क्या शक्ति की बढ़ेंगी मुश्किलें अगर दर्शन उतरेंगे निर्दलीय चुनावी रण में?
घनसाली: उत्तराखंड के चुनावी माहौल में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जब से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा ने 59 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। तब से टिकट बंटवारे के साथ ही अब पार्टी में अंदरूनी घमासान की खबरें भी सामने आ रही हैं। अब पार्टी के सामने डैमेज कंट्रोल की सबसे बड़ी चुनौती आने वाली है। वहीं बात करें टिहरी जनपद की घनसाली विधानसभा सीट की तो यहां से वर्तमान समय में बीजेपी से तीन दावेदारों ने अपनी दावेदारी पेश की थी। जिसमें वर्तमान विधायक शक्तिलाल शाह, दर्शन लाल आर्य, सोहनलाल खंडेवाल ने अपनी दावेदारी पेश की। लेकिन बीजेपी द्वारा वर्तमान विधायक शक्ति लाल शाह को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया गया। जिससे दर्शन लाल आर्य को पार्टी द्वारा टिकट न देने से उनके समर्थकों में भारी रोष है। जिसके बाद दर्शन लाल आर्य के समर्थकों ने उन्हें निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति बना ली है जिससे बाद अब घनसाली विधानसभा की राजनीति में उथल-पुथल होने लगी है।
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बीजेपी नेता दर्शनलाल आर्य विगत कई वर्षों से घनसाली विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में निरंतर कार्य करते आ रहे है। उन्होंने विगत कोरोना काल में घनसाली विधानसभा के प्रत्येक गांव में खाद्यान्न वितरण से लेकर आर्थिक मदद तक पहुंचाने का काम किया है जिससे विधानसभा क्षेत्र में उनके काफी समर्थक व चाहने वाले हैं। जिससे दर्शन लाल आर्य के समर्थकों ने बीजेपी से टिकट न मिलने के कारण आर्य को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है। पहले से ही इस सीट पर जनता का रुख सामाजिक कार्यकर्ता दर्शनलाल आर्य की ओर झुकता नजर आ रहा था। लेकिन पार्टी से टिकट न मिलने के कारण उनके समर्थकों में रोष साफ जाहिर हो रहा है। जग जाहिर है कि घनसाली भाजपा की विजय संकल्प रैली में दर्शन लाल आर्य के समर्थकों ने जिस जोश के साथ जन सैलाब ने उन्हें मंच तक पहुंचाया उससे लग रहा था की पार्टी दर्शन लाल आर्य को जिताऊ प्रत्याशी मान कर टिकट दे देगी किंतु सब उसके विपरीत हुआ। जिसका नुकसान बीजेपी प्रत्याशी शक्तिलाल शाह के साथ पार्टी को भी उठाना पड़ सकता है।
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दर्शन लाल आर्य की पकड़ घनसाली विधानसभा की एक पट्टी या एक गांव नहीं बल्कि क्षेत्र के घर घर में है। पिछले 1 वर्ष से कोरोना योद्धाओं का हौसला बढ़ाने वाले दर्शन जनता के बीच बहुत चर्चित और चहेते चेहरे के रूप में सामने आए थे। यही कारण था कि भाजपा से जुड़े होने के कारण जनता ने इनको आगामी विधानसभा चुनाव का प्रत्याशी चेहरा मान लिया था। लेकिन प्रत्याशियों की सूची में नाम न होने के कारण आखिरकार दर्शनलाल ओर उनके समर्थकों ने उन्हें मैदान में निर्दलीय उतारने का फैसला किया है। वहीं दर्शनालाल आर्य का कहना है कि मेरी पार्टी से कोई शिकायत नहीं है मगर पार्टी को इस पर मनन करना चाहिए था और दूरगामी परिणाम पर विचार करना चाहिए था। मेरे दिल में घनसाली विधानसभा की जनता के लिए प्यार है। मैंने जनता की सेवा के लिए मैदान में उतरने के लिए पार्टी से इच्छा जाहिर की थी लेकिन पार्टी ने मेरे और मेरी जनता के अनुरूप फैसला नहीं किया तो मैंने निर्दलीय ही मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है। अब यह देखना होगा कि घनसाली विधानसभा की जनता आखिर क्या चाहती है और किसको अपना बहुमत देती है। यह तो आने वाले चुनाव और उसके परिणाम आने के बाद पता लग पायेगा।
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