दो दिग्गजों की नौ साल बाद अचानक मुलाकात, सियासी गलियारों में हलचल तेज..
देहरादूनः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आवास पहुंचे। यहां उन्होंने सतपाल महाराज से भेंट की। इस मुलाकात ने उत्तराखंड के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। दोनों नेताओं की मुलाकात के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। अचानक नौ साल बाद प्रदेश के दो बड़े दिग्गजों की मुलाकात ने सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया। हरीश रावत ने खुद ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है… हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा,“आज उत्तराखंड सरकार के माननीय मंत्री श्री @satpalmaharaj जी से उनके देहरादून स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट की।” हालांकि दोनों ही नेता एक-दूसरे के धुर विरोधी भी माने जाते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से सतपाल महाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर प्रतिक्रिया देने से बचते भी नजर आ रहे हैं।
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यह पहला मौका नहीं था, जब हरीश रावत पहली बार किसी भाजपा नेता से मिल रहे हैं। बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी समेत भाजपा की दो महिला विधायक सरिता आर्य और शैला रानी रावत भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात की है। हालांकि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर हरीश ने कुछ इस अंदाज में जवाब दिया कि …जहां दवा होती है, बीमार को जाना ही पड़ता है। हरीश रावत ने कहा कि दो दिन पहले एक शादी समारोह में उनकी सतपाल महाराज से मुलाकात हुई थी। इस दौरान उन्होंने उनसे पोस्ट कोविड से संबंधित दिक्कतों के बारे में चर्चा की। इसके बाद महाराज ने उन्हें कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानकारी दी। कहा कि वह खुद आकर यह दवाएं दे जाएंगे।
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मैं अगर बीमार हूं तो दवा लेने भी मैं खुद आऊंगा- हरीश रावत
उन्होंने कहा कि वह क्यों आएंगे, मैं अगर बीमार हूं तो दवा लेने भी मैं खुद आऊंगा। जहां दवा होती है, वहां बीमार को जाना ही पड़ता है। इसलिए मैं खुद दवा लेने सतपाल महाराज के पास गया था। हरीश ने कहा कि इसके कोई सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। वह महाराज का एक आध्यात्मिक पुरुष के नाते हमेशा से सम्मान करते हैं। राजनीति अपनी जगह है और व्यवहारिक संबंध अपनी जगह। महाराज खाना खाने-खिलाने के शौकिन हैं, इसलिए उन्होंने बिना खाना खिलाए आने भी नहीं दिया। वहीं भाजपाइयों में हरीश रावत से मिलने की इस होड़ से सियासी हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि राजनीतिक और वैचारिक रूप से ये विरोधी आए दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के घर आखिर क्यों दस्तक दे रहे हैं? इसके बाद शुक्रवार को सतपाल महाराज से मुलाकात ने चर्चाओं के बाजार को और गर्म कर दिया। कहा यह भी जा रहा है कि जितने भाजपाई जीतने के बाद हरीश से मिल चुके हैं, उतने कांग्रेसी विधायक भी अब तक हरीश के घर नहीं पहुंचे हैं।
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हरीश रावत ने सरकार को दी धमकी
हरीश रावत ने विभागों में तीन साल से खाली पदों को खत्म करने के निर्णय को महापाप बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पंचम राज्य वित्त आयोग की सिफारिश को रद्द करने का अनुरोध किया है। एक सप्ताह में सिफारिश रद्द न होने पर उन्होंने उपवास करने की चेतावनी दी है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट कर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने कहा कि यह हजारों बेरोजगारों की आशाओं पर कुठाराघात है। अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है, इस सिफारिश को रद्द किया जाए। इसके लिए सरकार को एक सप्ताह का समय दिया जाता है। यदि इस बीच इसे निरस्त न किया गया, तो वह तेज धूप में दोपहर 12 बजे से एक बजे तक उपवास पर बैठेंगे। ताकि सरकार को बेरोजगारों के दर्द का कुछ एहसास हो सके।
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