देहरादून : शहर में गुलदार दिखने की सूचना से हरकत में आई पुलिस, लाउडस्पीकर से लोगों को किया अलर्ट..

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Guldar seen in Dehradun city

Guldar seen in Dehradun city : रायपुर और राजपुर पुलिस ने सोमवार शाम से देर रात तक सड़कों पर लाउडस्पीकर के जरिए इलाके में गुलदार दिखने की सूचना दे कर लोगों से घरों में ही रहने की अपील की। पुलिस और वन विभाग की टीमें देहरादून शहर के कई इलाकों में गुलदार दिखने की सूचना से हरकत में आ गई हैं। पुलिस को रायपुर के मयूर विहार में भी गुलदार दिखने की सूचना मिली थी। वन विभाग की टीमें यहां भी गश्त कर रही हैं।

सोमवार को दिन ढलने के बाद से ही पुलिस और वन विभाग की टीमें गश्त के लिए निकल गईं। पुलिसकर्मी सायरन बजाते हुए लोगों को सचेत कर रहे हैं। पुलिसकर्मी कह रहे हैं कि क्षेत्र में गुलदार (तेंदुआ) घूम रहा है। आप लोग घरों से न निकलें। सभी लोग सतर्क रहें। कहीं गुलदार दिखाई देता है तो इसकी सूचना वन विभाग और पुलिस को दें।

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20 दिनों में दो बालकों पर हमले कर चुके गुलदार | Guldar seen in Dehradun city

सर्दी और धुंध बढ़ने के साथ ही गुलदार बेखौफ हो गए हैं। पिछले 20 दिनों में गुलदार दो बालकों पर हमले कर चुके हैं। इसमें एक की मौत हो गई, जबकि दूसरे को गुलदार के शिकंजे से बचा लिया गया। वन्यजीव जानकार बताते हैं कि ठंड बढ़ने के साथ ही स्थितियां गुलदार के पक्ष में आ जाती है। डीएफओ देहरादून नितिशमणि त्रिपाठी बताते हैं कि सर्दी में विजबिलिटी कम हो जाती है। इस कारण गुलदार सामान्य दिनों की अपेक्षा बेखौफ हो जाता है। सर्दी में पहाड़ी क्षेत्रों में लोग घरों से बाहर नहीं निकलते। इसका लाभ वह उठाता है और आसानी से शिकार कर लेता है।

ठंड में शाम चार से रात में नौ बजे तक शिकार करता है गुलदार | Guldar seen in Dehradun city

वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. जीएस कुसारिया बताते हैं कि कि सर्दी में गुलदार के शिकार करने की साइकिल भी बढ़ जाती है, गर्मी में यह शाम सात से नौ बजे के बीच शिकार करता है, जबकि ठंड में सन्नाटा पसर जाने पर शाम चार से रात में नौ बजे तक शिकार करता है। शिकार के लिए अधिक समय होने पर खतरा भी अधिक होता है। बताते हैं कि वह बकरी और बछड़े की लोकेशन का अंदाजा सूंघकर ले लेता है। इस बीच गांवों में बच्चे आदि खेलते मिल जाने पर उन पर हमला बोल देता है।

ऐसे बरतें सावधानियां

– जंगली क्षेत्रों में अकेले न जाएं। आवश्यक हो तो हाथ में लाठी-डंडा अवश्य रखें।

-समूह में लोगों के साथ रास्ते से गुजरें, इससे गुलदार से बचाव कर सकेंगे।

– बच्चों को ऐसी जगहों पर न जाने दें, जहां गुलदार की आवाजाही आम हो।

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