चुनौतीः चारधाम यात्रा की राह में 40 से अधिक डेंजर जोन, जानें किस धाम की राह में कितनी बाधाएं..

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Hillvani-CharDham-Rout-Uttarakhand

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उत्तराखंडः राज्य में अगले माह से चारधाम यात्रा का संचालन होने जा रहा है। जिसको लेकर शासन प्रशासन अपनी तरफ से पूरजोर कौशिश कर रहा है। लेकिन अभी भी चारधाम यात्रा मार्गों पर कई जगह भूस्खलन की जद्द में हैं जो आने वाली चारधाम यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है। चारधाम यात्रा का संचालन सुगम तरीके से हो, इसके लिए सड़कों का सही तरीके से ट्रीटमेंट होना जरूरी है जिससे यात्रियों व श्रद्धालुओं को मुसीबतों का सामना न करना पडे़। चारधाम यात्रा मार्ग पर अभी भी 40 से अधिक सक्रिय भूस्खलन क्षेत्र हैं जो स्थानीय प्रशासन और सरकार के लिए चुनौती जरूर बनेंगे।

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वहीं शासन की मानें तो इन क्रॉनिक एक्टिव लैंड स्लाइड जोन के ट्रीटमेंट पर सौ करोड़ रुपये से अधिक बजट खर्च किया जा रहा है। लेकिन मौदूजा हालात को देखकर लगता है कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले इस सक्रिय भूस्खलन जोन में से ज्यादातर का काम पूरा नहीं हो पाएगा। वहीं गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग पर चिन्यालीसौड़ से लेकर धरासू बैंड तक हाईवे का काम कछुवा गति से चल रहा है। यहां सड़क बेहद जर्जर स्थिति में है। अगर यात्रा से पूर्व काम पूरा नहीं हुआ तो इसका सीधा असर चारधाम यात्रा पर पड़ेगा।

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चारधाम मार्गों पर चिह्नित सबसे खतरनाक लैंडस्लाइड जोन
टिहरी में अटालीगंगा होटल के समीप, होटल ताज के निगट सिंगटाली, कौड़ियाला पानी गदेरा के निकट, महादेव चट्टी, तोताघाटी, तीनधारा, देवप्रयाग तहसील के निकट, मूल्यागांव, पौड़ी में फरासू और चमधार, रुद्रप्रयाग में जवाड़ी बाईपास के निकट, नरकोटा, सिरोबगड़, डीएफओ ऑफिस के निकट, बांसवाड़ा में दो जगह, काकड़ागाड़, सेमी बैंड, देवीधार, ब्यूंगाड़ खुमेरा, खुमेरा (खाट), खाट, जामू, चंडिकाधार, कालाडूंगी, मुनकटिया, वाड़ा, चुन्नी बैंड, मस्तुरा, उत्तरकाशी में धरासू, छटांगा, सिलाई बैंड, ओजरी, खराड़ी, किसाला में दो जगह और पालीगाड़ में बेहद खतरनाक सक्रिय लैंडस्लाइड जोन हैं।

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निर्माण की गति धीमी, डेंजर जोन ज्यादा
केदारनाथ: केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बासवाड़ा, बडासू, डोलिया देवी के पास डेंजर जोन हैं। बारिश के दौरान भूस्खलन के कारण इस हाईवे में यातायात में बहुत ही दिक्कतें सामने आती हैं। इसके अलावा गैरीकुंड को जोड़ने वाली पांच किलोमीटर की सड़क भी बेहद ही संकरी है जो आने वाले यात्रा सीजन में श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत बन सकती है।
बदरीनाथ: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कमेड़ा, चडुवा पीपल, कालेश्वर, लंगासू, बैडाणू, देवलीबगड़, नंदप्रयाग, मैठाणा, कुहेड़, बिरही चट्टान, भनारपानी, हेलंग, सेलंग, लामबगड़ आदि डेंजर जोन हैं। इनमें से कई जोन हल्की सी बारिश में सक्रिय हो जाते हैं।

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गंगोत्री: गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चंबा से लेकर धरासू के बीच 12 से अधिक डेंजर जोन हैं। कंडीसौड़ के निकट रोमलगांव धार में भूस्खलन जोन सक्रिय बना हुआ है। चिन्यालीसौड़ के निकट नगुण के पास दूसरा बड़ा डेंजर जोन है। बडे़थी से धरासू बैंड के डेंजर जोन क्षेत्र में निर्माण की गति धीमी है।
यमुनोत्री: यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू बैंड से लेकर सिलक्यार के बीच दो बड़े डेंजर जोन हैं। सड़क की हालत भी बदहाल है। डाबरकोट भूस्खलन जोन का भी ट्रीटमेंट नहीं हुआ है। पालीगाड़ से फूलचट्टी तक सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे बने हुए हैं। साथ ही इस क्षेत्र में भी चार बड़े डेंजर जोन हैं।

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ट्रीटमेंट में हो चुके हैं करोड़ों रूपये खर्च
प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु का कहना है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर लैंडस्लाइड जोन चुनौती हैं, लेकिन हम उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर मॉर्थ के मानकों के तहत इनका ट्रीटमेंट कर रहे हैं। लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट में सौ करोड़ रुपये अधिक की धनराशि खर्च की जा रही है। टीएचडीसी के साथ पीडब्ल्यूडी और अन्य एजेंसियां इन पर काम कर रही हैं।

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