NCRB Report 2023: देश में महिला अपराध में बढ़ोतरी को लेकर देशभर में स्थिति की बात करें तो उत्तराखंड छठे पायदान पर है। इस मामले में आंध्र प्रदेश सबसे ऊपर है हालांकि कई राज्य ऐसे भी हैं जहां महिला अपराध में कमी आई है। वहीं तमाम सरकारी-गैर सरकारी प्रयासों के बाद भी उत्तराखंड में महिला अपराध (Women crime increasing rapidly in Uttarakhand) वर्ष दर वर्ष बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट तो यही बता रही है। इसके तहत वर्ष 2022 में प्रदेश में महिला अपराध का ग्राफ वर्ष 2021 के मुकाबले 26 प्रतिशत ऊपर पहुंच गया।
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अपराध के मामले में उत्तराखंड छठे पायदान। NCRB Report 2023
देश में महिला अपराध में बढ़ोतरी (Women crime increasing rapidly in Uttarakhand) को लेकर देशभर में स्थिति की बात करें तो उत्तराखंड छठे पायदान पर है। इस मामले में आंध्र प्रदेश सबसे ऊपर है, जहां महिला अपराध में 43.66 प्रतिशत का उछाल आया है। हालांकि, कई राज्य ऐसे भी हैं जहां महिला अपराध में कमी आई है। सबसे अधिक 51 प्रतिशत की कमी असम में आई है। एनसीआरबी की रिपोर्ट पर गौर करें तो प्रदेश में बड़ी संख्या में विवाहित महिलाओं को घर के भीतर प्रताड़ना झेलनी पड़ी रही है।
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1- वर्ष 2022 में पुलिस के समक्ष 956 ऐसे मामले पहुंचे। इनमें महिलाओं को पति या उसके रिश्तेदार ने पीटा या अन्य प्रकार से प्रताड़ित किया।
2- इसके अलावा 10 मामलों में मारपीट के बाद गर्भपात करा दिया गया। एक एसिड अटैक का मामला भी सामने आया है।
3- यही नहीं, उत्पीड़न से आजिज आकर या अन्य कारणों से वर्षभर में 24 महिलाओं ने आत्महत्या जैसा कदम भी उठाया। अपहरण के मामले भी बढ़े वर्ष 2022 में प्रदेश में महिला अपहरण के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई।
4- वर्ष 2021 में 696 अपहरण के मामले सामने आए थे, जबकि वर्ष 2022 में 778 महिलाओं का अपहरण हुआ। दुष्कर्म की कोशिश के भी 18 मामले सामने आए।
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ऐसे बढ़ा महिला अपराध। NCRB Report 2023
एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में महिला अपराध के 3431 मामले सामने आए थे, जबकि वर्ष 2022 में यह संख्या बढ़कर 4337 पहुंच गई, यानी एक वर्ष में 906 मामलों की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले वर्ष 2020 में 2846 मामले सामने आए थे। वहीं एपी अंशुमान, एडीजी, अपराध एवं कानून व्यवस्था ने एक समाचार पत्र को बताया कि उत्तराखंड पुलिस महिला अपराध के मामलों में संवेदनशील है। कोई भी शिकायत आती है तो उस पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाता है। हिमालयी राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड में सबसे अधिक जनसंख्या है, यह भी अपराध बढ़ने का एक बड़ा कारण है।
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