कट्टरता पर कार्रवाई! PFI सहित 8 संगठनों पर लगा प्रतिबंध, जानें क्या है बैन होने की असली कहानी?
देशभर में कई जगह उग्र प्रदर्शनों के बाद पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) का नाम सामने आया था। इसके बाद ही ये संगठन जांच एजेंसियों के रडार पर था। 22 सितंबर को देशभर में पीएफआई के 60 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की गई। जांच एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तारियां हुईं। इन सभी जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने सिर्फ पीएफआई पर ही नहीं बल्कि इससे जुड़े आठ और संगठनों पर भी बैन लगा दिया है। ये बैन पांच साल के लिए लगाया गया है। गृह मंत्रालय के लेटर में बताया गया है कि ये संगठन पीएफआई के लिए धन जुटाते थे। जिसके उपरांत केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI को 5 साल के लिए बैन कर दिया। पहले इस संगठन पर दिसंबर तक बैन लगाने की तैयारी थी। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं।
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PFI जुड़े इन संगठनों पर भी प्रतिबंध
पीएफआई के सहयोगी संगठन जैसे रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट को पर भी बैन लगाया है। ये सभी वो संगठन है जो पीएफआई के लिए फंडिंग करते थे। ईडी और अन्य जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि ये सभी संगठन लोगों के बीच मौजूद होकर पैसा इकट्ठा करते थे। रिहैब इंडिया फाउंडेशन भी पीएफआई के सदस्यों का साथ मिलकर फंडिंग करता है। पीएफआई के लीडर, जूनियर फ्रंट, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन और नेशनल विमेंस फ्रंट की गतिविधियों की निगरानी करते हैं।
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गृह मंत्रालय के लेटर में गंभीर आरोप
गृह मंत्रालय द्वारा जारी लेटर में कहा गया है कि पीएफआई समाज में विभिन्न वर्गों जैसे युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों , वकीलों और कमजोर वर्गों के बीच अपनी पहुंच को बढ़ाने के उद्देश्य से तमाम संगठनों को बनाया गया। इसका एकमात्र उद्देश फंड जुटाना, संगठन को मजबूत बनाना था। पत्र में लिखा गया है कि पीएफआई और अन्य संगठनों के बीच हब और स्पोक जैसा संबंध है। जिसमें पीएफआई हब का काम करती है। इसमें कहा गया है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संगठन है लेकिन ये एक गुप्त एजेंडा के तहत एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में कार्य करते हैं।
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मंगलवार को हुई थी छापेमारी
चरमपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर एक बार फिर कार्रवाई शुरू हो गई है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) सहित बाकी जांच एजेंसियां पीएफआई पर दूसरे दौर की छापेमारी में जुट गई हैं। जांच एजेंसियां 9 राज्यों में पीएफआई के 25 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। रेड के दौरान पीएफआई के कई सदस्यों को हिरासत में भी लिया गया है. जानकारी के मुताबिक PFI से जुड़े कई सदस्यों और संस्था के खिलाफ ये कार्रवाई इन राज्यों में चल रही है, उनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, केरल, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और असम शामिल हैं। एजेंसी द्वारा इन राज्यों में हुई कार्रवाई में कम से कम 247 लोग गिरफ्तार हुए हैं। उत्तर प्रदेश से 44 गिरफ्तारियां हुई हैं। कर्नाटक से 72, असम में 20, दिल्ली में 32, महाराष्ट्र में 43, गुजरात में 15, मध्य प्रदेश में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसियों को मिले सबूतों के आधार पर ये कार्रवाई की गई।
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