मासूम छात्र की मौत के बाद आज जागे शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग, पढ़ें आदेश…
उत्तराखंड में स्कूलों की जर्जर हालत और चंपावत क्षेत्र में हुई घटना के बाद अब शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखंड बंशीधर तिवारी ने उत्तराखंड के सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि वह अपने जनपदों के अंतर्गत समस्त विद्यालयों में स्थित जर्जर भवनों एवं शौचालयों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तत्काल करें। साथ ही उन्होंने कहा है कि वह अपने क्षेत्र के समस्त विद्यालयों का निरीक्षण कर यह देखें कि कक्षा कक्ष के आसपास कोई विशालकाय कमजोर वृक्ष या विद्युत लाइन न हो जिससे बच्चों को कोई खतरा हो। यदि ऐसा है तो इसके लिए भी पर्याप्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।
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वहीं विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने चंपावत जनपद के पाटी ब्लॉक के राजकीय विद्यालय की घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने प्रदेशभर में जर्जर हो चुके विद्यालयी भवनों का जनपदवार सर्वे करा कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिये हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सके। शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने सचिव शिक्षा रविनाथ रमन को भविष्य में इस तरह की घटना रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेशभर में जीर्ण-शीर्ण विद्यालयी भवनों का सर्वे करा कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय, साथ ही जो भवन मरम्मत योग्य हैं उनकी डीपीआर तैयार कर शीघ्र शासन को प्रस्ताव भेजा जाय। डॉ. रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने उक्त घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री के निर्देश के बाद अधिकारियों ने मामले का त्वरित संज्ञान लेते हुये बुधवार को ही समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर जीर्ण-शीर्ण भवनों के ध्वस्तीकरण के निर्देश जारी कर दिये।
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आपको बता दें कि बुधवार को चंपावत जिले की पाटी ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय मौनकांडा में शौचालय की छत गिरने से एक छात्र की दुःखद मृत्यु हो गई थी। वहीं कुछ छात्र घायल हो गए थे। महानिदेशक ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि इससे पूर्व भी समय-समय पर जर्जर भवनों को उपयोग में न लाने के निर्देश दिये जाते रहे हैं इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं घटित होना कहीं न कहीं विद्यालय प्रशासन की लापरवाही प्रतीत होती है। उन्होंने पत्र में छात्र-छात्राओं को सुरक्षित भवनों में बिठाने और विद्यालय परिसर में स्थित पेड़, बिजली की तार व ट्रांसफार्मर से छात्रों को दूर रखे जाने के निर्देश भी जारी किये हैं।
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