Health Tips: शरीर में दिखें ये 4 लक्षण तो खराब आंतों का है संकेत, तो अपनाएं ये 3 आसान उपाय..
स्वास्थ्य सलाह: हमारे शरीर की पाचन क्रिया के लिए महत्वपूर्ण होती हैं आंत। शरीर में एक छोटी आंत और बड़ी आंत होती है। आंत का काम खाने से स्वस्थ और पौष्टिक चीजों को पचाने का होता है। खराब पदार्थ को आंत शरीर से बाहर निकालने का काम करती हैं। शरीर में पोषक तत्व पहुंचाने का काम भी आंत ही करती हैं। ऐसे में पेट को सही रखने के लिए आपको आंत को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। अगर आंत में कोई समस्या हो जाती है तो इससे हमारा पाचन तंत्र सबसे पहले प्रभावित होता है। इससे पूरे शरीर पर प्रभाव पड़ता है। हमारी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और इंफेक्शन या दूसरी समस्याएं शरीर को घेर लेती हैं।
आंत आपको कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण से भी बचाती है। आंतों का संबंध आपके दिमाग से भी होता है। इसके रसायन और न्यूरोट्रांसमीटर आपकी फीलिंग्स को कंट्रोल करते हैं। आंतों में खराबी का असर हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है। अनियमित लाइफस्टाइल और खान-पान कई बार आंतों के लिए समस्या बन जाता है। लेकिन बहुत से लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं और हमारी यही गलती डाइजेस्टिव से जुड़ी समस्याओं का कारण बन जाती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि शरीर में दिखने वाले कुछ वॉर्निंग साइन से आंतों की सेहत का अंदाजा लगाया जा सकता है। आंतों में खराबी के ये लक्षण हमें कभी इग्नोर नहीं करने चाहिए वरना ये डाइजेस्टिव या पेट की दिक्कतों को ज्यादा बढ़ा सकते हैं। जैसे…
सूजन या गैस– जब आंतों में खराब बैक्टीरिया का अनुपात बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो हमारी पाचन क्रिया सामान्य नहीं रहती है. नतीजन पेट में गैस या एसिडिटी की तकलीफ बढ़ जाती है. न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि पौष्टिक भोजन, बिना विचलित हुए खाना और भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाना पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होता है.
मूड स्विंग– क्या आप जानते हैं हमारी डाइजेस्टिव हेल्थ और लो मूड या डिप्रेशन का सेहत से मजबूत संबंध होता है। क्या ये नहीं दर्शाता कि जब भी हम लो फील करते हैं तो हमें भूख लगती है या फिर हम अपनी भूख खो बैठते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि इन बैक्टीरिया का हमारे पेट में सक्रिय रहना सही नहीं है। अच्छी नींद, फ्रेश प्रोड्यूस और स्ट्रेस मैनेजमेंट हमारी आंत और दिमाग दोनों के लिए अच्छे साबित होते हैं।
फोकस की कमी– अगर आपकी डाइजेस्टिव वॉल में परेशानी हो रही है तो यह खराब कॉन्सट्रेशन या मानसिक अवसाद जैसी दिक्कतों को भी ट्रिगर कर सकता है। ऐसी मानसिक समस्याएं आंतों में खराबी का लक्षण हो सकती हैं।
स्किन में दिक्कत– आंतों से जुड़ी किसी प्रकार की दिक्कत जैसे कि इनफ्लेमेशन, आंत में छेद या डाइजेशन की समस्या का असर सबसे पहले हमारी त्वचा पर दिखाई देता है। स्किन हमारे शरीर का सबसे बड़ा हिस्सा होती है। शरीर में किसी भी दिक्कत का असर इस पर सबसे पहले दिखाई देता है। हमारी हेल्दी ग्लोइंग स्किन आंतों की अच्छी हेल्थ या हमारे हेल्दी लाइफस्टाइल का ही परिणाम होती हैं।
आंत को स्वस्थ रखना है तो जरूरी अपनाएं ये 3 आसान उपाय
1- आंतों को हल्दी बनाने वाला खाना खाएं- आंतों को सुरक्षित रखने के लिए आपको अपना खान-पान में बदलाव करने की जरूरत है। आपको ऐसा भोजन लेना चाहिए जिससे आंत स्वस्थ रहें। इसके लिए आपको खाने में कच्ची, उबली और पकी सब्जियों को शामिल करना जरूरी है। आप खाने में कुछ फलों, नट्स, स्प्राउट्स और प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाना खाएं। प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाना आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। साथ ही आपको खाने में रंग-बिरंगे फल-सब्जियों को शामिल करनी चाहिए। प्रोबायोटिक्स वाला खाना जैसे दही, फर्मेन्टेड डेयरी फूड, बकरी का दूध और फर्मेन्टड केफिर, माइक्रोएलगी, मिसो सूप, सौरक्राउट या अचार खाने में शामिल करें।
2- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं– अगर आप हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाते हैं तो आधी बामारियां आपसे दूर भाग जाएंगी। अगर आप को आंतों का ख्याल रखना है तो इसके लिए सही दिनचर्या को फॉलो करें। इससे आंतों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। आपको अपने सोने, जगने, और व्यायाम करने और खाने-पीने का ध्यान रखना होगा। रूटीन को फॉलो करने से आपका पेट और आंत दोनों स्वस्थ रहेंगे। आपको खाने में ज्यादा मीठा और फ्राइड फूड्स से बचना चाहिए। खाने में डेयरी प्रॉडक्ट का ज्यादा इस्तेमाल करें।
3- प्रोटीन डाइट जरूर लें- आंतों के स्वास्थ्य के लिए आपको खाने में प्रोटीन वाला भोजन जरूर शामिल करना चाहिए। प्रोटीन आपके पेट और आंत दोनों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। आप दिन के दो मील में प्रोटीन वाला खाना जैसे पनीर, दालें, साबुत अनाज और अंडा जरूर शामिल करें। आपको खाने में फल-सब्जियों भी जरूर शामिल करनी चाहिए। प्रोटीन पेट के लिए और वजन घटाने के लिए बहुत हेल्पफुल होता है।
Disclaimer: HillVani लेख में जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों व दावों की भी पुष्टि नहीं करता है। इनको केवल सुझाव के रूप में लें। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।