उत्तराखंडः मानव वन्य जीव संघर्ष की रोकथाम हेतु आमजन मानस में हो जागरूकता का प्रसार..

0
Human wildlife conflict in Uttarakhand. Hillvani News

Human wildlife conflict in Uttarakhand. Hillvani News

देहरादून सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गुलदार द्वारा बच्चों पर आक्रमण करने की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रमुख सचिव वन श्री आर. के. सुधांशु को निर्देश दिये गये थे कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना पर कार्य किया जाय। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में शासन द्वारा मानव वन्यजीव संघर्ष के निवारण में जनसामान्य की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु वन विभाग के मार्गदर्शन में स्थानीय स्तर पर सहयोग के लिये कतिपय दिशा निर्देश एवं सुझाव निर्गत किये गये है। जारी निर्देशों में उल्लेख किया गया है कि लोग वन्यजीव बाहुल्य वन क्षेत्रों में अकेले जाने से बचें। यथासंभव समूह में जाये तथा इनसे गुजरते समय विशेष रूप से सतर्क रहे। किसी वन्यप्राणी की उपस्थिति का आभास होने पर अत्यन्त सावधानी बरती जाय।

यह भी पढ़ेंः अब विकास की दौड़ में हमारे सीमांत जनपद रहेंगे सबसे आगे..

जारी निर्देशों में बताया गया है कि ऐसे क्षेत्रो में सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच अत्यन्त आवश्यक होने पर ही प्रवेश करें तथा इस अवधि में अत्यन्त सावधानी बरते। नित्य कर्म अथवा अन्य किसी कार्य से अचानक मार्ग के निकट वन में प्रवेश न करें। बच्चों को समूह में स्कूल आने-जाने को प्रेरित किया जाय। वन क्षेत्रों से जाते समय अपने साथ यथासम्भव मजबूत छड़ी आदि साथ रखें। वन्य प्राणियों से सामना होने पर सावधानी बरते एवं जल्दी से जल्दी सुरक्षित दूरी बनायी जाय। किसी वन्यप्राणी के दिखने पर यह अवश्य देखा जाय कि वह अकेला है अथवा समूह में। जो वन्य प्राणी समूह में विचरण करते हैं, उनके बारे में यह सुनिश्चित कर ले कि यदि एक वन्यप्राणी दिख रहा है तो उस समूह के अन्य सदस्य आपके पीछे अथवा आस-पास तो नहीं है। ऐसा किया जाना सुरक्षा की दृष्टि से परम आवश्यक है।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः भारत-चीन सीमा पर वीरगति को प्राप्त हुए राइफलमैन शैलेंद्र। घर का था इकलौता चिराग, परिवार में मातम..

कौतूहलवश अथवा अति उत्साह में किसी वन्य प्राणी के पास जाने एवं फोटो खींचने आदि से बचें। यदि किसी वन्यजीव के साथ उसके बच्चे / शावक साथ हो तो ऐसे में विशेष सावधानी बरते तथा प्रत्येक स्थिति में ऐसे वन्यजीव से सुरक्षित दूरी बनाये रखें। गौशाला, शौचालय एवं घरों के आस-पास झाड़ियों की नियमित रूप से सफाई रखें एवं प्रकाश की व्यवस्था करें। विशेष रुप से वर्षाकाल तथा शीतकाल में कोहरे के समय ऐसा किया जाना नितान्त आवश्यक है, अन्यथा वन्यप्राणियों को इनके अत्यन्त निकट छुपने की जगह मिल जाती है, जिससे आकस्मिक दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड: राज्यसभा चुनाव के लिए RO और ARO नामित, आयोग ने सूची भेजने के दिए निर्देश..

उप सचिव बन अनुभाग सत्य प्रकाश सिंह द्वारा महानिदेशक सूचना को संबोधित पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार के कचरे को घर के आस-पास अथवा रास्ते में इधर-उधर न फेंके, उसके निस्तारण की उचित व्यवस्था करे। इस प्रकार आसानी से उपलब्ध होने वाले भोजन से वन्यप्राणी आकर्षित होते हैं, जिनसे उनके साथ सामना होने की सम्भावना बढ़ जाती है। बंदरों को खाद्य सामग्री कदापि न दी जाय। एक बार सुलभ खाद्य सामग्री की आदत पड़ जाने के बाद यह निडर होकर इसकी खोज में मानव आबादी की ओर आकर्षित होते है। इसकी आदत बनने के बाद ऐसे व्यवहार में परिवर्तन लाना अत्यंत कठिन होता है।

यह भी पढ़ेंः पिथौरागढ़: शव यात्रा के दौरान अलग अलग जगहों पर दो बड़े हादसे..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X