मसूरी गोलीकांड की 29वीं बरसी.. मुख्यमंत्री ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि, सीएम धामी ने की यह घोषणा..
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी में उत्तराखंड आंदोलन की 29वीं वर्षगांठ पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लिया। शहीदों को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने की दिशा में ही काम करना हमारा दायित्व है। ये राज्य आंदोलनकारियों की देन है। मुख्यमंत्री धामी ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को शॉल पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मसूरी शहीद स्थल पर शेड का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हित प्रमाण पत्र बनाने के लिए 06 माह का अतिरिक्त समय दिया गया था। बहुत जिलों में इस पर कार्य हुआ। इसके लिए ऐसी व्यवस्था की गई है कि इसका दुबारा आंकलन कर व्यवस्था को आगे बढ़ाया जाए। राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों को पूरा करने के लिए हम सबको प्रदेश के विकास में मिलकर योगदान देना होगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 सितम्बर 1994 में मसूरी गोलीकांड की घटना हमेशा हमारे स्मरण में रहेगी। पुलिस की तानाशाही एवं हटधर्मिता को सबने देखा, जो उस समय की सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से करवाया। इस गोलीकाण्ड में हमारे 6 आन्दोलनकारी शहीद हो गए और दर्जनों घायल हो गए थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में हमारी मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बता दें कि 29 साल पहले दो सितंबर 1994 को हुए इस घटना में पुलिस की गोली से छह राज्य आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। इस दर्दनाक घटना को याद करके एक बार फिर आंदोलनकारियों और शहीदों के परिजनों का दर्द छलक उठा।
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क्या हुआ था उस दिन
अलग राज्य और खटीमा गोलीकांड के विरोध में आंदोलनकारी दो सितंबर 1994 को लंढौर और गांधी चौक से शांतिप्रिय तरीके से जुलूस निकाल रहे थे। दोनों गुट झूलाघर के पास पहुंचे ही थे, इसी दौरान गनहिल की पहाड़ी से किसी ने पत्थरबाजी कर दी। आंदोलनकारी कुछ समझ पाते कि पुलिस ने उनपर फायरिंग कर दी। इस गोलीकांड में आंदोलनकारी बेलमती चौहान, हंसा धनाई, राय सिंह बंगारी, मदन मोहन ममगाईं, बलवीर नेगी, धनपत सहित पुलिस अधिकारी उमाकांत त्रिपाठी शहीद हो गए।
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