उत्तराखंड: कई दरोगाओं पर गिर सकती है गाज। विजिलेंस ने सौंपी रिपोर्ट, 33 फीसदी नाकाबिल..

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Inspector Recruitment Scam: उत्तराखंड दरोगा भर्ती घोटाले के मामले में बड़ा अपडेट आ रहा है। बताया जा रहा है कि मामले में विजिलेंस ने अपनी जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। इस जांच के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही कई दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। अब इन दरोगाओं के भविष्य का फैसला शासन में ही किया जाना है। आइए जानते है पूरा मामला..

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मिली जानकारी के अनुसार यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली के आरोपों के बीच मई 2022 में एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की थी। इस जांच में कई आरोपियों और नकल माफिया को गिरफ्तार भी किया गया। इस बीच पहले कुछ और भर्तियों में धांधली की बात सामने आई। जिसमें 2015 में हुई दरोगा सीधी भर्ती परीक्षा में भी घोटाले की खबरे आई। बताया गया कि यह परीक्षा पंत नगर विवि ने आयोजित कराई थी। जिसके बाद मामले में पुलिस मुख्यालय की संस्तुति के बाद विजिलेंस ने जांच शुरू की।

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जांच में विजिलेंस ने हल्द्वानी सेक्टर में आठ अक्तूबर 2022 को नकल माफिया समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पिछले साल जनवरी से 20 दरोगा को सस्पेंड किया गया। इस जांच में कुछ दरोगाओं पर आरोप सिद्ध होते हुए दिखाई दिए हैं, तो वहीं कई दरोगा जांच में सही पाए गए हैं। मामले में अब शासन को विजिलेंस ने रिपोर्ट सौंप दी है। अब इन दरोगाओं का फैसला शासन ने करना है। अब देखते है शासन कब क्या कार्रवाई करता है।

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परिवार की संपत्तियां गिरवी रखकर माफिया को पैसे दिए। Inspector Recruitment Scam
आपको बता दें कि जनवरी 2023 में 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया था। इस पूरे मामले में दरोगाओं और उनके परिजनों की संपत्तियों की जांच भी की गई। इसमें पता चला कि कुछ दरोगा ऐसे थे, जिन्होंने अपने परिवार की संपत्तियां गिरवी रखकर माफिया को पैसे दिए थे। उस वक्त तक ये सब आरोप थे। बताया जा रहा है कि विजिलेंस को इनमें से कुछ दरोगाओं के खिलाफ ऐसे साक्ष्य मिल भी चुके हैं, लेकिन कई दरोगा ऐसे भी हैं जिनका इस मामले में बेवजह नाम घसीटा गया। वह अपने स्तर से परीक्षा में पास हुए थे। अब विजिलेंस ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

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33 प्रतिशत दरोगा बताए गए थे नाकाबिल। Inspector Recruitment Scam
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच के शुरूआत में शक जताया गया था कि कुल भर्ती दरोगाओं में से कम से कम 33 फीसदी दरोगा नाकाबिल हैं। इनमें से ज्यादातर को अपनी केस डायरी तक लिखना नहीं आता है। इन सब कामों के लिए भी वह दूसरों का सहारा लेते हैं। बता दें कि 2015 में कुल 339 दरोगा सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती हुए थे। वहीं निदेशक विजिलेंस डॉ. वी मुरुगेशन का कहना है कि विजिलेंस ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब शासन स्तर पर ही बैठक कर इस पर अगली कार्रवाई की जाएगी। जांच में जो तथ्य आए हैं, उनसे शासन को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है।

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