उत्तराखंडः बरसात और आपदा के मद्देनजर अब स्कूलों के लिए ये निर्देश, पढ़ें…

0
Director General School Education Vanshidhar Tiwari. Hillvani News

Director General School Education Vanshidhar Tiwari. Hillvani News

उत्तराखंड में जहां बारिश कहर बन कर बरस रही है। टिहरी में स्कूल जा रही छात्रा के गदेरे में बहने के मामले के बाद डीजी शिक्षा एक्शन में आ गए है। उन्होंने बारिश को देखते हुए स्कूलों के संचालन को लेकर अधिकारियों को कई बड़े निर्देश दिए है। साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई का भी विकल्प सुझाया है। उन्होंने कहा है कि सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रतिकूल स्थानीय मौसम से अनुसार विद्यालय संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। आइए जानते है क्या दिए गए निर्देश…

यह भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री धामी को दिल्ली से आया बुलावा, क्या उत्तराखंड में होगा बदलाव? अटकलों ने फिर पकड़ी रफ्तार..

मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सम्बन्धित उप जिलाधिकारी/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान की समीक्षा एवं विवेक पूर्ण निर्णय लेते हुए अतिवृष्टि आदि प्रतिकूल परिस्थितियों के दृष्टिगत स्थानीय आवश्यकतानुसार विकासखण्ड / जनपद के अवकाश हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी के अनुमोदनोपरान्त तत्काल अवकाश लेने के निर्देश दिए।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः आज सुबह डंपर ने तीन कांवड़ियों को कुचला, दो की मौके मौत। कांवड़ियों ने कार में लगाई आग..

साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि बच्चों के निवास स्थान से विद्यालय आवगमन में नदी, नाले उफान में होने, बाढ़ व भूस्खलन की सम्भावना होने की स्थिति प्रतीत होती हो, तो उक्त क्षेत्र के छात्र छात्राओं हेतु ऑनलाइन शिक्षण सुविधा प्रदान करते हुए, विद्यालय में उपस्थिति की बाध्यता को शिथिल किया जाये। संस्थाध्यक्ष एवं कक्षाध्यापकों द्वारा प्रत्येक अभिभावक का मोबाईल नम्बर अवश्य प्राप्त कर लिया जाये ताकि उनके पाल्यों के पठन-पाठन, अवकाश आदि के सम्बन्ध में आवश्यकतानुसार यथासमय जानकारी दी जा सके।

यह भी पढ़ेंः चमोली हादसे मामले में जल्द गिरफ्तार होंगे दो अधिकारी, डीजीपी ने कहा..

विद्यालयों के जर्जर भवनों / कक्षों, आस-पास के परिवेश, विद्यालय के निकट भूस्खलन, जर्जर छत, किचन, जर्जर पेड़, विद्युत लाइन कनेक्शन स्विच बोर्ड आदि एवं अन्य शिक्षण स्थलों का समग्र रूप से अवलोकन करते हुए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। जर्जर कक्षों में पठन-पाठन कदापि न कराया जाय। यदि निकट परिसर में सुरक्षित पंचायत भवन / अन्य राजकीय भवन उपलब्ध होता हो तो उक्त स्थल का समुचित निरीक्षण करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।

यह भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम के गर्भगृह में फोटों खिंचने वाले शख्स ने मांगी माफी, 11 हजार अर्थदंड चुकाया..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X