चारधाम यात्रा 2021: वैदिक मंत्रोच्चार के बीच केदारनाथ के कपाट बंद, हज़ारों श्रद्धालु बने साक्षी..
केदारनाथ: उत्तराखंड स्थित चार धामों में प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट आज भैया दूज के दिन प्रातः 8 बजे शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। जिसके देश के कौन कौने से पहुँचे हज़ारों श्रद्धालु साक्षी बने। इस दौरान बर्फ की सफेद चादर ओढ़े श्री केदारनाथ धाम की पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड बाजो की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि इस साल उत्तराखंड स्थित चारों धामों यानी गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे हैं। वहीं अब आगामी 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही 22 नवंबर को द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट बंद होंगे । श्री मद्महेश्वर भगवान की विग्रह डोली के 25 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने पर मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।
आज शनिवार को भैया दूज पर्व पर वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में समाधि पूजा-प्रक्रिया के पश्चात विधि-विधान से केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद किए गए। कपाटबंदी की प्रक्रिया ब्रह्ममुहूर्त में शुरू हो गई थी। प्रातः 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ का आव्हान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिवलिंग को विभूति, शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया। ठीक सुबह साढ़े 8 बजे मुख्यद्वार के कपाट बंद किए गए।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंदी के बाद पंचमुखी डोली ने पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। 7 नवंबर को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास हेतु पहुंचेगी। 8 नवंबर को भगवान केदारनाथ की डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएगी। 9 नवंबर से भगवान भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी। चारधामों में बीते कल 4 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए। आज दोपहर में ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद हो जाएंगे। गौड़ ने बताया कि अभी तक दो लाख 40 हजार से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे है। चारोंधामों में 4 चार लाख से श्रद्धालुओं ने दर्शनों का लाभ अर्जित किया।