गंगोत्री एक मिथक: प्रदेश की सबसे हॉट सीट गंगोत्री से कांग्रेस के प्रत्याशी बने विजय। पढ़ें विजय सफरनामा..

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उत्तरकाशी: मां गंगा के उद्गम क्षेत्र और करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र रहे गंगोत्री धाम से जुड़ी यह गंगोत्री विधानसभा सीट प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाती है। इस विधानसभा सीट पर आजादी के बाद से जो भी चुनाव हुए हैं और जिस भी पार्टी का प्रत्याशी इस सीट से जीतता है सरकार उसी की बनी है। ये मिथक राजनीतिक गलियारों में अभी भी सुना जा सकता है। हालांकि अब यह देखना जरूरी होगा कि आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में ये मिथक बरकार रहता है या नहीं। इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी अपना पूरा दम लगा रहे हैं। वहीं बात करें कांग्रेस पार्टी की तो इस सीट पर पूर्व में दो बार विधायक रहे विजयपाल सजवाण की तो सजवाण उत्तराखंड कांग्रेस के एक ऐसे जमीनी नेता और कांग्रेस के मजबूत स्तंभ हैं, जिनकी गंगोत्री सीट से जीत सरकार बनने की सूचक भी है। इनका संपूर्ण जीवन दीन-हीन, गरीब, असहायों की सेवा में समर्पित है। वे हर गरीब, शोषित और वंचितों की सुनने वाले, उनकी चिंता करने वाले और उनकी आवाज बनने वाले जननेता के तौर पर जाने जाते हैं। आज हम आपको बताते हैं गंगोत्री विधानसभा से दो बार के विधायक रहे विजयपाल सजवाण के सफर के बारे में…

विजयपाल सजवाण का यहां से हुआ सफर शुरू
उत्तरकाशी जिले के बसूंगा गांव में एक किसान परिवार में जन्मे विजयपाल सजवाण बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहे है, मिलनसार व्यवहार और मददगार कार्यशैली के कारण वे छात्र जीवन से ही लोकप्रिय रहे। वर्ष 1980 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के पश्चात वे राजकीय महाविद्यालय उत्तरकाशी में छात्र संघ के चुनाव में महासचिव पद पर निर्वाचित हुए। सन् 1982 में छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर भी चुने गए। वर्ष 1988 से 1991 तक सजवाण ने उत्तरकाशी जिले के युवा कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में स्थानीय युवाओं के साथ अनेक जनपक्षीय कार्य कर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। जनता के बीच लगातार सक्रियता के कारण वे 1992 से 1997 तक बाड़ाहाट क्षेत्र से पालिका सभासद निर्वाचित हुए, इसी दौरान कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए उन्होंने कांग्रेस के कई आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सजवाण की सक्रियता किसी से छिपी नहीं है। उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए हुए आंदोलन में वे 17 दिनों तक नैनी जेल में भी रहे।

राज्य गठन के बाद गंगोत्री सीट से चुने गए पहले विधायक
पालिका सभासद रहते अपनी कार्यशैली के बूते वर्ष 1997 में नगर पालिका उत्तरकाशी के चेयरमैन निर्वाचित हुए। राजनीति में सुचिता के कारण वर्ष 2002 में उन्हें उत्तराखंड राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में गंगोत्री विधानसभा से पहले विधायक बनने का गौरव हासिल हुआ। सरकार बनाने में  महत्वपूर्ण इस सीट का मिथक है कि अभिभाजित उत्तरप्रदेश सरकार के दौरान से ही आजादी के बाद हुए तमाम चुनावों में जिस भी दल का प्रत्याशी उत्तरकाशी/गंगोत्री विधानसभा से जीता है, सूबे में उसी दल की सरकार बनी है। इसी क्रम में वर्ष 2012 में उन्होंने एक बार फिर विधानसभा चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया ओर सूबे में कांग्रेस की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गंगोत्री में विकास के नए आयाम किए स्थापित
इसके अलावा विजयपाल सजवाण एनडी सरकार के दौरान दमदार लीडर के तौर पर “अध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन”, संसदीय सचिव व कई अहम पदों पर भी रहे। अपने कार्यकाल में उत्तरकाशी जनपद में उनके द्वारा विकास के नए आयाम स्थापित किये गए, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के जाल के अलावा, उन्होंने क्षेत्र की सबसे बड़ी मांग ओबीसी का तोहफा अपनी विधानसभा वासियों को दिया। इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक जैसे संस्थान खोलकर उन्होंने युवाओं के सुनहरे भविष्य की नींव रखी। वर्ष 2012-13 की आपदा में उजाड़ हो चुके उत्तरकाशी शहर और अन्य तटवर्ती कस्बों में करोड़ों के सूरक्षात्मक कार्य करवाकर उन्होंने भविष्य के किसी भी संकट के लिए इस क्षेत्र को अभेद किले में तब्दील किया। विकास कार्यों की ऐसी ही लंबी फेहरिस्त के कारण लोगों ने उन्हें विकास पुरुष की संज्ञा दी। जो आज भी निरंतर आमजन के संघर्ष के साथ मजबूती से खड़े है। इनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे उत्तराखंड में अधिकारियों से लेकर राजनेताओं तक हर कोई इनके मिलनसार व्यक्तित्व का कायल है।

हार को चुनौती के रूप में किया स्वीकार
आमतौर पर जहां लोग चुनाव हारने के बाद कोपभवन में चले जाते हैं, वहीं विजयपाल सजवाण ने 2017 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद इसे हार न मानकर, चुनौती के रूप में स्वीकार किया और पहले दिन से ही उनकी सक्रियता जनहित में लगातार बनी रही। इसके अलावा उत्तरकाशी के स्थानीय मुद्दों को लेकर भी वह हमेशा संघर्षरत रहे और आज भी लगातार जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रखरता से जनता की आवाज को बुलंद किए हुए हैं। चाहे सत्ता में हों या विपक्ष में विजयपाल सजवाण आम जनता की समस्याओं के समाधान हेतु हमेशा खड़े नजर आते हैं। वर्तमान में विजयपाल सजवाण उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। विपक्ष में होकर आज भी इनके आवास पर फरियादियों एवं समर्थकों की भीड़ से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है, कि इन्होंने अपनी राजनीतिक जमीन को किस परिश्रम और समर्पण से सींचा है।

मिलनसार व्यक्तित्व के धनी सजवाण
विजयपाल सजवाण का मिलनसार व्यवहार, हंसमुख मिजाज, मजबूत और दबंग नेता के तौर पर है। जिसके चलते गंगोत्री विधानसभा की जनता विजयपाल सजवाण के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है। इस चुनावी साल में कई लोगों के उनपर अपना विश्वास जता कर कांग्रेस पार्टी जॉइन की है। हर दुरस्त गांव से लेकर क्षेत्र की जनता सजवाण को जीत का आश्रीवाद दे रही है। क्योंकि अपने लोगों के हक़ के लिए लड़ने वाला, जनता की आवाज को बुलंद करने का उनका हौसला, समाज के हर वर्ग का साथ और पिछले कार्यकाल के उनके विकास कार्य निश्चित ही 2022 के विधानसभा चुनाव में विजयपाल सजवाण को रिकॉर्ड मतों से विजयी बनाकर बड़ी जिम्मेदारी के साथ उत्तराखंड विधानसभा में अवश्य पहुंचाएंगे, और उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनाएंगे।

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