चारधाम यात्रा: यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद, अब खरसाली में होंगे मां के दर्शन..
उत्तरकाशी: उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट बंद करने प्रक्रिया शुरु हो गई है। इसी क्रम में आज भैयादूज के पावन पर्व पर मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए। यमुनोत्री धाम के कपाट के आज दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए गए। सुबह से लेकर दोपहर तक भक्तों को यमुनोत्री धाम के दर्शन करने दिया गया। वहीं, ठीक सुबह 8 बजे खरसाली से अपनी बहन यमुना को लेने के लिए शनि देव की डोली यमुनोत्री के लिए रवाना हुई, जो सुबह साढ़े दस बजे यमुनोत्री पहुंची।
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यमुना की डोली के मंदिर से बाहर निकलते ही यमुना के जयकारों से धाम का वातावरण कुछ देर के लिए भक्तिमय हो गया। जिसके बाद शनिदेव की अगुआई में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ यमुना जी की डोली शीतकालीन प्रवास खरसाली के लिए रवाना हुई। आज शनिवार को भैयादूज के अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत सुबह से ही धाम विशेष पूजा अर्चना की गई। अभिजीत मुहूर्त के शुभ अवसर पर दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर धाम के कपाट बंद किए गए।
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आपको बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को अन्नकूट पर्व पर दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए थे। अब मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ में किये जायेंगे। वहीं आज ही प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट प्रातः 8 बजे शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। अब केदारनाथ के दर्शन व पूजा अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में होंगे। वहीं अब आगामी 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
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