत्याशित रूप से प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात करके कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया। हालांकि इस मुलाकात के बारे में प्रीतम और मुख्यमंत्री दोनों के करीबी लोगों का कहना है कि चर्चा राज्य के विकास और बेहतरी को लेकर हुई। लेकिन मुलाकात जिस हालात में हुई उसको लेकर सियासी पंडितों का मानना है कि पार्टी में अपनी रुसवाई से क्षुब्ध प्रीतम अपने और अपनों के लिए सियासी विकल्प तलाश रहे हैं।
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