टिहरी डैम का जलस्तर घटते ही दिखने लगा पुरानी टिहरी का खंडहर राजमहल..

The ruins of the old Tehri palace became visible : टिहरी डैम का जलस्तर घटते ही पुरानी टिहरी का खंडहर राजमहल दिखने लगा है। जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई है। टिहरी डैम में डूबे खंडहर राजमहल को देखकर लोगों की पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। देहरादून में बसे टिहरी के वासी आज इस यादगार दृश्य को देखने के लिए टिहरी पहुंचे। इसे देखकर आज भी लोगों की आंखें भर आती हैं।
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पुरानी टिहरी और राजमहल को देखकर भावुक हुए लोग | The ruins of the old Tehri palace became visible
पुरानी टिहरी और राजमहल को देख लोग भाव बिभोर हो गये। उन्होंने कहा टिहरी झील का जलस्तर कम होने से जब पुरानी टिहरी दिखाई देती है तो आंखों में आंसू आ जाते हैं। उन्होंने कहा पुरानी टिहरी स्वर्ग थी, जो किसी भी देश में नहीं है। लोगों ने बताा टिहरी को पहले त्रिहरी कहते थे। बताते हैं कि इस जगह पर ब्रह्मा बिष्णु महेश नहाने आते थे। इस लिये इसे त्रिहरी कहते थे।
स्थानीय लोगों ने कहा जब टिहरी झील का पानी कम होता है तह पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन को राजमहल तक जाने के लिए नाव लगानी चाहिये। जिससे लोग राजमहल तक जा सकें। उन्होंने कहा ऐसा करने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही धरोधर को लेकर भी लोग जागरुक होंगे।
29 जुलाई 2005 को टिहरी शहर में घुसा पानी | The ruins of the old Tehri palace became visible
बता दें 1965 में तत्कालीन केन्द्रीय सिंचाई मंत्री केएल राव ने टिहरी डैम बनाने की घोषणा की। 29 जुलाई 2005 को टिहरी शहर में पानी घुसा, करीब सौ परिवारों को अंतिम रूप से शहर छोड़ना पड़ा। साथ ही 29 अक्टूबर 2005 को टिहरी डैम की टनल 2 बन्द की गई और पुराने टिहरी शहर में जल भराव शुरू हुआ. जिसके बाद ये शहर हमेशा के लिए पानी में दफ्न हो गया। 30 जुलाई 2006 में टिहरी डैम से बिजली का उत्पादन शुरू होने लगा।
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