उत्तराखंड में डेंगू के बाद अब आई फ्लू की दस्तक, घबराएं नहीं। जानें लक्षण, कारण, बचाव और इलाज..
उत्तराखंड में डेंगू के बाद आई फ्लू संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। अस्पतालों की ओपीडी में आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं, चार जिलों में 102 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। इसमें देहरादून जिले में सबसे अधिक 94 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में डेंगू के कुल 102 मामले मिले हैं। इसमें देहरादून में 94, नैनीताल में चार, पौड़ी में दो व हरिद्वार जिले में एक मामला सामने आया है। डेंगू रोकथाम के लिए शासन स्तर से सभी जिलों को पहले ही दिशानिर्देश दिए जा चुके हैं।
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जिसमें डेंगू के संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों की जांच, अस्पतालों में अलग से आईसोलेशन वार्ड, मरीज के आसपास 50 घरों में स्क्रीनिंग, फॉगिंग और जन जागरूकता के लिए अभियान चलाने को कहा गया। वहीं, अब आई फ्लू के मामले बढ़ने लगे हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने बताया कि बरसात के मौसम में आई फ्लू के मामले आ रहे हैं। इससे मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है। संक्रमण से बचने के लिए सावधानी और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। आई फ्लू मरीजों को उपचार के लिए सभी जिलों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए जाएंगे।
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आई फ्लू क्या है?
आई फ्लू आंखों का संक्रमण है, जिसकी वजह से आंखों में लालिमा, दर्द और सूजन जैसी परेशानियां होती हैं। आई फ्लू वायरस से संक्रमित होने की वजह से होती है और यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलती है। आई फ्लू के ज्यादातर मामले एडेनोवायरस के संक्रमण की वजह से होते हैं। संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने की वजह से आपको भी यह बीमारी हो सकती है। आई फ्लू को पिंक आई और कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है।
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वायरल कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
1- आंखें लाल, सूजी और चढ़ी हुईं।
2- आंखों से पानी या चिपचिपा पदार्थ निकलना।
3- आंखों में जलन या खुजली महसूस होना।
4- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता।
5- सुबह पलकों पर पपड़ी जमना।
राहत के लिए करें ये उपाय
1- अपनी आंखों पर ठंडा सेक लगाना।
2- कृत्रिम आंसुओं का प्रयोग करना।
3- अपनी आंखें मलने से बचें।
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इन बातों का रखें ध्यान
1- अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
2- अपनी आंखों को छूने से बचें।
3- रोग की स्थिति में आंखों के मेकअप से बचें।
4- आंखों के संपर्क में आने वाली किसी भी सतह को साफ और कीटाणु रहित करें।
5- दूसरों के साथ तौलिया, वाश क्लाथ या आंखों का मेकअप साझा करने से बचें।
6- कांटेक्ट लेंस बाहर निकालें और निर्माता के निर्देशों के अनुसार साफ करें।
7- संक्रमण की स्थिति में तैराकी से बचें।
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आई फ्लू का इलाज
आई फ्लू के लक्षण दिखने पर आपको ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर मरीज की स्थिति और लक्षणों के आधार पर दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। ऐसे लोग जो गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं, उन्हें कुछ हाई डोज वाली दवाओं के इस्तेमाल की सलाह दी जा सकती है। आमतौर पर संक्रमण रोकने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं और ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। हॉट और कोल्ड कंप्रेस से भी इस समस्या में आराम मिलता है। इसके अलावा बाहर निकलते समय काला चश्मा लगाने की सलाह दी जाती है।
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