क्या चिरबटिया ITI दोबारा बंद होने कि कगार पर है? न अध्यापक न भवन कैसे संवरेगा नौनिहालों का भविष्य..

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Is Chirbatiya ITI on the verge of closure again. Hillvani News

Is Chirbatiya ITI on the verge of closure again. Hillvani News

राज्य और केन्द्र सरकार देश के युवाओं को स्वरोजगार दिलाने के साथ ही विभिन्न रोजगार परख शिक्षण संस्थायें खोलने की बात करती आ रही है। जिनके लिए कई स्तर पर काम भी किये जाते हैं लेकिन सरकारों की उदासीनता के कारण ये अपने मुकाम पर नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे ही कुछ हालात राज्य के दर्जनों पॉलिटेक्निक और आईटीआई शिक्षण संस्थानों के हैं जो कि बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। ऐसा ही एक आईटीआई संस्थान रुद्रप्रयाग के चिरबटिया में है। जिसे दिसंबर 2019 में सरकार की ओर से उक्त संस्थान का संचालन बंद कर दिया गया, जिससे यहां के छात्रों को काफी दिक्कत उठानी पड़ी थी। इस पर ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू किया, जिसके बाद आईटीआई का संचालन शुरू हो सका था। चिरबटिया आईटीआई दो साल बंद रहने के बाद शुरू तो किया गया लेकिन शायद सरकार, क्षेत्रीय विधायक और जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देना भूल गए।

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एकमात्र अध्यापक का भी हुआ तबादला
पिछले दो वर्ष से बंद चल रहे आईटीआई चिरबटिया का दो वर्ष बाद फिर से संचालन शुरू तो हुआ साथ एक अध्यापक और एक उपनल आउटसोर्स कर्मचारी को भी भेजा गया। जिसके पश्चात संस्थान में कुछ छात्रों ने प्रवेश भी लिया और उनकी पढ़ाई भी विधिवत शुरू हो गई है। लेकिन अब मुख्य अध्यापक का तबादला आदेश आने के बाद फिर से आईटीआई चिरबटिया में पढ़ने वाले नौनिहालों का भविष्य फिर से अंधकार में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। चिरबटिया के आस पास के लोगों में जो आईटीआई को लेकर आस बनी थी वह फिर से टूट गई है। अगर अध्यापक का तबादला हो जाता है तो कैसे कक्षाएं संचालित होगी यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

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दोबारा शुरू करने के लिए हुआ था क्रमिक अनशन
आईटीआई चिरबटिया को दोबारा शुरू करवाने के लिए ग्राम लुठियाग सहित आप पास के लोगों ने सांकेतिक चक्काजाम और भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया था। जो चिरबटिया आईटीआई संघर्ष समिति के बैनर तले शुरू किया गया था। जिसके पश्चात आईटीआई चिरबटिया में एक अध्यापक को भेज कर आईटीआई का फिर से संचालन शुरू किया गया था। लेकिन आईटीआई के पास अपना भवन न होने के चलते अभी भी दिक्कत थी। लेकिन एक एनजीओ जन विकास संस्थान चिरबटिया ने आईटीआई की कक्षाओं के संचालन के लिए जगह दी, जिसमें 220 वर्ग मीटर के दो बडे़ हाल व तीन अन्य कमरे शामिल हैं। जिसके बाद आईटीआई का दोबारा संचालन शुरू किया गया।

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क्षेत्रीय विधायक व जनप्रतिनिधि कर रहे सिर्फ कोरे वादे
वर्षों बाद भी आईटीआई भवन व अध्यापक के अभाव में यहां प्रशिक्षण ले रहे छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। छात्रों को न भवन और न ही शिक्षित करने वाले अध्यापक मिल रहे है। क्षेत्र की जनता ने कई बार क्षेत्रीय विधायक व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार से शीघ्र संस्थान के भवन में निर्माण कार्य शुरू करने और अध्यापकों की मांग की थी लेकिन क्षेत्रीय विधायकों व जनप्रतिनिधियों से मांग के बदले मिला तो सिर्फ कोरे वादे जो आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं। लगता है कि सरकार और जनता के प्रतिनिधियों को भी क्षेत्र के नौनिहालों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है।

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आईटीआई को आज तक नहीं हुआ अपना भवन नसीब
रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली विकासखण्ड के सीमांत क्षेत्र चिरबटिया का आईटीआई शुरुआती दौर से ही अव्यवस्थाओं का दंश झेल रहा है। साल 1989 में उत्तरप्रदेश सरकार ने टिहरी और रुद्रप्रयाग की सीमा(तत्कालीन टिहरी जनपद) पर चिरबटिया में आईटीआई शिक्षण संस्थान को स्वीकृति दी थी। जिसका संचालन 1992 में तीन ट्रेडों के साथ किराये के भवन पर शुरू किया गया था। इस संस्थान की ओर सरकार की उदासीनता का आलम इस बात से लगाया जा सकता है कि 27 साल बीत जाने के बाद भी इसे आज तक अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि ग्राम सभा द्वारा चिरबटिया आईटीआई के लिए भूमि भी दी गई है, लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक भवन निर्माण के लिए कोई कार्रवाही शुरू नहीं हो सकी है।

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ग्राम व क्षेत्रवासी नहीं चहाते की अध्यापक को हो तबादला
आपको बता दें कि जो अध्यापक अभी चिरबटिया आईटीआई का संचालन कर रहे है वह कई सालों से चिरबटिया आईटीआई में अपनी सेवा दे चुके हैं। लेकिन आईटीआई बंद होने के बाद उनका तबादला दूसरे संस्थान में हो गया। दो साल बाद जब चिरबटिया आईटीआई का संचालन दोबारा शुरू किया गया तो दोबारा से उन्ही अध्यापक को आईटीआई संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन अब अध्यापक का अधिकारिक तौर पर तबादला हो रहा है तो ग्राम व क्षेत्रवासी मायूस हो गए हैं। क्षेत्रीय जनता भी चहाती है कि चिरबटिया आईटीआई को यही अध्यापक अपनी देखरेख में संचालित करें। साथ ही जो छात्र अभी वहां अध्यनरत है उनका भी यही कहना है।

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